सक्रिय ज्वालामुखी किसे कहते हैं , सुषुप्त ज्वालामुखी की परिभाषा क्या है Active Volcano in hindi

Active Volcano in hindi definition सक्रिय ज्वालामुखी किसे कहते हैं , सुषुप्त ज्वालामुखी की परिभाषा क्या है ?

ज्वालामुखी और भूकम्प

ज्वालामुखी (Volcanoes)
ऽ ज्वालामुखी एक विस्फोटक छिद्र है जिससे होकर गर्म मैग्मा, पिघली चट्टानें, राख एवं गैसें बाहर निकलती हैं। ज्वालामुखी क्रिया के तहत ज्वालामुखी उद्गार से लेकर ज्वालामुखी पर्वत के निर्माण तक को सम्मिलित किया जाता है।
ऽ पृथ्वी के अंदर स्थित पिघली हुई चट्टानों और गैसों को संयुक्त रूप से मैग्मा (Magma) कहते हैं पृथ्वी की सतह पर पहुंचने के बाद इन्हें लावा (Lava) कहते हैं।
ऽ उद्गार की अवधि के आधार पर ज्वालामुखी को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

सक्रिय / जाग्रत ज्वालामुखी (Active Volcano)
ऐसे ज्वालामुखी से उद्गार सदैव होता रहता है। जैसे-इटली का एटना तथा स्ट्राम्बोली (इटली), मूना लोआ (हवाई), माउंट कैमरून (अफ्रीका), कोटापोक्सी (इक्वाडोर), माउंट गुईअलातिरि (चिली), ओजोस-डेल-स्लेडो (अर्जेन्टीना)।
ऽ माउंट-ओजोस-डेल-स्लेडो: यह विश्व का सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी है जो अर्जेन्टीना में स्थित है।
ऽ माउंट स्टॉम्बोली: इसे भूमध्यसागर का प्रकाश स्तंभ कहा जाता है। यह भूमध्यसागर के लिपारी द्वीप में स्थित है।

सुसुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano)
ऐसे ज्वालामुखी जो वर्तमान समय में शान्त हैं लेकिन भविष्य में उसके उद्गार को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता, सुसुप्त ज्वालामुखी कहलाते हैं। जैसे-विसुवियस, फ्युजियामा (जापान) क्राकाटाओ (इंडोनेशिया), बैरन द्वीप ज्वालामुखी (अंडमान) आदि ।

मृत ज्वालामुखी (Extinct Volcano)
ऐसे ज्वालामुखी के पुनः उद्गार की कोई संभावना नहीं होती।
उदाहरण: माउंट किलिमंजारो (केन्या), माउंट वार्निंग (ऑस्ट्रेलिया), पोपा (म्यांमार), माउंट अकांकगुआ (अर्जेन्टीना, सबसे बड़ा मृत ज्वालामुखी पर्वत), मालागासी (हिन्द महासागर), माउंट पेले (वेस्ट इंडीज)।
ऽ पृथ्वी पर 1500 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं जिनमें से 500 हमेशा सक्रिय रहते हैं।
ऽ कुल सक्रिय ज्वालामुखियों में से 60% प्रशांत क्षेत्र में हैं।
ऽ ज्वालामुखीय मृदा काफी ऊपजाऊ होती है।
ऽ येलोस्टोन नेशनल पार्क में सर्वाधिक प्राकृतिक गेसर (geysers) हैं। इसे ओल्ड फेथफुल गेसर कहा जाता है।

भूकम्प (Earthquake)
जब बाह्य अथवा आन्तरिक कारणों (प्राकृतिक) से पृथ्वी के भूपटल में तीव्र गति से कंपन्न होने लगता है तो उसे भूकंप कहते हैं। ज्वालामुखी क्षेत्र में सामान्यतः भूकंप आते रहते हैं।
ऽ भूकंप के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिन्दु को भूकंपकेन्द्र (Epicentre) कहते है।
ऽ भूकंप का जहां आविर्भाव होता है, उसे भूकंपमूल (Seismic Focus) कहते हैं।
ऽ भूकंप का अध्ययन भूगर्भ विज्ञान की एक पृथक् शाखा द्वारा किया जाता है जिसे सिस्मोलॉजी कहते हैं।
ऽ भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने (Fiction scale) द्वारा मापी जाती है जिसे 1934 में चार्ल्स एफ रिक्टर ने बनाया था। रिक्टर स्केल लॉगरिथमिक स्केल (1-10) पर आधारित होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि रिक्टर मापक पर प्रत्येक आगे की पूर्ण संख्या, भूकंपलेखी यंत्र (Seismograph) पर पिछली संख्या की 10 गुणा ऊर्जा को प्रदर्शित करती है।

भूकंपीय तरंगें
1. प्राथमिक (P ) तरंगें: ये छोटी तरंगदैर्ध्य व उच्च आवृत्ति की होती हैं। ये लंबवत तरंगे हैं जो ठोस, द्रव और गैस समेत सभी माध्यमों से गुजरती हैं। उनका औसत वेग 8 किमी/सेकंड है।
2. द्वितीयक (S) तरंगें: ये लंबी तरंगदैर्ध्य और निम्न आवृत्ति की होती हैं । ये तरंगें मुख्यतः धरातल तक ही सीमित रहती हैं। अतः भूकंप के दौरान संरचना संबंधी अधिकांश नुकसान का कारण बनती हैं। ये सभी माध्यमों (ठोस, द्रव और गैस) से होकर गुजरती हैं। इनका औसत वेग 4 किमी/सेकंड होता है।
3. सतही या लंबी (L) तरंगें: ये उच्च तरंगदैर्ध्य और निम्न आवृत्ति की तरंगे हैं और पृथ्वी के क्रस्ट के खोल तक सीमित रहती हैं। इसलिए भूकंप से होने वाला अधिकांश संरचनात्मक नुकसान इन्हीं से होता है । ये तरंगे सभी माध्यमों (ठोस, द्रव और गैस) से गुजरती हैं। इनका औसत वेग 3 किमी/सेकंड होता है।
ऽ भूकंप की प्रबलता को मर्कली स्केल (Mercalli scale) पर मापा जाता है। यह मूंकप का अनुभव करने वाले लोगों के अवलोकनों का प्रयोग तीव्रता के आकलन हेतु करती है।
सुनामी (Tsunami)
सुनामी लहरों की एक श्रृंखला है जो महासागर के जल के एक बड़े हिस्से के तेजी से विस्थापित होने के कारण आती है। भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, क्षुद्रग्रह की टक्कर और जल के अंदर या बाहर की अन्य बड़ी हलचलों के कारण सुनामी उत्पन्न हो सकती है।