arpanet full form in hindi अर्पैनेट का फुल फॉर्म क्या होता है ? arpanet का पूरा नाम किसे कहते है ?

arpanet का पूरा नाम किसे कहते है ? arpanet full form in hindi अर्पैनेट का फुल फॉर्म क्या होता है ?

 इन्टनेट का परिचय
1. ARPANet का विस्तृत नाम – Advanced Research Projects Agency Network.
2. NSF Net का विस्तृत नाम – National Science Foundation Network.
3. NREN का विस्तृत नाम – National Research and Education Network.
4. NREN – 1991 में स्थापित, इसका लक्ष्य शोध एवं शिक्षा से संबंधित सूचनाओं के सम्प्रेषण के लिए हाईस्पीड नेटवर्क को विकसित करना था।
5. इंटरनेट – सूचना का सुपर हाइवे (Information Super Highway)
6. इंटरनेट – यह इन्फोर्मेशन कम्युनिकेशन का एक वैश्विक कम्प्यूटर नेटवर्क है। जो यूजर्स को सूचना आदान प्रदान करने काम मंच प्रदान करता है।
7. इंटरनेट सेवा काम करती है – क्लाइंट सर्वर मॉडल पर।
8. क्लाइंट – जब कम्प्यूटर फाइल रिसीव करता है, क्लाइंट कहलाता है।
9. सर्वर – जब कम्प्यूटर फाइल सेंड करता हैं तो सर्वर कहलाता है।
10. इंटरनेट का उपयोग – संचार (कम्युनिकेशन), रिसर्च, एज्युकेशन, रियल टाइम अपडेट एवं फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन आदि।
11. इंटरनेट का उपयोग कम्युनिकेशन में – ईमेल, टेक्स्ट एवं वॉइस चैट, वीडियो काफ्रेंसिंग आदि।
12. शोध, जर्नल और पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध – गूगल स्कॉलर इनफ्लिबनेट आदि।
13. प्लास्टिक मनी – डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि।
14. WWW का विस्तृत नाम – वर्ल्ड वाइड वेब ।
15. WWW – यह ओपन सोर्स इन्फोर्मेशन स्पेस है जहां डाक्यूमेंट एवं बाकी वेब रिसैसेज को उनके URL के द्वारा पहचाना जाता है।
16. वेब पेज – यइ टेक्स्ट, इमेज, विडियो, मल्टी मीडिया कपोनेन्ट्स, वेब नेविगेशन फीचर जैसे हाइपरलिंक आदि से मिल कर बने होते हैं।
17. वर्ल्ड वाइड वेब – यह वेब पेजेज का संग्रह है जो हाइपरलिंक तथा URL के माध्यम से जुड़े हात हैं।
18. ब्राउजर – यह सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो वर्ल्ड वाइड वेब पर कंटेट को खोजने, प्राप्त करन एवं प्रदर्शित करने में उपयोग आती है।
19. वेब ब्राउजर – यह एक यूजर इंटरफेस, लेआउट इंजन, रेंडरिंग इंजन, जावा स्क्रिप्ट इंटरप्रटर, यूजर इंटरफस बैक एण्ड नेटवर्क एवं डाटा कपोनेट्स से मिलकर बनता है।
20. प्रचलित ब्राउजर – माइक्रोसाफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर, माइक्रोसाफ्ट एज गूगल क्रोम, फायरफॉक्स, एपल सफारी, आपरा आदि।
21. वेबसाइट – यह वर्ल्ड वाइड वेब फाइलों का संग्रह है तथा एक उद्देश्य के लिए समर्पित होता है।
22. हामपज – वबसाइट का एक्सस करने पर सबसे पहले खुलने वाला पेज।
23. वेब सर्वर – एक कम्प्यूटर सिस्टम जिस पर वेबसाइट को होस्ट किया जाता है। इसे HTTP सर्वर भी कहा जाता है।
24. स्टेटिक (स्थिर) वेबसाइट – इसमें इन्फोर्मेशन स्थिर होती है तथा यूजर के साथ संवाद की अनुमति नहीं होती।
25. डायनेमिक (गतिशील) वेबसाइट – यह साइट के मालिक तथा यूजर को संवाद करने की अनुमति देते है।
26. URL का विस्तृत नाम- यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर।
27. URL – यह वेब पते के रूप में जाना जाता है। इसका कम्प्यूटर नेटवर्क पर स्थान पता लगाने और प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह डेटा बेस एक्सेस (JDBC) फाइल स्थानान्तरण (FTP) और ई-मेल के लिए भी उपयोग होता है।
28. URL – यह वेबसाइट, फाइल या सामान्य प्रारूप में दस्तावेज के लिए इंटरनेट का पता है।
29. URL के भाग – एक प्रोटोकाल (HTTP), होस्ट का नाम (www.computer.com), एक फाइल का नाम (index-html)
30. HTTP – का विस्तृत नाम – हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल।
31. HTTP – यह एक एप्लीकेशन प्रोटोकाल हैं तथा वर्ल्ड वाइड वेब के लिए डेटा संचार का आधार है। यह हाइपर टेक्स्ट के आदान प्रदान या हस्तारण करने का आधार है।
32. HTTP – यह त्मुनमेज-तमेचवदेम प्रोटोकाल के रूप में कार्य करता है।
33. HTTPS – हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल सिक्योर।
34. HTTPS – इसमें कनेक्शन ट्रांसपोर्ट लेयर सिक्योरिटी या सिक्योर सॉकेट लेयर द्वारा एन्क्रिप्टेड होता है।
35. HTTPS का उपयोग विञीय लेन देन वाली तथा गोपनीय डेटा वाली वेबसाइटों में उपयोग होता है।
36. TLD – टॉप लेवल डोमेन
37. COM – Commercial – use for Business
38. edu – Educationl – use by Universities.
39. gov – Government – use by Govt- Agencies.
40. int – International  – use by International Organisazions.
41. mit – Military – use US Military.
42. net – Network – use by Network Providers.
43. org – Organçation – use by Non Profit Organçations.
44. DNS का विस्तृत नाम – डोनेम नेम सिस्टम।
45. डोमेन नेम – यह इन्टरनेट एड्रेस का पता करने और याद रखने का आसान तरीका है।
46. DNS – यह कम्प्यूटर सेवाओं, इंटरनेट या निजी नेटवर्क से जुड़े संसाधन के लिए श्रेणीबद्ध वितरित नामकरण प्रणाली है।
47. DNS – यह डोमेन नेम को संख्यात्मक आई.पी. एड्रेस में परिवर्तित करने का तरीका है।
48. डोनेम नेम – ALPHABETIC क्रम में होते है।
49. इंट्रानेट (INTRANET) – यह एक निजी नेटवर्क है। इसका यूजर इंटरनेट पर जा सकता है तथा यह बिना इंटरनेट भी चल सकता है।
50. इंट्रानेट – फायरवाल के कारण इन्टरनेट यूजर इन्ट्रानेट पर नहीं जा सकता है।
51. इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए आवश्यक अवयव – एक इंटरनेट सेवा, एक मोडेम, एक वेब ब्राउजर।
52. इटरनेट सेवाओं के प्रकार – डायल अप, डीएसएल, केबल, उपग्रह, 3जी एवं 4जी आदि।
53. डॉयल अप – सबसे धीमा इंटरनेट कनेक्शन।
54. DSL – (डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन) यह एक ब्राडबैंड कनेक्शन हैं, फोन लाइन के माध्यम से इंटरनेट कनेक्ट होता है।
55. केबल – यह केबल टीवी के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट करती है।
56. उपग्रह – उपग्रह के माध्यम से इंटरनेट को जोड़ता है।
57. 3जी एवं 4जी – यह ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) के माध्यम से वायरलेस तरीके से जोड़ता है। सबसे अधिक मोबाइल ओर टेबलेट में प्रयोग होता है।
58. मॉडेम (MODEM – Modulator Demodulator) – यह डिजिटल इन्फार्मेशन को एनालॉग इन्फार्मेशन तथा एनालॉग इन्फार्मेशन को डिजिटल इन्फोर्मेशन में परिवर्तित करता है।
59. मॉडेम के प्रकार – आन्तरिक मोडेम, बाहरी (External) मोडेम, पीसी कार्ड मोडेम।
60. आंतरिक मोडेम – ये डेस्कटॉप या लैपटॉप कम्प्यूटर के अन्दर स्थापित होते हैं, इन्हे पॉवर आपूर्ति व चेसिस की जरूरत नहीं होती। दो प्रकार – डायल अप, वाईफाई (वायरलेस)
61. बाहरी मोडेम का उदाहरण – DSL मोडेम आदि।
62. DSL – का विस्तृत नाम -डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन
63. DSL – एक तकनीक जिसमें डिजिटल द्वारा को एनालॉग कार्य में बदलने की जरूरत नहीं होती है। DSL सेवा की बिट रेट की सीमा 256 Kbits/ps से 100 mbits/s से ज्यादा होती है।
64. HFC का विस्तृत नाम – हाइब्रिड फाइबर कोएसिक्सयल (Hybrid Fiber Coaxial)
65. ISDN का विस्तृत नाम – Integrated Services Digital Network.
66. ISDN – यह एक कम्युनिकेशन मानको का सेट है जो पब्लिक स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क को यूज करके आवाज, वीडियो, डेटा को साथ-साथ डिजिटल रूप में संचारित करता है।
67. FTP – फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल ।
68. कम्प्यूटर नेटवर्क – यह एक नेटवर्क है जिसके द्वारा कम्प्यूटर, डेटा का आपस में आदान-प्रदान करते है। नोड्स के बीच कनेक्शन के लिए मीडिया केबल या वायरलेस मीडिया का उपभाग करते है। प्रसिद्ध कम्प्यूटर नेटवर्क – इंटरनेट।
69. नेटवर्क का उपयोग – संचार की सुविधा में multiple नेमते द्वारा एक हार्डवेयर डिवाइस को साझा करने के लिए, सॉफ्टवेयर या आपरेटिंग सिस्टम के आदान प्रदान के लिए आदि।
70. नेटवर्क डिवाइस – हब, स्विच, ब्रिज, राऊटर, गेटवे आदि।
71. हब नेटवर्क – यह एक लेन के क्षेत्रों को कनेक्ट करने के लिए उपयोग होता है, इसमें कई पोर्टस होते है। इसमें नेटवर्क बैड विडथ, सभी जुड़े कम्प्यूटरों में विभाजित होती है। इसलिए इसका कनेक्शन धीमा हो जाता है। यह सभी पोर्ट्स को डाटा भेजता है।
72. स्विच नेटवर्क – यह डिवाइस अनेक कम्प्यूटरों को नेटवर्क से जोड़ता है तथा गंतव्य डिवाइस तक डाटा प्राप्त प्रोसेस, फारवर्ड करने के लिए Pocket Switching को यूज करता है। यह डाटा उसी पोर्ट पर फारवर्ड करता है, जिसको उसकी जरूरत होती है।
73. ब्रिज – यह दो नेटवर्क सेग्मेंट्स को जोड़
74. राऊटर – इसका मुख्य कार्य डेटा पैकेट्स को दूसरे नेटवर्क पर रूट करना है।
75. रूटिंग टेबल – राऊटर के अन्दर स्थित टेबल्स (इन्फोर्मेशन के लिए), यह टेबल सभी नेटवर्क एड्रेस का ट्रेक रखती है।
76. गेटवे – यह एक इंटर नेटवर्किंग सिस्टम है जिसके द्वारा दो नेटवर्क्स को जोड़ा जा सकता है जो अलग-अलग बेस प्रोटोकोल इस्तेमाल करते हैं।
77. केबल मोडेम – यह नेटवर्क ब्रिज का एक प्रकार है जो भ्थ्ब् व रेडियो आवृत्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर पर, रेडियो आवृत्ति चैनल के द्वारा द्वि-दिखात्मक डेटा संचार प्रदान करता है, इसकी डाटा रेट 1-5 mbps होती है।

महत्वपूर्ण प्रश्न
1. वेबसाइट जो यूजर्स के साथ संवाद करने की अनुमति नहीं देती, कहलाती हैं-
(अ) स्टेटिक (स्थायी) वेबसाइट (ब) डायनेमिक वेबसाइट
(स) उपरोक्त दोनों (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं
2. वेबसाइट जो यूजर्स के साथ संवाद करने की अनुमति देती हैं, कहलाती है-
ं(अ) स्टेटिक (स्थायी) वेबसाइट (ब) डायनेमिक वेबसाइट
(स) उपरोक्त दोनों (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं
3. HTTP का विस्तारित नाम हैं –
(अ) हाइपर टेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (ब) हाइपर टेक्स्ट ट्रांसिट प्रोटोकॉल
(स) उपरोक्त दोनों (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं
4. Org डोमेन नेम यूज किया जाता हैं-
(अ) नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन के लिए (ब) Universities के लिए
(स) Govt. एजेन्सीज के लिए (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं
5. HFC का विस्तारित नाम हैं –
(अ) हाइब्रिड फाइबर केबल (ब) हाइपर फाइबर कोएक्सियल
(स) हाइब्रिड फाइबर कोएक्सियल (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
6. यह दो नेटवर्क जोड़ने के काम आता हैं –
(अ) रूटिंग टेबल (ब) राउटर (स) ब्रिज (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
7. इन्टरनेट का मुख्य उपयोग हैं ….
(अ) संचार (ब) शिक्षा (स) वित्तीय लेनदेन (द) ऊपर के सभी
8. उपयोगकर्ता इंटरनेट का उपयोग करने से पहले निम्नलिखित में से क्या जरूरी है:
(अ) इंटरनेट सेवाएं (ब) मोडेम (स) वेब ब्राउजर (द) ऊपर के सभी
9. आईएसपी का पूरा नाम हैं –
(अ) इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ब) इंट्रानेट सर्विस प्रोवाइडर
(स) इनफार्मेशन सर्विस प्रोवाइडर (द) इनमें से कोई भी नही
10. वेब ब्राउजर एक …….है।
(अ) सिस्टम सॉफ्टवेयर (ब) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (स) ए और बी (द) इनमें से कोई नहीं
11. डीएसएल का पूरा नाम हैं –
(अ) डायनामिक सब्सक्राइबर लाइन (ब) डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन
(स) ए और बी (द) इनमें से कोई नही
12. यूआरएल का पूरा नाम हैं –
(अ) यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (ब) यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर
(स) ए और बी (द) इनमें से कोई भी नहीं
13.www. का पूरा नाम हैं –
(अ) वर्ल्ड विजडम वेब (ब) वर्ल्ड वाइड वेब
(स) वर्ल्ड वेब ऑफ विजडम (द) वाइड वेब ऑफ वर्ड
14. ‘http://www.goole.com/index.html यूआरएल में .com किस का प्रतिनिधित्व करता है-
(अ) डोमेन (ब) सब डोमेन (स) प्रोटोकॉल (द) शीर्ष स्तरीय डोमेन
15. इनमें में कोनसा चैट एप्लीकेशन का उदाहरण नही है –
(अ) स्काइप (ब) गूगल हैंग आउट (स) फेसबुक (द) इनमें से कोई भी नहीं
16. FTP का पूरा नाम-
(अ) फोल्डर ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (ब) फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल
(स) ए और बी (द) इनमें से कोई भी नहीं
17. यूजर्स को सूचनाएँ आदान प्रदान करने का मंच प्रदान करता हैं –
(अ) क्लाईंट (ब) सर्वर (स) इंटरनेट (द) उपरोक्त सभी
18. www. का विस्तारित रूप हैं –
(अ) वर्लड वाइड वेब (ब) वेब वर्लड वाइड
(स) वाइड वर्लड वेब (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं
19. वेबसाइट को एक्सैस करने पर खुलने वाला पेज कहलातां हैं –
(अ) वर्क पेज (ब) वेब पेज (स) होमेपेज (द) उपरोक्त मे से कोई नहीं

20. ISDN का विस्तारित नाम हैं –
(अ) इंटेग्रटेड सर्विस डिजिटल नोट (ब) इंटेग्रटेड सर्विस डिजिटल नेटवर्क
(स) उपरोक्त दोनों (द) उपरोक्त में से कोई नहीं