अवशोषण की परिभाषा क्या है , अवशोषण किसे कहते है , उदाहरण व अनुप्रयोग (absorption in hindi)

(absorption in hindi) अवशोषण की परिभाषा क्या है , अवशोषण किसे कहते है , उदाहरण व अनुप्रयोग : अवशोषण एक प्रकार की रासायनिक या भौतिक घटना है या यह एक प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ के अणु समान रूप से दूसरे पदार्थ में वितरित हो जाते है , इस घटना या प्रक्रिया को ही अवशोषण कहते है।
यह अधिशोषण से अलग घटना है क्यूंकि अधिशोषण में तो किसी पदार्थ के कण दुसरे पदार्थ की सतह पर जमने लगते है , अधिशोषण में कोई भी कण दुसरे पदार्थ के अन्दर प्रवेश नहीं करते है अर्थात अधिशोषण एक सतही घटना होती है लेकिन अवशोषण में तो दुसरे पदार्थ के कण अन्य पदार्थ के अन्दर प्रवेश करते है।
अर्थात अवशोषण में अधिशोष्य के कण , अधिशोषक में अन्दर चले जाते है।
उदाहरण : जब एक स्पंज को पानी में डुबोया जाता है तो पानी की बूंदों समान रूप से इस स्पंज में प्रवेश करते है ,इस घटना को अवशोषण कहते है।

अवशोषण और अधिशोषण

ये दोनों घटनाएँ ही एक दुसरे से बिल्कुल अलग है।
अधिशोषण : इसमें एक पदार्थ कण किसी दुसरे पदार्थ की सतह पर चिपकने लगते है या एक परत बना लेते है , अर्थात यह घटना एक सतही घटना है जिसमें अधिशोष्य के अणु , अधिशोषक की सतह पर जमना या चिपकना या एक परत बनाते है।
अवशोषण : यह घटना सतही घटना नहीं है इसमें अधिशोष्य पदार्थ के कण , अधिशोषक के सम्पूर्ण आयतन में समान रूप से वितरित हो जाते है।

अवशोषण एवं अधिशोषण में अन्तर

जैसा कि हमने बताया की ये दोनोंघटना एक दूसरे से बहुत ज्यादा अलग है , इन दोनों घटनाओं में निम्न अंतर पाए जाते है या निम्न अंतर होते है।
 अधिशोषण
 अवशोषण
 1. इसमें अधिशोष्य पदार्थ के अणु , अधिशोषक की सतह पर चिपकने लगते है या एक परत बनाने लगते है , इसलिए हम कह सकते है कि यह एक सतही घटना है क्यूंकि यह सिर्फ अधिशोषक की सतह पर घटित होती है।
 इसमें अधिशोष्य पदार्थ के कण , अधिशोषक के सम्पूर्ण आयतन में समान रूप से वितरित हो जाते है , अर्थात अधिशोषक के सम्पूर्ण आयतन में अधिशोष्य के कण प्रवेश करते है , इसलिए यह घटना एक स्थूल घटना है क्यूंकि यह सम्पूर्ण अधिशोषक में संपन्न होती है।
 2. इस घटना में अर्थात अधिशोषण की घटना प्रारंभ में तेजी से संपन्न होती है लेकिन धीरे धीरे यह धीरे होने लगता है अर्थात शुरू में इसकी गति तीव्र होती है जो धीरे धीरे कम होती जाती है।
 यह समान रूप से या समान वेग से चलती है अर्थात इसमें शुरू से लेकर अंत तक समान वेग बना रहता है।
 3.यह ऊष्माक्षेपी घटना होती है अर्थात इस घटना के घटित होते समय ऊष्मा उत्सर्जित होती है।
 यह ऊष्माशोषी घटना या अभिक्रिया है अर्थात जब यह घटना घटित होती है तो इसमें ऊष्मा को ग्रहण किया जाता है।
4. यह निम्न ताप द्वारा प्रभावित होती है।
 इस पर ताप का कोई प्रभाव नही पड़ता है।
 5. इसमें अधिशोष्य की सांद्रता अधिशोषक की सतह पर नीचे अधिक होती है और ऊपर कम होती है।
 इसमें अधिशोष्य की सांद्रता , सम्पूर्ण अधिशोषक में समान रहती है।
 6.
उदाहरण : i. सिलिका जेल पर जल वाष्प का अधिशोषण।
ii. चारकोल की सतह पर गैसों का अधिशोषण
 उदाहरण : i. पानी द्वारा कार्बन डाई ऑक्साइड का अवशोषण।
ii. स्पंज द्वारा पानी को सोखना या स्पंज में पानी का अवशोषण