ठोस (solid) की सतह (surface) पर गैसों (gases) का अधिशोषण (adsorption) को प्रभावित करने वाले कारक : Factors Affecting Absorption of Gases on Solid Surface
- गैसों की प्रकृति :
वे गैस जो सरलता से द्रवित हो जाती है जैसे CO2 , SO2 , NH3 आदि।
नोट : इन गैसों का अणुभार तथा क्रांतिक ताप उच्च होता है।
- ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल :
वे ठोस जो रंध्रयुक्त तथा चूर्णित अवस्था में होते है उनका कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल अधिक होता है उससे ठोसों पर गैसों का अतिशोषण अधिक होता है।
- ताप :
ठोस की सतह पर गैसों के अधिशोषण से जो ऊष्मा बाहर निकलती है उसे अधिशोषण ऊष्मा कहते है।
ठोस + गैस = ठोस-गैस + ऊष्मा
लाशातैलिए के नियम से ताप कम करने पर साम्य उस दिशा में जाता है जिधर ताप में वृद्धि हो जाए अर्थात साम्य अग्र दिशा में जाता है। जिससे ठोस की सतह पर गैसों का अधिशोषण अधिक होता है।
प्रश्न 1 : ताप कम करने पर ठोस की सतह पर गैसों का अधिशोषण अधिक होता है क्यों ?
- दाब :
फ्रैन्डलिक ने स्थिर ताप पर ठोस की सतह पर गैसों के अधिशोषण की मात्रा तथा गैस दाब के मध्य एक ग्राफ खिंचा इसे फ्रैंडलिक समतापी वक्र कहते है।
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उपरोक्त ग्राफ से निम्न निष्कर्ष निकलते है।
- कम (न्यून) दाब पर अधिशोषण की मात्रा दाब के समानुपाती होती है।
- अर्थात (x/m) ∝ p
- उच्च दाब पर अधिशोषण की मात्रा दाब से अप्रभावित होती है।
(x/m) ∝ p0
(x/m) = kp0
p0 = 1
(x/m) = k
- दाब की मध्यवृत्ति अवस्था में अधिशोषण की मात्रा को निम्न प्रकार से प्रदर्शित करते है।
(x/m) ∝ p1/n
(x/m) = kp1/n
यहाँ k तथा n नियतांक है।
log लेने पर
log(x/m) = (1/n)log p + log k
y = mx + c
उपरोक्त समीकरण को फ्रैंडलिक समतापी समीकरण कहते है उपरोक्त समीकरण y = mx + c जैसी है।
यह एक सरल रेखा की समीकरण है यदि log(x/n) तथा log p के मध्य ग्राफ खिंचा जाए तो यह निम्न प्रकार आता है।
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उपरोक्त ग्राफ का ढाल 1/n के बराबर तथा अन्तः खंड log k बराबर होता है।