Arecibo संदेश (Arecibo message in hindi)

(Arecibo message in hindi) Arecibo संदेश : आज से ठीक 44 साल पहले अन्तरिक्ष में भेजा गया था जिसे अरेसीबो सन्देश कहा गया था , यह सन्देश 1974 में अंतरिक्ष में भेजा गया था जिसे आज 44 साल हो गए और इस अवसर पर गूगल ने अपने डूडल पर इसे लगाकर याद किया है कि इस उपलब्धि को आज 44 साल पूरे हो गए है।
Arecibo संदेश एक रेडियो सन्देश था जिसमे मानवता और धरती से जुडी आधारभूत जानकारी थी जिसे गोलाकार सितारा क्लस्टर एम 13 में भेजा गया था और इससे यह उम्मीद की जा रही थी इससे अन्तरिक्ष की बहुत ही जरुरी और ख़ुफ़िया जानकरी हमें प्राप्त होगी जिससे हम हमारे भविष्य को और अधिक सुरक्षित बना सकेंगे और अन्तरिक्ष से जुडी अन्य कई ऐसी चीजों से अवगत हो पाएंगे जिन्हें अभी तक जाना नहीं गया है।
इस Arecibo संदेश को पहले उच्च आवृत्ति पर मॉड्यूटेड किया गया था अर्थात उच्च आवृति की तरंगों के साथ मिलाया गया था ताकि यह सन्देश अधिक दूरी तक पूरा और सही पहुँच सके इसके लिए इस सन्देश को पहले मॉडुलन द्वारा उच्च आवृति के रेडियो सन्देश तरंगों के साथ भेजा गया था।
यह सन्देश एक बार अन्तरिक्ष में 16 नवंबर 1974 में भेजा गया था और प्यूर्टो रिको (Puerto Rico) में स्थित अरेसीबो रेडियो दूरबीन (Arecibo radio telescope) द्वारा इस सन्देश पर विश्लेषण किया जाता है।
अन्तरिक्ष के जिस स्टार क्लस्टर में यह सन्देश भेजा गया था उसे M13 के नाम से जाना जाता है इसका पूरा नाम globular star cluster M13 कहा जाता है।  अगर इसकी स्थिति की बात करे तो यह 25,000 प्रकाश वर्ष दूर माना जाता है , जब यह सन्देश पहली बार भेजा गया था तब यह क्लस्टर बहुत बड़ा था और इसमें तारें भी बहुत अधिक थे।
Arecibo संदेश के मूल के बारे में बात करे तो यह सन्देश लगभग 1,679 बाइनरी अंक में था , याद रखे डिजिटल सन्देश भेजने के लिए बाइनरी अंक काम में लिए जाते है अर्थात यह सन्देश लगभग 210 बाइट्स में था।
इस Arecibo संदेश को भेजने के लिए लगभग 2,380 मेगा हेर्ट्स आवृति का प्रयोग किया गया था , तथा इस सन्देश को भेजने के लिए लगभग 450 kW का उपयोग किया गया था।
चूँकि हम जानते है कि डिजिटल संदेश को एक और शून्य के फॉर्म में भेजा जाता था अत: यह सन्देश भी बाइनरी अंक अर्थात शून्य व एक अंक के रूप में था और इसे लगभग 10 बिट्स प्रति सेकंड की स्पीड से भेजा गया था और इस पूरे सन्देश को भेजने में लगभग तीन मिनट से भी कम समय लगा था।
यह Arecibo संदेश लिखने के लिए Dr. Frank Drake , Cornell University , Carl Sagan आदि की मदद से बनाया गया था और इन सन्देश में काफी महत्वपूर्ण सूचनाओं को कोड किया था।
इस सन्देश में जिन महत्वपूर्ण चीजो को एनकोड किया था वे निम्न प्रकार है –
1. इस सन्देश में एक से दस तक के अंक लिखे गए थे। (सफेद)
2. जिन तत्वों की सहायता से डीएनए (DNA) बना होता है उन तत्वों के परमाणु क्रमांक को लिखा गया जिनमें हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, और फास्फोरस के परमाणु क्रमांक शामिल है। (बैंगनी)
3. DNA बनने के लिए जिन न्यूक्लियोटाइड की आवश्यकता होती है उनका सूत्र तथा सुगर आदि का सूत्र इस संदेश में लिखा गया। (हरा)
4. डीएनए के न्यूक्लियोटाइड की संख्या तथा डीएनए की ग्राफिक्स डबल हेलिक्स संरचना को भी इस सन्देश में कोड किया गया। (सफ़ेद नीला)
5. इसमें मानवता से सम्बंधित जानकारी को भी डाला गया था जैसे मानव की औसत लम्बाई , धरती पर मानव की जनसँख्या आदि। (क्रमशः लाल, नीला / सफेद, और सफेद)
6. इसमें सौर मंडल से सम्बंधित कोड डाला गया जिससे यह पता चल सके की आने वाला सन्देश किस ग्रह से आ रहा है। (पीला)
7. Arecibo radio telescope से सम्बंधित जानकारी जैसे इसकी लम्बाई , ऊंचाई आदि। (बैंगनी, सफेद, और नीला)
यह संक्षिप्त सन्देश है जिसे रंगों की सहायता से अलग अलग प्रदर्शित किया गया है , हमने ऊपर जब यह जाना की इस सन्देश में क्या क्या जानकारी थी उसमे हमने देखा की हर लाइन के आगे हमने रंग लिखा है वह यही दर्शाता है कि इस ग्राफिक्स में वह चीज कहा है और इसे रंगों के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है।