सी.बी.ए. पाठ्यक्रम की विशेषताएँ, उद्देश्य तथा अनुदेशन सामग्री क्या हैं ? केमीकल बोंड एप्रोच (Chemical Bond Approach] CBA)

केमीकल बोंड एप्रोच (Chemical Bond Approach in hindi) CBA) सी.बी.ए. पाठ्यक्रम की विशेषताएँ, उद्देश्य तथा अनुदेशन सामग्री क्या हैं ?

प्रश्न 3. कैम स्टडी की प्रमुख विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।
Discuss the salient features of CHEM study.
उत्तर- कैम स्टडी के उद्देश्य-
1. विज्ञान समझने के लिए वैज्ञानिकों एवं शिक्षकों के बीच अन्तर कम करना।
2. माध्यमिक स्तर के उन विद्यार्थियों को जो कि कॉलेज स्तर पर रसायन शास्त्र पढ़ने का इरादा रखते हैं व्यावसायिक जीवन के लिए तैयार करना ।
3. जो विद्यार्थी स्कूल के बाद अध्ययन जारी नहीं रखना चाहते हैं उनको मानव गतिविधियों में विज्ञान के महत्व को समझने में सहायता करना।
4. शिक्षकों को रसायन शास्त्र में आगे अध्ययन करने के लिए उत्साहित करना जिससे कि वे विषय के नये आयामों से तालमेल रख शिक्षण विधियों में सुधार ला सकें।
5. परीक्षण के दौरान जो चीजें प्रभावशाली न लगें उन्हें हटाना।
6. 1960 से प्राप्त ज्ञान के आधार पर प्रगति करना।
कैम स्टडी पाठ्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ – इस पाठ्यक्रम में प्रयोगशाला कार्य पर विशेष जोर दिया गया। यहाँ तक कि प्रारम्भ में कुछ दिन छात्रों को प्रयोगशाला कार्य ही करना होता है और पाठ्य-पुस्तक नहीं दी जाती है। इससे छात्र यह अनुभव करते हैं कि रसायन शास्त्र मूलतः प्रायोगिक विज्ञान है। अवलोकन का महत्व एवं विविधता पर प्रकाश डालने के लिए छात्रों से एक मोमबत्ती पर अधिक से अधिक प्रकार के अवलोकन लेने के लिए कहा जाता है। बाद में छात्र अपनी तालिका की तुलना प्रस्तुत 53 प्रकार के अवलोकन से करते हैं। इससे छात्रों का ध्यान अवलोकन के विभिन्न आयामों पर पड़ता है। लगभग तीन चैथाई प्रयोग जो कि पाठ्यचर्या में शामिल किये गए हैं संख्यात्मक अवलोकन पर आधारित हैं लेकिन इनके लिए उच्चस्तरीय गणित की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कभी-कभी बीजगणित की आवश्यकता जरूर पड़ती है। उपकरणों को जानबूझ कर सरल रखा गया है और प्रयोग करते समय छात्रों को चुनाव की सुविधा रहती है और सामान्य विद्यार्थियों से अधिक आगे के स्तर पर कार्य भी छात्र कर सकते हैं।
प्रश्न 4. सी.बी.ए. पाठ्यक्रम की विशेषताएँ, उद्देश्य तथा अनुदेशन सामग्री का वर्णन कीजिए।
Discuss the distinguishing features, objectives and instructional material of Chemical Bond Approach (C.B.A.)
उत्तर – केमीकल बोंड एप्रोच (Chemical Bond Approach] CBA)- इस पाठयक्रम का विकास लारेंस ई. स्ट्रांग के निर्देशन में 1958-1959 में किया गया। स्ट्रांग महोदय का इस कार्यक्रम को विकसित करने का प्रमुख ध्येय छात्रों को रसायन विज्ञान का परिचय रासायनिक परिवर्तन और आणविक संरचना पर विशेष जोर देकर कराना था। वे चाहते थे कि छात्र रसायन विज्ञान को आणविक संरचना में हुए परिवर्तन के सन्दर्भ में सीखें न कि केवल पुस्तकीय रटे-रटाए ज्ञान के आधार पर।
रासायनिक बोण्ड उपागम (Chemical Bond Approach) के भाग-रासायनिक बोण्ड उपागम को 5 भागों में बांटा गया है।
1. रासायनिक परिवर्तन और पदार्थों की परस्पर क्रिया-इस भाग में छात्रों को रासायनिक परिवर्तन किस प्रकार से होते हैं और विभिन्न पदार्थ किस प्रकार परस्पर क्रिया करते हैं, को विस्तार से समझाया जाता है।
2. परमाणुओं की क्रिया से यौगिकों व अणुओं का बनना-इस भाग में यह बताया गया है कि विभिन्न परमाणुओं का इलेक्ट्रानिक विकास क्या है और वे किन-किन परिस्थितियों में अणुओं व यौगिकों की कैसी संरचनाएँ बनाते हैं।
3. अभ्रप्रतिदर्श (Cloud Model) कक्षीय व प्रतिदर्श (Orbital Model) तीसरे भाग को तीन उपभागों में बांटा जा सकता है-
1. अध्र प्रतिदर्श (Cloud Model) के बारे में छात्रों को समझाना ।
2. कक्षीय प्रतिदर्श (Orbital Model) के बारे में छात्रों को समझाना।
3. उपरोक्त के अध्ययन के पश्चात् अणु और क्रिस्टल की संरचना की व्याख्या करना।
4. ब्ण्ठण्।ण् के चैथे भाग को भी तीन भागों में बांटा जा सकता है-
1. सहसंयोजक बंध की व्याख्या (Covalent Bond)
2. घात्विक बंध की व्याख्या (Metalic Bond)
3. आयनिक बंध की व्याख्या (Ionic Bond)
5. C.B.A. के पांचवें भाग में दो बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है-
1. रासायनिक संतुलन
2. रासायनिक क्रिया
रासायनिक बंध उपागम के उद्देश्य-  C.B.A. पाठ्यक्रम के उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं-
1. एक प्रारम्भिक आधुनिक पाठ्यक्रम निर्माण करना जो कि रसायन शास्त्र में रुचि जगाए।
2. इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पाठ्यपुस्तक एवं प्रयोगशाला सामी करना।
3. माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की रसायन शास्त्र की जानकारी को आधुनिक बनाना।
4. छात्रों को प्रोजेक्ट द्वारा कार्य सम्पन्न करवाने पर बल।
रासायनिक बंध उपागम में प्रोजेक्ट व्यवस्था- C.B.A. पाठ्यक्रमों में प्रोजेक माध्यम से निम्न प्रकार अध्ययन करवाया जाता है
1. प्रयोगशाला कार्य के माध्यम से छात्रों में समस्या निर्धारित करना।
2. प्रयोग करना।
3. विश्लेषण करना और विश्लेषक के आधार पर परिणाम निकालना।
रासायनिक बंध उपागम की विशेषताएँ-रासायनिक बंध उपागम की निम्न प्रमुख विशेषताएँ हैं –
1. C.B.A. पाठ्यचर्या में विचारों और प्रयोगों पर बल दिया गया है।
2. C.B.A. पाठ्यचर्या में धारणात्मक परिभाषाओं पर ध्यान दिया गया है।
3. C.B.A. पाठ्यचर्या में छात्रों की सहायता को प्रगति के साथ धीरे-धीरे कम । किया जाता है। जब तक छात्र स्वयं सभी कार्य करना न सीखें छात्रों की । सहायतार्थ निम्न प्रकार की व्यवस्था की गई है-
(अ) प्रथम दस प्रयोग साधारण प्रयोग हैं।
(ब) दूसरे प्रकार के प्रयोग भिन्न हैं और इनको करने के लिए संकेत दिए गए हैं जिससे समस्या हल की जा सके।
(स) तीसरे प्रकार के प्रयोगों में केवल समस्याएं दी गई हैं, कोई संकेत नहीं दिए गए और ये छात्रों को स्वयं हल करने हैं।
4. C.B.A. पाठ्यचर्या की चैथी प्रमुख विशेषता यह है कि सैद्धान्तिक एवं
प्रायोगिक कार्य साथ-साथ चलते हैं और ये एक दूसरे के पूरक बनाए गए हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि C.B.A. पाठ्यचर्या छात्रों को रसायन विज्ञान को मूलरूप से समझाने पर बल देती है। C.B.A. से सम्बन्धित सामान्य रचनाएँ निम्नतालिका से स्पष्ट होती है
सी.बी.ए. सम्बन्धी सूचनाएँ
उत्पत्ति का देश – यू. एस. ए.
आयु वर्ग – 16-18
प्रतिपादन वर्ष – 1959
परियोजना निदेशक – एल. ई. स्ट्रांग
प्रमुख पाठ्य – कैमिकल सिस्टम्स एण्ड इन्वेस्टिगेटिंग कैमिकल सिस्टम्स
अंगीकारक – यू. एस. ए. सीमित परन्तु व्यापक प्रभाव
प्रभाव क्षेत्र – सम्पूर्ण विश्व । भौतिक रसायन में अभिविन्यास के कारण इसकी क्रियान्विति का प्रावरोध (Inhibition) हुआ।
संशोधन – 1964-77 की अवधि में इस उद्देश्य के साथ कि भौतिकी पर विश्वसनीयता (Rcliance) कम करते हुए पठन सामग्री के स्तर को घटाना।
सूचना साधन – सन्दर्भ टेन्थ इन्टरनेशनल क्लिअरिंग हाउस रिपोर्ट P.53 न्यू टेक्स्ट्स केमीकल सिस्टम्स II, 1976 इन्वेस्टिगेटिंग कैमिकल सिस्टम्स II 1977। सी. बी ए. ने प्रयोगशाला नियम पुस्तिका (Laboratory Manual), शिक्षक मार्ग-दर्शिका (Teacher Guide) और एजूकेशन टेस्टिंग सर्विस के सहयोग से मूल्यांकन उपकरणों (Evaluation Instruments) का उत्पादन किया।