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नंबर सिस्टम (number system in hindi) (संख्या पद्धतियाँ) क्या होती है ? नम्बर सिस्टम या संख्या पद्धति किसे कहते है

(number system in hindi) नंबर सिस्टम (संख्या पद्धतियाँ) क्या होती है ? नम्बर सिस्टम या संख्या पद्धति किसे कहते है ?

नंबर सिस्टम: जैसा कि हम जानते है कंप्यूटर मानवीय भाषा में कार्य नहीं करता है। कम्प्यूटर सिस्टम न तो मानवीय भाषा के डाटा को रीड कर सकता है और न ही , मानवीय भाषा में गणनाएं कर सकता है। कम्प्यूटर डाटा पर गणनाएँ सुचना को स्टोर और आउटपुट सभी कार्य एक विशेष कैरेक्टर कोड फॉर्म में करता है। इसी कारण से कम्प्यूटर सिस्टम में इनपुट और आउटपुट इंटरफेस की आवश्यकता होती है। इसी कारण से अपने लिए यह जानना आवश्यक है कि नंबर सिस्टम क्या है और कम्प्यूटर नम्बर कन्वर्जन किस प्रकार करता है।

  1. डेसीमल नंबर सिस्टम: गणना से सम्बन्धित प्रत्येक कार्य करने के लिए हम डेसीमल संख्या पद्धति का प्रयोग करते है। डेसीमल संख्या पद्धति का बेस 10 होता है अर्थात डेसीमल नंबर में 10 संख्याएं (0-9) होती है।

उदाहरण :

(545)10

52 41 50

5*102+ 4*101+ 5*100

500 + 40 + 5 = (545)10

  1. बाइनरी नंबर सिस्टम: कम्प्यूटर सिस्टम प्रत्येक कार्य को करने के लिए बाइनरी संख्या पद्धति का प्रयोग करता है। बाइनरी संख्या पद्धति में केवल दो ही संख्याएँ (0 , 1) होती है। बाइनरी डिजिटस को बिट (bit) कहा जाता है और बाइनरी संख्या पद्धति का बेस या आधार 2 होता है।

उदाहरण :

(111)2

12 11 10

1*22+ 1*21+ 1*20

4 + 2 + 1 = (7)10

  1. ऑक्टल नंबर सिस्टम: ऑक्टल संख्या पद्धति में आठ (0 से 7) संख्याएँ होती है और ऑक्टल संख्या पद्धति का बेस या आधार 8 होता है। तीन बाइनरी बिट्स का समूह एक ऑक्टल डिजिट्स को प्रदर्शित करता है। निचे दी गयी सारणी में ऑक्टल संख्या और उनके समान बाइनरी बिट्स के समूह को प्रदर्शित किया गया है।
ऑक्टल नंबरबाइनरी समूह
00 0 0
10 0 1
20 1 0
30 1 1
41 0 0
51 0 1
61 1 0
71 1 1
  1. हैक्साडेसीमल नंबर सिस्टम: हेक्सा डेसीमल संख्या पद्धति का आधार अथवा बेस 16 होता है अर्थात हेक्साडेसीमल संख्या पद्धति में सोलह संख्याएं (0 से 15) होती है। इस संख्या में 0 से 9 तक की प्रथम दस संख्याएं तो डेसीमल संख्या के समान ही होती है पर 10 को A , 11 को B , 12 को C , 13 को D , 14 को E और 15 को F के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। एक हेक्सा डेसीमल डिजिट चार बाइनरी बिट्स के समूह के बराबर होती है। निचे दी गयी सारणी में हेक्सा डेसीमल नंबर और उनके समान बाइनरी बिट्स के समूह को प्रदर्शित किया गया है।
हैक्साडेसीमल नंबरबाइनरी समूह
00000
10001
20010
30011
40100
50101
60110
70111
81000
91001
A1010
B1011
C1100
D1101
E1110
F1111

नंबर कन्वर्जन

(A) डेसीमल से बाइनरी:

(140.625)10_ _ _ ()2

संख्याभागफलशेषफल
140/2700 – LSB
70/2350
35/2171
17/281
8/240
4/220
2/210
½01 – MSB (निचे से ऊपर की तरफ)

140 = (1 0 0 0 1 1 0 0)2

बाइनरी नंबर में उपर्युक्त विधि से प्राप्त हुए शेषफल को उल्टे क्रम में लिखा जाता है अर्थात शेषफल को MSB (मोस्ट सिग्नीफिकेंट बिट) से LSB (लोअर सिग्नीफिकेंट बिट) की तरफ लिखा जाता है। उपर्युक्त उदाहरण में हमने केवल संख्या के इंटीजर पार्ट को ही बाइनरी में बदलने की विधि सीखी है। दशमलव के बाद की संख्या को बाइनरी में बदलने के लिए 2 का भाग देने की बजाय , संख्या को 2 से गुणा किया जाता है। गुणा तब तक किया जाता है जब तक संख्या 0 हो जाए या फिर संख्या दोबारा दोहराई न जाए।

(.625)10

प्राप्त परिणामगुणा
MSB –.625 * 2
1.250 * 2
0.500 * 2
LSB- 1.000

ऊपर से निचे

(.625)10= (1 0 1)2

(B) डेसीमल से ओक्टल: डेसीमल से ऑक्टल में बदलने के लिए संख्या में 8 का भाग तब तक दिया जाता है जब तक की नंबर 0 न हो जाए। निचे दिए गए उदाहरणों से संख्या के इंटीजर पार्ट और दशमलव पार्ट का कन्वर्जन अलग अलग दर्शाया गया है।

उदाहरण :

(140.625)10– ()8

संख्या/8भागफलशेषफल
140/8174 – LSB
17/821
2/802 – MSB (निचे से ऊपर की ओर)

(140)10= (214)8

ऑक्टल नंबर प्राप्त करने के लिए परिणाम में आये हुए शेषफल को विपरीत क्रम में (MSB से LSB) लिखा जाता है अत: 140 के बराबर ऑक्टल संख्या 241 होगा। दशमलव के बाद की संख्या को ऑक्टल में बदलने के लिए 8 का भाग देने की बजाय 8 से गुणा नंबर के 0 होने तक अथवा दोहराने तक किया जाता है।

(.625)10

प्राप्त परिणामगुणा की क्रिया
.625
58
ऊपर से निचे.000

(.625)10= (.5)8

अत: (140.625)10= (214.5)8

(C) डेसीमल से हैक्साडेसीमल नंबर:

उदाहरण :

(140)10– ()16

संख्या/16भागफलशेषफल
140/6812 – LSB
8/1608 – MSB (निचे से ऊपर की ओर)

(140)10– (812)16

हेक्साडेसीमल नम्बर ज्ञात करने के लिए प्राप्त हुए शेषफल को उल्टे क्रम में लिखेंगे अर्थात निचे से ऊपर (MSB से LSB) लिखेंगे। हैक्साडेसीमल संख्या में 12 को C लिखा जाता है अत: 140 के समतुल्य हेक्सा डेसीमल नंबर 8 C होगा।

(D) बाइनरी से ऑक्टल:

(i) लॉन्ग पाथ :

बाइनरी – डेसीमल – ऑक्टल

इस नियम के तहत हमें सबसे पहले बाइनरी नंबर को डेसीमल में और उसके बाद डेसीमल नंबर को ऑक्टल नंबर में बदलना होता है।

(ii) शोर्ट पाथ: बाइनरी नंबर की तीन बाइनरी बिट का समूह एक ऑक्टल नंबर होता है अर्थात बाइनरी नम्बर को ऑक्टल नंबर में बदलने के लिए हम ऑक्टल नंबर के सामानांतर तीन बाइनरी बिट का समूह रख सकते है।

उदाहरण :

(10101110111)2()8

1 0 1 0 111 0111

(010) (101) (110) (111)

(10101110111)2(2567)8

प्रश्न और उत्तर

  1. हेक्सा डेसीमल संख्या का आधार क्या है ?

उत्तर : 16

  1. बाइनरी संख्या प्रणाली का आधार क्या है ?

उत्तर : 2

  1. बाइनरी संख्या प्रणाली में कितनी संख्याएँ होती है ?

उत्तर : दो

  1. डिजिट कम्प्यूटर किस नंबर प्रणाली पर कार्य करता है ?

उत्तर : बाइनरी

  1. कंप्यूटर सिस्टम का दिमाग किसे कहा जाता है ?

उत्तर : CPU

  1. कौनसी डिवाइस आउटपुट यूनिट श्रेणी में नहीं आती है ?

उत्तर : जॉयस्टिक

  1. निम्नलिखित में से main memory किसे कहा जाता है ?

उत्तर : RAM

  1. निम्नलिखित में वोलेटाइल मेमोरी है ?

उत्तर : RAM

  1. आउटपुट यूनिट का महत्वपूर्ण कार्य है ?

उत्तर : परिणाम को दिखाना

  1. निम्नलिखित में से कौनसी इनपुट डिवाइस नहीं है ?

उत्तर : प्रिंटर