नेटवर्क किसे कहते हैं | कंप्यूटर नेटवर्क की परिभाषा आवश्यकता , लाभ क्या है उपयोग प्रकार Computer network in hindi

Computer network in hindi नेटवर्क किसे कहते हैं | कंप्यूटर नेटवर्क की परिभाषा आवश्यकता , लाभ क्या है उपयोग प्रकार ? कार्य ?

डेटा संचार
डेटा संचार दो या दो से अधिक कम्प्यूटर केन्द्रों के बीच डिजिटल या एनालॉग डेटा स्थानान्तरण है, जो आपस में संचार चैनल से जुड़ा होता है।
डेटा संचार के लाभ
 डेटा को भौतिक रूप से भेजने में तथा डेटा तैयार करने में लगने वाले समय की बचत ।
 आधुनिक कम्प्यूटर के प्रोसेसिंग शक्ति तथा संग्रहण क्षमता का पूर्ण उपयोग।
 फाइल से सूचनाओं की तीव्र प्राप्ति ।
 फाइलों के नकल से बचाव तथा शुद्धता।
 कम खर्च में डेटा का आदान-प्रदान ।
संचार चैनल के प्रकार
संचार चैनल मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
1. सिम्पलेक्स चैनल
A B
प्रेषक प्राप्तकर्ता
इसमें डेटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है। जैसे- रेडियो स्टेशन से रेडियो सिग्नल श्रोताओं के पास पहुँचता है, पर श्रोता वापस उन्हें रेडियो स्टेशन स्थानांतरित नहीं कर सकता है । सिग्नल एक ही दिशा में अर्थात् ‘A’ से ‘B’ की ओर जाता है।
2. अर्द्ध डुप्लेक्स चैनल
A  B

प्रेषक प्राप्तकर्ता प्राप्तकर्ता या प्रेषक
इस चैनल में डेटा का प्रवाह दोनों दिशाओं में होता है। परन्तु एक समय में किसी एक ही दिशा में डेटा का प्रवाह होता है, अर्थात् ‘A’ से ‘B’ या ‘B’ से ‘A की ओर । जैसे- टेलीफोन लाइन।
3. पूर्ण डुप्लेक्स
प्रेषक A B प्राप्तकर्ता
प्राप्तकर्ता A  B प्रेषक
इस चैनल में डेटा का प्रवाह दोनों दिशाओं में एक साथ हो सकता है। एक ही समय में डेटा ‘A’ से “B” की ओर ‘B’ से “A” की ओर आ-जा सकता है।
इन्फार्मेशन ट्रासफर स्पीड
इन्फामेंशन ट्रांसफर स्पीड को बिट्स और बॉड रेट से मापा जाता है।
एक सेकंड में स्थानांतरित बिट्स की गति को बिट रेट कहते हैं।
एक सेकंड में सिग्नल के अवस्था में परिवर्तन कितनी बार होता है इसे बॉड रेट कहते हैं।
डाटा कम्युनिकेशन माध्यम
एक कम्प्यूटर से टर्मिनल या टर्मिनल से कम्प्यूटर तक डाटा के प्रवाह के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे कम्युनिकेशन लाइन या डेटा लिंक कहते हैं । ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं–
1. स्टैन्डई टेलीफोन लाइन
2. को-एक्सियल केबल
3. माइक्रोवेव ट्रांसमिशन
4. उपग्रह संचार
5. प्रकाशीय तंतु
1. स्टैन्डर्ड टेलीफोन लाइन: यह व्यापक रूप से उपयोग होने वाला डेटा कम्युनिकेशन माध्यम है। इसके ज्यादा प्रभावी रूप से उपयोग होने का कारण यह है कि इसे जोड़ना सरल है तथा बड़ी मात्रा में टेलीफोन केबल लाइन उपलब्ध हैं। ये दो ताँबे के तार होते हैं जिनपर कुचालक की एक परत चढ़ी होती है।
2. को-एक्सियल केबल: यह उच्च गुणवत्ता के संचार माध्यम है। ये जमीन या समुद्र के नीचे से ले जाये जाते हैं। को-एक्सियल केबल के केन्द्र में ठोस तार होता है जो कुचालक से चारों तरफ घिरा रहता है। इस कुचालक के अपर तार की जाली बनी होती है, जिसके ऊपर कुचालक की परत होती है। ये टेलीफोन तार की तुलना में महँगा होता है, पर अधिक डेटा कम्युनिकेशन की क्षमता होती है। इसका उपयोग केबल टीवी नेटवर्क तथा कम्प्यूटर नेटवर्क में किया जाता है।
3. माइक्रोवेव ट्रांसमिशन या इनफ्रारेड ट्रांसमिशन: इस सिस्टम में सिग्नल खुले जगह से होकर रेडियो सिग्नल की तरह संचारित किये जाते है यह स्टैन्डर्ड टेलीफोन लाइन तथा को-एक्सियल केबल की तुलना में तीव्र गति से संचार प्रदान करता है। इस सिस्टम में डेटा सीधी रेखा में गमन करती है तथा एन्टिना की आवश्यकता होती है। लगभग 30 मीलों पर रिले स्टेशन की जरूरत होती है। लम्बी दूरी सिग्नल भेजने के लिए सिग्नल को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर विस्तार भेजा जाता है । यह बैंडविड्थ अच्छा प्रदान करता है पर वर्षा, धूल,बर्फ, बादल अर्थात खराब वातावरण से प्रभावित होता है। इसका उपयोग टेलीविजन प्रसारण तथा सेलुलर नेटवर्क में होता है।
4. उपग्रह संचार: उपग्रह संचार तीव्र गति के डेटा संचार का माध्यम है। यह लम्बी दूरी के संचार के लिए आदर्श माना जाता है। अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह को जमीन पर स्थित स्टेशन से सिग्नल भेजा जाता है। उपग्रह उस सिग्नल का विस्तार कर दूसरे जमीनी स्टेशन को जो हजारों मील दूर अवस्थित होता है, पुनः भेजता है। इस सिस्टम में विशाल डेटा का समूह तीव्र गति से अधिकतम दूरी तक भेजा जा सकता है। इसका उपयोग उपग्रह फोन, टीवी तथा इंटरनेट के लिए होता है।
5. प्रकाशीय तंतु संचार: प्रकाशीय तंतु एक नई तकनीक है जिसने धातु के तारों और केबल के जगह पर विशिष्ट प्रकार के ग्लास या प्लास्टिक के तंतु का उपयोग डाटा संचार के लिए किया जाता है। ये धातु की तुलना में काफी हल्की, आकार में कम तथा तीव्र गति से डेटा संचारित करने में सक्षम है। यह शोर कम तथा बैंडविड्थ अधिक प्रदान करता है। इसका उपयोग टेलीकम्युनिकेशन और नेटवर्किंग के लिए होता है। यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करता है। यह रेडियो आवृति अवरोधों से मुक्त होता है।
नेटवर्क
नेटवर्क आपस में एक दूसरे से जुड़े कम्प्यूटरों का समूह है जो एक दूसरे से संचार स्थापित करने तथा सूचनाओं, संसाधनों को साझा इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं। जैसे-प्रिटर इत्यादि । किसी भी नेटवर्क को स्थापित करने के लिए प्रेषक, प्राप्तकर्ता, माध्यम तथा प्रोटोकाल की आवश्यकता होती है। विश्व का प्रथम कम्प्यूटर नेटवर्क ।त्च्।छम्ज् है। –
प्रोटोकॉल: प्रोटोकॉल किसी भी नेटवर्क में विशेष नियमों तथा मानकों का समूह है जिसके नियमानुसार डेटा स्थानान्तरण तथा आपस में एक दूसरे कम्प्यूटरों का जा जाता है।
नोड: किसी नेटवर्क में नोड एक कनेक्सन प्वाइंट है जहाँ डेटा ट्रांसमिशन का अंत होता है या वहाँ से पुनः डेटा का वितरण होता है।
सर्वर: सर्वर मुख्य कम्प्यूटर है जो नेटवर्क से जुड़ें दूसरे कम्प्यूटरों को रिसोर्सेन प्रदान करते हैं। यह नेटवर्क में सबसे महत्त्वपूर्ण तथा शक्तिशाली कम्प्यूटर है। सर्वर एक सेन्ट्रल कम्प्यूटर है जो बहुत सारे च्ब्ेए वर्कस्टेशन्स और अन्य कम्प्यूटरों के लिए डाटा और प्रोग्रामों के संग्रह को होल्ड करता है।
टर्मिनल: यह मेनफ्रेम या सुपर कम्प्यूटर के संसाधनों का साझा इस्तेमा लिए उपयोग होता है।
डम्ब टर्मिनल: यह नगण्य इंटेल्जेिंस वाला कम्प्यूटर है।
नेटवर्क के लिए आवश्यक उपकरण
नेटवर्क स्थापित करने के लिए मुख्य उपकरण निम्नलिखित हैं –
1. रिपीटर्स 2. हब 3. स्विच 4. राउटर्स 5. गेटवे
नेटवर्क के प्रकार
नेटवर्क के निम्नलिखित प्रकार हैं-
1. लोकल एरिया नेटवर्क या स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क: यह एक नेटवर्क है, जिसके अन्दर छोटे भौगोलिक क्षेत्र जैसे- घर, ऑफिस, भवनों का एक छोटा समूह या हवाई अड्डा आदि में कम्प्यूटर नेटवर्क है। वर्तमान लैन ईथरनेट तकनीकी पर आधारित है। इस नेटवर्क का आकार छोटा, लेकिन डेटा संचारण की गति तीव्र होती है।
वाइड एरिया नेटवर्क व्यापक क्षेत्र नेटवर्क: इस नेटवर्क में कम्प्यूटर आपस में लीज्ड लाइन या स्विचड सर्किट के द्वारा जुड़े रहते हैं। यह नेटवर्क व्यापक भौगोलिक क्षेत्र देश, महादेश में फैला नेटवर्क का जाल है । इंटरनेट इसका अच्छा उदाहरण है। भारत में ब्डब् द्वारा विकसित इंडोनेट वैन का उदाहरण है। बैंकों द्वारा प्रदत्त ।ज्ड सुविधा वाइड एरिया नेटवर्क का उदाहरण है।
3. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्कः दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क को जोड़ता है। यह शहर की सीमाओं के भीतर स्थित कम्प्यूटरों का नेटवर्क है । राउटर्स, स्विच और हब्स मिलकर एक ड।छ का निर्माण करते हैं।
नेटवर्क टोपोलॉजी
नेटवर्क टोपोलॉजी विभिन्न नोड्स या टर्मिनल को आपस में जोड़ने का तरीका है। यह विभिन्न नोड्स के बीच भौतिक संरचना को दर्शाता है।
नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार
1. मेस नेटवर्क: यह नेटवर्क उच्च ट्रैफीक स्थिति में मार्ग का ध्यान में रखकर उपयोग किया जाता है। इसमें किसी भी स्रोत से कई मार्गों से संदेश भेजा जा सकता है। पूर्णतः इन्टरकनेक्टेड मेस नेटवर्क खर्चीला है, क्योंकि इसमें ज्यादा केबल तथा हर नोड मे इटेलिजेंस की आवश्यकता होती है। इस नेटवर्क में उच्च सुरक्षा अनुप्रयोग में डाटा प्रेषित किया जाता है।
2. स्टार नेटवर्क: इस नेटवर्क में एक केन्द्रीय नोड होता है जो इंटेलिजेंस से युक्त होता है। बाकी नोड्स इससे जुड़े रहते है। इस केन्द्रीय नोड को हब कहते है। कोई एक केबल में कोई कठिनाई आने पर एक ही नोड विफल होता है परन्तु अगर हब में कोई कठिनाई आती है तो सारा नेटवर्क विफल हो जाता है।
3. रिंग नेटवर्क: इस नेटवर्क में सभी नोड्स में समान रूप से इंटेलिजेंस होता है। डेटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है परन्तु किसी भी एक केबल या नोड में कठिनाई आने पर दूसरे दिशा से संचार संभव है।
4. बस नेटवर्क: इस नेटवर्क में सभी नोड्स एक ही केवल में जुड़े रहते हैं। कोई भी नोड किसी दूसरे नोड को डेटा प्रेषित करना चाहता है तो उसे देखना होता है कि बस में कोई डेटा प्रवाहित तो नहीं हो रहा है। बस खाली रहने पर नोड डेटा प्रेषित कर सकता है। डेटा प्राप्त करने के लिए हर नोड के पास इतनी इंटेलिजेंस होनी चाहिए कि वह बस से अपने पता ज्ञात कर डेटा प्राप्त कर सके। इसमें कम केबल की आवश्यकता होती है तथा कोई नया नोड जोड़ना आसान होता है। परन्तु प्रमुख ट्रांसमिशन लाइन में कठिनाई आने पर सारा नेटवर्क विफल हो जाता है।

23. ………..एक बहुत ही सीमित भौगोलिक क्षेत्र, सामान्यतः एक ही बिल्डिंग में पर्सनल कंप्यूटरों को टिपिकली कनेक्ट करता है।
(अ) LAN (ब) BAN (स) TAN (द) NAN (इ) इनमें से कोई नहीं
24. LAN से जुड़े कंप्यूटर…….सकते हैं।
(अ) तेजी से चल (ब) इनफार्मेशन और/या पेरिफरल एक्विपमेंट शेयर कर
(इ) इनमें से कोई नहीं (स) ई-मेल कर (द) ओनलाइन ज (इ) इनमें से कोई नहीं
25. किसी टिपिकल नेटवर्क में सबसे महत्वपूर्ण या शक्तिशाली कंप्यूटर कौन-सा है?
(अ) डेस्कटाॅप (ब) नेटवर्क स्टेशन (स) नेटवर्क क्लाइंट (द) नेटवर्क सर्वर
(इ) इनमें से कोई नहीं
26. डम्ब टर्मिनल क्या है?
(अ) माइक्रो कंप्यूटर (ब) नगण्य इंटेलिजेंस वाला टर्मिनल (स) सेंट्रल कंप्यूटर
(द) ब्च्न् के साथ टर्मिनल (इ) इनमें से कोई नहीं
27. निम्न में से किसका संदर्भ छोटे, एकल साइट नेटवर्क से है ?
(अ) LAN (ब) DSL (स) RAM (द) USB (इ) CPU
28. कम्प्यूटर नेटवर्क में कौन-से प्रकार का संसाधन सामान्यतः शेयर किया जाता है?
(अ) प्रिंटर्स (ब) स्पिकर्स (स) फ्लापी डिस्क ड्राइव (द) कुंजीपटल (इ) इनमें से कोई नहीं
29. कार्यालय / ऑफिस स्।छे जो भौगोलिक तौर पर बड़े पैमाने पर बिखरे हुए हैं उनको कारपोरेट ……. के प्रयोग से जोडा जा सकता है।
(अ) CAN (ब) LAN (स) DAN (द) WAN (इ) TAN
30. एक……..नियमों का सैट है।
(अ) संसाधन / रिसोर्स लोकेटर (ब) डोमेन (स) हाइपरटेक्स्ट् (द) यूआरएल (न्त्स्) (इ) प्रोटोकॉल
31. टर्मिनल क्या है?
(अ) कंप्यूटर को पावर सप्लाई देने वाला उपकरण
(ब) वह बिंदु जिस पर डाटा कंप्यूटर में प्रवेश करता है या निकलता है
(स) किसी प्रोग्राम का अंतिम अनुदेश
(द) कोई भी इनपट आउटपट उपकरणसहितकर काका
(इ) इनमें से कोई नहीं
32. उस डिवाइस को क्या कहते हैं जो केबल के प्रयोग के बिना नेटवर्क से कनेक्ट कर देती है?
(अ) डिस्ट्रीब्यूटिड (ब) वायरलेस (स) सेंट्रलाइज्ड (द) ओपन सोर्स (इ) स्कैटर्ड
33. कंप्यूटर …….. में दो डेटा अधिक कंप्यूटर और अन्य डिवाइसेस होते हैं जो डाटा और प्रोग्राम शेयर करने के लिए कनेक्टेड होते हैं।
(अ) नेटवर्क (ब) सिस्टम (स) वर्क स्टेशन (द) डिवाइस (इ) इनमें से कोई नहीं

उत्तरमाला 

23. (अ) 24. (ब) 25. (द) 26. (ब) 27. (अ) 28. (अ) 29. (द) 30. (इ)
31. (ब) 32. (ब) 33. (अ)