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प्रवर्धन क्या है , (amplification in hindi) , प्रवर्धक गुणांक , धारा , वोल्टता , शक्ति गुणांक सूत्र परिभाषा

प्रवर्धक गुणांक , धारा , वोल्टता , शक्ति गुणांक सूत्र परिभाषा , प्रवर्धन क्या है , (amplification in hindi) :-

प्रवर्धन (amplification) :वह प्रक्रिया जिसमे निवेशी संकेत के आयाम की तुलना में निर्गत संकेत का आयाम अधिक प्राप्त हो तो इस प्रक्रिया को प्रवर्धन कहते है तथा इस युक्ति को प्रवर्धक कहते है।

प्रवर्धन के दौरान निर्गत संकेत की आकृति व आवृत्ति में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

प्रवर्धक गुणांक:- प्रवर्धन की प्रक्रिया के दौरान निर्गत संकेत व निवेशी संकेत का अनुपात प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

प्रवर्धक गुणांक मुख्यतः तीन प्रकार के होते है।

(i) धारा प्रवर्धक गुणांक (Ai): प्रवर्धन की प्रक्रिया के दौरान निर्गत धारा व निवेशी धारा का अनुपात धारा प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

अर्थात

धारा प्रवर्धक गुणांक या धारा लाभ (Ai)= I0/Ii

वोल्टता प्रवर्धक गुणांक (Av) :प्रवर्धन की प्रक्रिया के दौरान निर्गत वोल्टता व निवेशी वोल्टता का अनुपात वोल्टता प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

अर्थात

वोल्टता प्रवर्धक गुणांक/वोल्टता लाभAv= V0/Vi

शक्ति प्रवर्धक गुणांक (Ap): प्रवर्धन की प्रक्रिया के दौरान निर्गत शक्ति व निवेशी शक्ति का अनुपात शक्ति प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

अर्थात

शक्ति प्रवर्धक गुणांक / शक्ति लाभ Ap= P0/Pi

Ap= V0I0/ViIi

Ap= AvAi

अर्थात शक्ति प्रवर्धक गुणांक का मान वोल्टता प्रवर्धक गुणांक व धारा प्रवर्धक गुणांक का गुणनफल के बराबर होता है।

प्रवर्धक के रूप में PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ आधार विन्यास में निवेशी संकेत व निर्गत संकेत दोनों समान कला में होते है अर्थात दोनों के मध्य कलांतर शून्य होता है।

परन्तु PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निर्गत संकेत व निवेशी संकेत के मध्य कला एक दूसरे के विपरीत होती है अर्थात दोनों के मध्य कलांतर 180 डिग्री का होता है।

प्रवर्धक के रूप में PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास का उपयोग (pnp transistor use in common emitter configuration as amplifier)

प्रवर्धक के रूप में PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निवेशी टर्मिनलो के मध्य निवेशी प्रत्यावर्ती स्रोत व निवेशी प्रतिरोध RBको श्रेणीक्रम में जोड़ कर बैट्री VBB द्वारा उत्सर्जक आधार संधि को अग्र अभिनति देते है। तथा PNP ट्रांजिस्टर के निर्गत टर्मिनलो के मध्य लोड प्रतिरोधRCजोड़कर बैटरी VCCद्वारा आधार संग्राहक संधि को पश्च अभिनिती देते है।

प्रवर्धक के रूप में PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निवेशी प्रत्यावर्ती स्रोत द्वारा निवेशी संकेत प्रदान करने पर प्रवर्धक से प्राप्त निर्गत संकेत की आकृति व आवृति में बिना परिवर्तन किये विपरीत कला में संकेत के आयाम में वृद्धि होती है। इस प्रकार निवेशी संकेत को प्रवर्धक की सहायता से प्रवर्धित किया जाता है।

धारा प्रवर्धक गुणांक: PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निर्गत धारा ICव निवेशी धारा IBका अनुपात धारा प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

अर्थात

धारा प्रवर्धक गुणांक Ai= IC/IB

Ai= IC/IB= β

वोल्टता प्रवर्धक गुणांक: PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निर्गत वोल्टता ICRCतथा निवेशी वोल्टता IBRBका अनुपात वोल्टता प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

अर्थात

वोल्टता प्रवर्धक गुणांक AV= ICRC/IBRB= βRC/RB

शक्ति प्रवर्धक गुणांक (Ap) : PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निर्गत शक्ति P0व निवेशी शक्ति Piका अनुपात शक्ति प्रवर्धक गुणांक कहलाता है।

अर्थात

शक्ति प्रवर्धक गुणांक Ap= P0/Pi

Ap= V0I0/ViIi

Ap=ICRCIc/IBRB-IB

AP= (Ic/IB)2RL/RB

AP= β2(RL/RB)

प्रवर्धक के रूप में PNP ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में निवेशी संकेत व निर्गत संकेत एक दूसरे के विपरीत कला में होते है अर्थात इनके मध्य कलांतर 180 डिग्री का होता है।