JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Biology

कोशिका क्या है (cells in hindi) कोशिका सिद्धांत ,प्रोकैरियोटिक कोशिका व यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर

(cells in hindi ) कोशिका क्या है , कोशिका किसे कहते हैं  कोशिका सिद्धांत ,प्रोकैरियोटिक कोशिका व यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर की परिभाषा , उदाहरण , प्रश्न उत्तर बताइये ?

परिभाषा : सभी जीव कोशिकाओं से बने होते है , कोशिका के कारण ही जीव स्वतंत्र जीवन व्यापन करते है तथा जीवन के सभी आवश्यक कार्य करने में सक्षम होते है अत: कोशिका सजीव शरीर की जनन सम चयनात्मक झिल्ली से परिबद्ध , संरचनात्मक व चयन क्रियात्मक इकाई है |

खोज : कोशिका की खोज का श्रेय रॉबर्ट हुक (1665) को जाता है , सर्वप्रथम ल्युवेन होक (1683) ने जीवाणुओं , RBC , शुक्राणुओं एवं अन्य एककोशिकीय जीवों का अध्ययन कर जीवित कोशिकाओं को देखा – रॉबर्ट ब्राउन (1831) ने कोशिका में केन्द्रक की खोज की तथा कोर्टी (1772) ने जीवद्रव्य को सर्वप्रथम देखा |

कोशिका सिद्धांत (Cell theory)

1838 में जर्मनी के वनस्पती वैज्ञानिक मैथियस स्लाइडन व 1839 में श्वसन ने विभिन्न पादप कोशिकाओं व जन्तु कोशिकाओं का अध्ययन कर कोशिका सिद्धांत दिया |

उनके अनुसार सभी पादपों व जन्तुओं का शरीर कोशिकाओ व उत्पाद से बना होता है तथा कोशिकाओं के बाहर पतली परत पायी जाती है जिसे जीव द्रव्य झिल्ली कहते है |

कोशिका सिद्धांत को निगेली व रन्डोल्फ विर्चोव ने 1855 में नए रूप में प्रस्तुत किया |

  1. सभी जीव कोशिकाओं तथा उनके उत्पादों से बने होते है |
  2. नवीन कोशिकाओं का निर्माण पुनरावर्ती कोशिकाओं के विभाजन से होता है |
  3. कोशिका सजीव शरीर की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई होती है |
  4. कोशिका में जीव के आनुवांशिक गुण निहित होते है |
  5. प्रत्येक कोशिका जीवन के उद्भव व स्वभाव को प्रदर्शित करती है |

कोशिका का समग्र अवलोकन

आकार के अनुसार कोशिकाओ में विविधता पायी जाती है , ये छाडाकार , सर्पिल , कोमाकार एवं विभिन्न आकार की हो सकती है | पादप कोशिकाओं का व्यास 15 से 100 म्यू तक होती है | सबसे छोटी कोशिका माइक्रोप्लाज्मा 0.3 माइक्रोमीटर लम्बाई की जबकि जीवाणु कोशिकाओं 3 से 5 माइक्रोमीटर की होती है |  यूकेरीयेटिक कोशिकाओं में शुतरमुर्ग का अण्डा सबसे बड़ी कोशिका होती है जिसका व्यास 15 सेंटीमीटर होता है , मानव में RBC का व्यास 7 माइक्रो मीटर होता है , तंत्रिका कोशिका शरीर की सबसे लम्बी कोशिका होती है | पादपों में बोहमेरिया निविया की कोशिकाओं 22-55 cm होती है |

कोशिकाएँ विम्बाकर , बहुभुजी , स्तंभी , घनाभ या धागे के समान आकृति की होती है | कोशिकाओं का भिन्न रूप उनके कार्य के अनुसार होता है |

विकास व केन्द्रक की संरचना के आधार पर कोशिकाएँ दो प्रकार की होती है –

  1. प्रोकेरियोटिक कोशिका / अससीम केन्द्रकी कोशिका (Prokoryotic cells) : ऐसी कोशिकाएँ जिनमे झिल्ली युक्त सुसंगठित केन्द्रक तथा दोहरी झिल्ली युक्त कोशिकांगो का अभाव होता है प्रोकेरियोटिक कोशिकाओ में केन्द्रक के समतुल्य अंग को केन्द्रकाभ कहते है | इन कोशिकाओं में आनुवांशिक पदार्थ गुणसूत्रों के रूप में न होकर नग्न , न्यूक्लिक अम्ल के रूप में होता है इनमे स्ट्रान प्रोटीन का अभाव होता है तथा श्वसन के लिए मिसोसोम होते है |
  2. यूकैरियोटिक कोशिका / समीमकेन्द्रकी कोशिका (ukargatic cells) : सभी उच्च पादपों व प्राणियों यूकैरियोटिक कोशिका होती है , इनमें सुसंगठित व झिल्ली युक्त केन्द्रक पाया जाता है | तथा दोहरी झिल्ली से परिबद्ध कोशिकांग पाये जाते है | इनमे आनुवांशिक पदार्थ गुणसूत्रों के रूप तथा स्ट्रोन प्रोटीन पायी जाती है |

प्रोकेरियोटिक कोशिका व यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर

लक्षण प्रोकेरियोटिक कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका
1.       आकार छोटी व आध्य होती है | बड़ी व विकसित होती है
2.       केन्द्रक सुसंगठित केन्द्रक का अभाव सुसंगठित केन्द्रक उपस्थित
3.       आनुवांशिक पदार्थ नग्न न्यूक्लिक अम्ल के रूप में गुणसूत्रों के रूप में
4.       कोशिकीय श्वसन मीजोसोम द्वारा माइटोकोंड्रिया द्वारा
5.       कोशिकांग अनुपस्थित उपस्थित
6.       राइबोसोम 70 S प्रकार का 80 S प्रकार का
7.       हिस्टोन प्रोटीन अनुपस्थित उपस्थित
8.       कोशिका विभाजन सरल प्रकार का उपस्थित
9.       उदाहरण शैवाल , जीवाणु , माइकोप्लाज्मा , प्लूरोनिमोनिया समजीव (PPLO) उच्च पादप व उच्च जंतु

पादप व जंतु कोशिका में अंतर

लक्षण पादप कोशिका जन्तु कोशिका
1.       कोशिका भित्ति उपस्थित होती है अनुपस्थित होती है
2.       रसधानी बड़ी होती है छोटी या अनुपस्थित होती है
3.       पोषण स्वपोषी होती है परपोषी होती है
4.       तारककाय अनुपस्थित उपस्थित
5.       भोजन संचय स्टार्च के रूप में ग्लाइकोजन के रूप में
6.       कोशिका विभाजन कोशिका विभाजन के समय कोशिका पट का निर्माण होता है कोशिका खांच के रूप में निर्माण होता है

कोशिका

 

कोशिका जीवन की आधारभूत संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है। कोशिका में प्रायः स्वजनन की क्षमता होती है। पौधों एवं जीवों में कोशिकाओं की आकृति, माप व संख्याएं भिन्न-भिन्न होती हैं।

* कोशिका की खोज 1665 में रॉबर्ट हुक ने की थी। जर्मनी के दो जीब वैज्ञानिकों एम श्लाइडन और टी श्वान ने 1838-39 में

कोशिका के प्रकार

रचना के आधार पर कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैंः

प्रारम्भिक कोशिकाएं या प्रोकैरियोटिक कोशिकाः सरल रचना वाली इस प्रकार की कोशिकाओं में स्पष्ट केन्द्रक का अभाव होता है। इनमें डीएनए द्वारा निर्मित गुणसूत्र कोशिका द्रव्य के न्यूक्लिओड में मौजूद होते हैं।

पूर्ण विकसित कोशिकाएं या यूकैरियोटिक कोशिकाः इसमें एक सुस्पष्ट केन्द्रक दो झिल्लियों से घिरा होता है। इस प्रकार की कोशिकाएं विषाणु, जीवाणु तथा नील-हरित शैवाल में नहीं पायी जाती हैं। इनमें गुणसूत्रों की संख्या एक से अधिक होती है। इनमें श्वसन तंत्र माइट्रोकॉन्ड्रिया में होता है। राइबोसोम 80ै प्रकार का होता है। इनमें कोशिका विभाजन समसूत्री तथा अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा होता है । यूकैरियोटिक के मुख्यतः तीन भाग होते हैंः (A) जीव द्रव्य, (B) रिक्तिका, (C) कोशिका भित्ति

* कोशिका द्रव्य व केन्द्रक को सम्मिलित रूप से जीव द्रव्य कहा जाता है।

कोशिका संरचना और कोशिका के अंग

प्लाज्मा झिल्ली

यह झिल्ली पदार्थों के भीतर आने या बाहर जाने पर नियंत्रण रखती है। यह प्रोटीन एवं लिपिड की बनी होती है।

कोशिका द्रव्य

यह कोशिका के अंदर का तरल पदार्थ है जो पारदर्शी व चिपचिपा होता

है।

केन्द्रक

कोशिका के मध्य में एक केंद्रक होता है, जो सभी कोशिकीय क्रियाओं का नियंत्रण केंद्र होता है। केन्द्रक में केंद्रिका तथा क्रोमोटीन होते हैं। यही क्रोमोटीन कोशिका विभाजन के समय क्रोमोसोम में रूपांतरित हो जाती हैं। क्रोमोसोम में बहुत से जीन होते हैं।

* कोशिका में केंद्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने 1831 में की थी।

* केन्द्रक के अंदर गाढ़ा अर्द्धतरल द्रव्य भरा रहता है, जिसे केन्द्रक द्रव्य कहते हैं। केन्द्रक द्रव्य में महीन धागों की जाल जैसी रचना पायी जाती है जिसे क्रोमेटीन (नेटवर्क) कहा जाता है।

* केंद्रक डीएनए और प्रोटीन का बना होता है।

* डीएनए आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाते हैं।

* कोशिका विभाजन के समय क्रोमेटीन जालिक के धागे अलग होकर छोटी-मोटी छड़ जैसी रचना में बदल जाते हैं, जिन्हें गुणसूत्र कहते हैं।

* डीएनए के अणु में कोशिका के निर्माण एवं उसके संगठित होने की सभी आवश्यक सूचनाएं संग्रहित होती हैं। डीएनए का क्रियात्मक खंड जीन कहलाता है। इसलिए डीएनए को आनुवंशिक पदार्थ तथा जीन को आनुवंशिक इकाई कहते है। कोशिका के सिद्धांत को प्रतिपादित किया था, जिसके अनुसार सभी जीवों का निर्माण कोशिकाओं से होता है। प्रत्येक कोशिका एक स्वतंत्र इकाई होती है, और सभी कोशिकाएं मिलकर काम करती हैं।

* सबसे छोटी कोशिका पीपीएलओ है, जबकि आस्ट्रिच के अंडे की कोशिका सबसे बड़ी कोशिका होती है।

* केन्द्रक कोशिका की रक्षा करता है और कोशिका विभाजन में भाग लेता है।

* यह प्रोटीन संश्लेषण हेतु आवश्यक कोशिकीय आरएनए को उत्पन्न करता है।

* केन्द्रिका में आरएनए का संश्लेषण होता है।

नाभिकीय अम्ल

नाभिकीय अम्ल बहुलक मैक्रोअणु (अर्थात् विशाल जैव-अणु) होता है, जो एकलकिक न्यूक्लियोटाइड्स की शृंखलाओ से बनता है। ये अणु आनुवंशिक सूचना पहुंचाने का काम करते हैं, साथ ही ये कोशिकाओं का ढांचा भी बनाते हैं। सामान्यतया प्रयोग होने वाले नाभिकीय अम्ल हैं डीएनए या डीऑक्सी राइबो नाभिकीय अम्ल एवं आरएनए या राइबो नाभिकीय अम्ल । नाभिकीय अम्ल प्राणियों में सदा ही उपस्थित होता है, क्योंकि यह सभी कोशिकाओं और विषाणुओं तक में होता है। नाभिकीय अम्ल की खोज फ्रेडरिक मिशर ने की थी।

अंतर्मेद्रव्य जालिका

यह जालिका कोशिकाद्रव्य में आशयों और नलिकाओं के रूप में फैली रहती है। इसकी स्थिति सामान्यतया केंद्रकीय झिल्ली तथा द्रव्यकला के बीच होती है, किंतु यह अकसर संपूर्ण कोशिका में फैली रहती है। यह जालिका दो प्रकार की होती हैः चिकनी सतहवाली और खुरदुरी सतहवाली। इसकी सतह खुरदुरी इसलिए होती है कि इसपर रिबोसोम के कण बिखरे रहते हैं। इसके अनके कार्य बतलाए गए हैं, जैसे द्रव्यों का प्रत्यावर्त, अंतःकोशिकीय अभिगम, प्रोटोन संश्लेषण इत्यादि?

माइटोकॉन्ड्रिया

इसकी खोज अल्टमेन ने 1886 ई. में की थी। यह कोशिका द्रव्य में पायी जाती है। इसमें भोजन का संपूर्ण ऑक्सीकरण होता है, जिससे कोशिका को ऊर्जा प्राप्त होती है। इसलिए इसे कोशिका का पावर हाउस भी कहा जाता है। 36 ।ज्च् अणु जो एक ग्लूकोज अणु के टूटने से बनते हैं, उनमें से 34 ।ज्च् माइटोकॉन्ड्रिया में ही बनते हैं।

* गाल्जीकाय चपटी झिल्लियों की एक संरचना होती है। इसे कोशिका का उत्सर्जन अंग कहा जाता है।

हरित लवक

ये केवल प्रकाश संश्लेषित पादप कोशिकाओं में ही पाये जाते हैं क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया का केन्द्र होते हैं।

रिक्तकाएं

यह एकल झिल्ली से घिरी छोटी सैक होती हैं। रिक्तकाओं में सेल सैप होता है जो पानी, खनिज लवण, शर्करा, पिगमेंट्स और इंजाइम का बना होता है।

* रिक्तकाएं पादप और जीव दोनों कोशिका में पाया जाता है।

* बड़ी रिक्तकाओं के मौजूद होने से कोशिका का परासरणी दाब बढ़ जाता है।

कोशिका भित्ति

यह प्लाज्मा झिल्ली के बाहर की परत होती है, जो प्रायः पादप कोशिकाओं में पायी जाती है और यह सेलूलोज की बनी होती है। यह जीवाणु व हरे-नीले शैवाल की कोशिकाओं में मौजूद होती है।

राइबोसोम

केन्द्रक के बाहर जालिका रूपी संरचनाएं होती हैं, जिन्हें अंतरप्रद्रव्यी जालिका कहते हैं। कुछ जालिकाओं के किनारे राइबोसोम पाये जाते हैं, जो कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य संपादित करते हैं। राइबोसोम, प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों प्रकार की कोशिकाओं में पाये जाते हैं।

लाइसोसोम

कोशिका में लाइसोसोम नामक एक अंगक होता है जिसमें अपघटन एंजाइम की थैलियां होती हैं जो बहुत सारे पदार्थ को अपघटित करती हैं। इसे आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है। सेंट्रोसोम

ये केंद्रक के समीप पाए जाते हैं। इनके एक विशेष भाग को सेंट्रोस्फीयर कहते हैं, जिसके भीतर सेंट्रिओलों का एक जोड़ा पाया जाता है। कोशिकाविभाजन के समय ये विभाजक कोशिका के ध्रव का निर्धारण और कुछ कोशिकाओं में कशाभिका जैसी संरचनाओं को उत्पन्न करते हैं।

गोल्गी यंत्र

इस अंग का यह नाम इसके आविष्कारक, कैमिलो गोल्गी, के नाम पर पड़ा है, जिन्होंने 1898 में सर्वप्रथम इसकी खोज की। यह अंग साधारणतया केंद्रक के समीप, अकेले या समूहों में पाया जाता है। इसकी रचना तीन तत्वों या घटकों द्वारा हुई होती है रू सपाट कोश, बड़ी बड़ी रिक्तिकाएं तथा आशय । यह एक प्रकार के जाल जैसा दिखलाई देता है। इनका मुख्य कार्य कोशिकीय स्रवण और प्रोटीनों, वसाओं तथा कतिपय किण्वों का भडारण करना है।

 

 

पादप कोशिका तथा प्राणी कोशिका में अंतर

पादप कोशिका        प्राणी कोशिका

  1. कोशिका भित्ति उपस्थित होती है। 1.  कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है।
  2. प्लाज्मा झिल्ली के अतिरिक्त, एक मोटी भित्ति से घिरी होती है। 2.  केवल प्लाज्मा झिल्ली से घिरी रहती है।
  3. क्लोरोप्लास्ट बहुत ही सामान्य होते हैं। 3.  क्लोरोप्लास्ट नहीं होते हैं।
  4. सेंट्रोसोम एवं तारक केंद्र के स्थान पर दो छोटे साफ क्षेत्र होते हैं। 4.  सेंट्रोसोम एवं तारक केंद्र होते हैं।
  5. यह आकार में बड़ी व निश्चित होती है। 5.  यह आकार में छोटी व अनियमित होती है।

कोशिकाओं की विशिष्टता

यदि किसी शरीर में सभी कोशिकाएं समान होती हैं और समान कार्य करती हैं तो वहां कुछ कार्य ऐसे भी होंगे जिसे कोई अंग वह कार्य करने में अक्षम होगा। इनमें से अधिकतर कोशिकाएं कुछ ही कार्यों को संपन्न करने में सक्षम होती हैं। प्रत्येक विशेष कार्य कोशिकाओं के विभिन्न समूहों द्वारा किया जाता है। ये समूह एक विशिष्ट कार्य को ही दक्षता पूर्ण संपन्न करने के लिए सक्षम होते हैं। इनके प्रमुख उदाहरण हैं जैसे-तंत्रिका कोशिका, डब्लूबीसी, आरबीसी, वसा कोशिकाएं, रूट हेयर।

 

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

12 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

12 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now