गणक चक्र चूड़ामणि की उपाधि ब्रह्मगुप्त को किस गणितज्ञ ने दी ? Chakra Chudamani or ganak chakra chudamani

प्रश्न 7 : गणक चक्र चूड़ामणि की उपाधि ब्रह्मगुप्त को किस गणितज्ञ ने दी ?

उत्तर : ब्रह्मगुप्त को ‘भास्कर गणितज्ञ’ ने गणक चक्र चूड़ामणि की उपाधि दी थी।
भास्कर भी एक महान गणितज्ञ थे।
ब्रह्मगुप्त एक गणितज्ञ थे जिन्होंने सबसे पहले शून्य के कार्य करने के लिए बनाये बनाये थे और इनके गणित के क्षेत्र में इस अद्भुद कार्य को देखते हुए भास्कर गणितज्ञ ने उन्हें गणक चक्र चूड़ामणि की उपाधि दी थी।
ब्रह्मगुप्त एक महान और बहुत ही प्रचलित भारतीय गणितज्ञ थे , जिनका जन्म 598 ई.पू. उज्जैन में हुआ था जो वर्तमान में मध्यप्रदेश में स्थित है , तथा इनकी मृत्यु 668 ई.पू. हुई थी।
इनको सबसे अधिक शून्य के विषय में जाना जाता है , शून्य के साथ गणना करने के लिए ब्रह्मगुप्त ने ही सबसे पहले नियम बनाये थे।
भास्कराचार्य मध्यकालीन भारत के महान गणितज्ञ और ज्योतिष थे , भास्कराचार्य ने अपने कई सिद्धांतो और गणनाओ में ब्रह्मगुप्त को आधार माना था , उन्होंने कई जगह पर ब्रह्मगुप्त की प्रशंसा की थी और उनके द्वारा किये गए काम को अद्भुद बताया था।
ब्रह्मगुप्त ने अपना सबसे पहला ग्रन्थ ‘ब्रह्मस्फुटसिद्धांत’ लिखा था , इस ग्रन्थ में शून्य और ऋणात्मक अंको पर गणित की गणना आदि करने के लिए नियमो का विस्तार से वर्णन करके समझाया हुआ है।
इनके द्वारा दिए उस प्राचीन समय में नियम आज के आधुनिक गणित के नियमों के लगभग समान ही माने ही माने जाते है , लेकिन ब्रह्मगुप्त के ग्रन्थ में शून्य द्वारा भाग करने का नियम या विधि का वर्णन नहीं किया गया है।
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