इन्हें Ar-X द्वारा दर्शाते है .
एरिल हैलाइड का सामान्य या साधारण सूत्र – CnH2n-7X
यहाँ n = 6
X = F , Cl , Br , I
सामान्य नाम
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IUPAC नाम
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क्लोरो बेंजीन
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क्लोरो बेन्जीन
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O-डाई क्लोरो
बेंजीन |
1,2-डाई क्लोरो
बेंजीन |
m-डाइ क्लोरो बेंजीन
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1,3-डाई क्लोरो
बेंजीन |
P-डाई क्लोरो
बेंजीन |
1,4 डाइ क्लोरो
बेंजीन |
O-क्लोरो टोलुइन
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2-क्लोरो टोलुइन
या
1-क्लोरो-2-मैथिल
बेंजीन |
P-क्लोरो टोलुइन
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4- क्लोरो टोलुइन
या
1-क्लोरो-4-मैथिल
बेन्जीन |
m-क्लोरो टोलुइन
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3-क्लोरो टोलुइन
या
1-क्लोरो-3-मैथिल
बेंजीन |
बेन्जिल क्लोराइड
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क्लोरो फेनिल मेथेन
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बेन्जो ट्राई
क्लोराइड |
ट्राई क्लोरो
फेनिल मेथेन |
बेन्जिल डाई
क्लोराइड |
डाई क्लोरो फेनिल
मेथेन |
DDT
या
डाई क्लोरो डाई
फेनिल ट्राईक्लोरो इथेन |
2,2-bis (4’
क्लोरो फेनिल) -1,1,1 , ट्राई क्लोरो एथेन |
विचरण विधि :
1. बेंजीन के हैलोजनीकरण (halogenation in hindi) द्वारा :
नोट : इस अभिक्रिया में इंडो बेंजीन नहीं बनाया जाता है , क्योंकि अभिक्रिया उत्क्रमणीय प्रकार से होती है।
प्रश्न : बेंजीन का क्लोरीनीकरण दीजिये।
2. बेंजीन के पाशर्व कार्बन पर हैलोजनीकरण :
इस अभिक्रिया में Cl2 को आधिक्य में लेने पर उत्पाद निम्न बनते है –
3. बेन्जीन डाई एजोनीयम क्लोराइड द्वारा : इसे एनिलिन से निम्न प्रकार बनाते है –
(i) सेंड मेयर अभिक्रिया द्वारा :
(ii) गाटरमान अभिक्रिया :
(iii) बाल्ज शिमान अभिक्रिया :
(iv) जलीय KI से क्रिया :-
4. रोशिंग प्रक्रम द्वारा :
औद्योगिक विधि :-
बेंजीन + HCl तथा ऑक्सीजन के वाष्प मिश्रण को CuCl2 या Cu2Cl2 पर से प्रवाहित करने पर क्लोरो बेंजीन बनता है , इसे रोशिंग प्रक्रम कहते है।
इसे क्लोरो बेंजीन के निर्माण की औद्योगिक विधि कहते है।
5. हून्सडिकर अभिक्रिया : सिल्वर बेन्जोएट की अभिक्रिया (क्रिया) Br2 के साथ CCl4 की उपस्थिति में करवाने पर ब्रोमो बेन्जीन बनता है , इसे हूंसडिकर अभिक्रिया कहते है।
भौतिक गुण
1. एरिल हैलाइड रंगहीन तेलिय द्रव है।
2. ये जल में अविलेय होते है।
3. ये कार्बनिक विलायको में विलेय होते है।
4. ये जल से भारी होते है।
रासायनिक गुण
- इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया
- धातुओ के साथ क्रिया
- अपचयन अभिक्रिया
- नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया
, -CN , -SO3H है तो ये अभिक्रियायें आसानी से होती है।