कॉम्पटन प्रभाव क्या है , परिभाषा , सूत्र (compton effect in hindi) , व्हाट इस कॉम्प्टन इफ़ेक्ट इन हिंदी

(compton effect in hindi) कॉम्पटन प्रभाव क्या है , परिभाषा , सूत्र , व्हाट इस कॉम्प्टन इफ़ेक्ट इन हिंदी : जब किसी फोटोन को किसी पदार्थ पर डाला जाता है तो यह फोटोन पदार्थ के इलेक्ट्रॉन से टकराता है और टक्कर (संघट्ट) के बाद फोटोन का प्रकीर्णन हो जाता है , इलेक्ट्रॉन द्वारा फोटोन के प्रकीर्णन को कॉम्पटन प्रभाव कहते है।

चित्रानुसार जब किसी पदार्थ पर फोटोन को आपतित किया जाता है तो ये इलेक्ट्रान से टकराने के बाद प्रकिर्णित हो जाते है , इसी घटना को कॉम्पटन प्रभाव कहते है।
कॉम्पटन प्रभाव से सम्बंधित मुख्य बिंदु निम्न है –

  • फोटॉन का किसी इलेक्ट्रान से टकराने के बाद , इलेक्ट्रान द्वारा फोटॉन को प्रकीर्णन करने को कॉम्पटन प्रभाव कहते है।
  • इलेक्ट्रान तथा फोटोन के मध्य इस टक्कर (संघट्ट) में कुल ऊर्जा और कुल संवेग का मान संरक्षित रहता है।
  • आपतित फोटोन की तुलना में प्रकिर्णित फोटोन की ऊर्जा कम होती है क्यूंकि कुछ ऊर्जा यह फोटोन इलेक्ट्रान को दे देता है ताकि यह पदार्थ की सतह से मुक्त हो जाए।
  • चूँकि प्रकिर्णित फोटोन की ऊर्जा का मान आपतित फोटोन से कम हो जाता है अत: प्रकिर्णित फोटोन की तरंग दैर्ध्य का मान आपतन फोटोन की तरंग दैर्ध्य से अधिक होता है।
  •  कॉम्पटन प्रभाव प्रक्रिया में फोटोन की ऊर्जा में जो कमी आती है वह इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा के रूप में काम आती है।
  • कॉम्पटन प्रभाव में फोटोन की तरंग दैधर्य में जो परिवर्तन होता है उसे कॉम्पटन विस्थापन कहते है।
कॉम्प्टन विस्थापन का सूत्र –
चूँकि कॉम्पटन प्रभाव घटना में फोटोन की तरंग दैधर्य में आये परिवर्तन को कॉम्पटन विस्थापन जाता है अत: कॉम्पटन विस्थापन का सूत्र निम्न है –
ध्यान रखे कि कॉम्पटन विस्थापन का मान मात्र प्रकीर्णन कोण के मान पर निर्भर करता है , कॉम्पटन विस्थापन का मान आपतित तरंग दैधर्य और प्रकिर्णित पदार्थ पर निर्भर नही करता है।