(A) परिक्षित प्रावस्था व परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्था के आधार पर :
परिक्षित प्रावस्था
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परिक्षेपण माध्यम
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कोलॉइडी का प्रकार या विशिष्ट नाम
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उदाहरण
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ठोस
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गैस
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ऐरोसॉल
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आँधी , सिगरेट का धुआँ
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द्रव
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सॉल
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स्वर्ण सॉल , रजत सॉल
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ठोस
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ठोस सॉल
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रत्न , मणि , कांच , मिश्र धातु
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द्रव
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गैस
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ऐरोसॉल
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कोहरा , बादल
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द्रव
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पायस या इमल्सन
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दुग्ध
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ठोस
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जैल
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मल्हम , colgat gel , पनीर , मक्खन
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गैस
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गैस
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x
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x
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द्रव
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फोम (Foam )
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बियर के झाग
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ठोस
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ठोस फोम
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प्यूमिस स्टोन
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प्रश्न 1 : जैल में परिक्षित व परीक्षेण माध्य क्रमशः है।
उत्तर : परिक्षेत प्रावस्था द्रव , परीक्षेण माध्य ठोस।
प्रश्न 2 : बादल किस प्रकार का कोलाइडी विलयन है।
उत्तर : ऐरोसॉल
प्रश्न : ठोस में परीक्षेत ठोस का नाम है ?
उत्तर : ठोस सॉल
(B) परीक्षेत प्रावस्था व परीक्षेत माध्यम के अन्तः क्रिया के आधार पर :
ये दो प्रकार के होते है।
(1) द्रव रागी कोलाइड या द्रव स्नेही कोलाइड :
वे पदार्थ जिन्हे उपयुक्त परीक्षेपण माध्यम में मिलाने पर आसानी से कोलाइडी विलयन बना लेते है उन्हें द्रव रागी कोलाइड कहते है।
यदि कोलाइड कणो को किसी विधि से स्कंधित कर दिया जाए तो परिक्षेपण माध्यम मिलाने पर ये पुन: अपना कोलाइडी विलयन बना लेते है अतः इसे उत्क्रमणीय कोलाइड भी कहते है जैसे गोंद , स्टार्च , जिलेटिन आदि।
(2) द्रव विरागी कोलाइड :
वे पदार्थ जिन्हे परिक्षेपण माध्यम में मिलाने पर वे आसानी से कोलाइडी विलयन नहीं बनाते उन्हें द्रव विरागी कोलाइड कहते है।
यदि कोलाइड कणो कोलाइड कणों को किसी विधि से स्कन्धित कर दिया जाए तो इसमें परीक्षेण माध्यम मिलाने पर ये पुन: अपना कोलाइडी विलयन नहीं बनाते अतः इन्हे अनुत्क्रमणीय कोलाइड भी कहते है। उदाहरण : धातु , धातु हाइड्रोक्साइड , धातु सल्फाइड आदि।
द्रव रागी और द्रव विरागी कोलाइड में अंतर लिखो
द्रव रागी
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द्रव विरागी
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1. इन्हे आसानी से बनाया जा सकता है
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इन्हे आसानी से नहीं बनाया जा सकता।
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2. इन्हे उत्क्रमणीय कोलाइड कहते है।
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इन्हें अनुत्क्रमणीय कोलाइड कहते है।
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3. इनका स्कन्दन आसानी से नहीं होता।
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इनका स्कंदन आसानी से हो जाता है।
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4. ये विलायक संकरित होते है अतः अधिक स्थायी है।
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ये विलायक संकरित नहीं होते है अतः कम स्थायी है।
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(C) परिक्षिप्त प्रावस्था व कणों के प्रकार के आधार पर :
ये तीन प्रकार के होते है।
(1) बहु आण्विक कोलाइड :
ये कई परमाणु या अणुओं के झुण्ड के रूप में होते है इनके कणों का आकार 1nm से भी कम होते है।
उदाहरण : रजत सॉल , स्वर्ण सॉल , असेट सॉल
(2) वृहद आण्विक कोलाइड :
इनके कोलाइडी कण बहुलक का रूप में होते है , ये विलयन रूप में अधिक स्थायी होते है।
स्टार्च , प्रोटीन , सेलुलोज , प्रोटीन एन्जाइम , आदि।
प्राकृतिक वृहद आण्विक कोलाइड है।
जबकि पॉलीथिन , पोली स्टायलीन , नायलॉन आदि मानव निर्मित वृहद आण्विक कोलाइड है।
(3) सहचारी या संगुणित कोलाइड :
वे कोलाइड जो निम्न सांद्रता पर विधुत अपघट्य की तरह परन्तु उच्च सांद्रता पर गोलीय पुंज (मिसेल) बना लेते है उन्हें सहचारी कोलाइड कहते है।
उदाहरण : (1) C17H35COONa सोडियम स्टियरेट (साबुन)