परमाणु बम और हाइड्रोजन बम में क्या अंतर है , नाभिकीय बम (atom bomb and hydrogen bomb differences in hindi)

(atom bomb and hydrogen bomb differences in hindi) परमाणु बम और हाइड्रोजन बम में क्या अंतर है , नाभिकीय बम : हमने नाभिकीय अभिक्रियाओं के बारे में अध्ययन कर लिया है साथ ही हमने नाभिकीय विखण्डन और नाभिकीय संलयन के बारे में विस्तार से अध्ययन कर लिया है , अब हम बात करते है कि परमाणु बम और हाइड्रोजन बम में क्या अन्तर है।
 परमाणु बम (atom bomb)
 हाइड्रोजन बम (hydrogen bomb)
 परमाणु बम नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया पर आधारित होते है , इस प्रकार के बम में युरेनियम का इस्तेमाल किया जाता है अर्थात युरेनियम के नाभिक पर न्यूट्रॉन की बौछार की जाती है और उच्च ऊर्जा मुक्त होती है , यही परमाणु बम का सिद्धांत है।
 इस प्रकार के बम में नाभिकीय संलयन प्रक्रिया या सिद्धांत पर प्रयोग किया जाता है , हाइड्रोजन बम में ड्यूट्रॉन तथा ट्रिटियम के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। अर्थात ड्यूट्रॉन तथा ट्रिटियम आपस में संयुक्त होते है और परिणामस्वरूप उच्च ऊर्जा मुक्त होती है , यही हाइड्रोजन बम का सिद्धान्त है।
परमाणु बम में विस्फोट सामान्य ताप व सामान्य दाब पर संभव है। अर्थात इसके लिए किसी प्रकार के उच्च या निम्न ताप व दाब की कोई जरुरत नहीं होती है , इसमें क्रियाएं सामान्य अवस्थाओं में संभव है।
हाइड्रोजन बम में विस्फोट केवल उच्च दाब और उच्च ताप पर ही संभव है , यदि उच्च दाब और उच्च ताप न हो तो हाइड्रोजन बम में विस्फोट संभव नहीं है।
 चूँकि इसमें उच्च ताप व दाब की आवश्यकता नहीं होती है अत: यह किसी प्रकार से नाभिकीय संलयन पर निर्भर नहीं करता है।
 चूँकि इसमें उच्च ताप व दाब की आवश्यकता होती है और इतना उच्च ताप नाभिकीय विखंडन द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है अत: हम कह सकते है कि यह नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया पर निर्भर कर सकता है।
 हाइड्रोजन बम की तुलना में इसमें कम ऊर्जा मुक्त होती है अत: हम कह सकते है कि परमाणु बम हाइड्रोजन बम से कम खतरनाक है।
 परमाणु बम की तुलना में यह बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त करता है , अत: हम कह सकते है कि परमाणु बम की तुलना में हाइड्रोजन बम बहुत अधिक खतरनाक होता है।
 परमाणु बम में क्रान्तिक आकार बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है।
 हाइड्रोजन बम में क्रांतिक आकार की कोई सीमा नहीं होती है।