एल्कोहल बनाने या प्राप्त करने की विधियाँ , औद्योगिक विधि , एल्कोहल के भौतिक गुण (physical properties of alcohol)
(3) कार्बनिक यौगिको के अपचयन द्वारा :by reduction of aldehyde ketone
इन यौगिको का अपचयन निम्न उत्प्रेरको द्वारा किया जाता है।
(i) उत्प्रेरकीय हाइड्रोजनीकरण [Ni/Pt/Pd]
(ii) सोडियम अम्लगम व जल [Na-Hg + H2O]
या
बुमो ब्लाक उत्प्रेरक [Na + C2H5OH]
(iv) धातु संकुल हाइड्राइड उत्प्रेरक [NaBH4, LiAlH4]
NaBH4= सोडियम बोरो हाइड्राइड
LiAlH4= लिथियम एल्युमिनियम हाइड्राइड
ये सभी उत्प्रेरक एल्डीहाइड को प्राथमिक एल्कोहल में और कीटोन को द्वितीयक एल्कोहल में अपचयित कर देता है।
नोट : NaBH4व LiAlH4दोनों ही कार्बोनिल समूह के लिए विशिष्ट अपचायक है।
नोट : यदि यौगिक में द्विबन्ध (=) व CO समूह दोनों का अपचयन करना हो तो Ni का उपयोग किया जाता है।
- अम्ल व इनके व्युत्पन्नो के अपचयन द्वारा: इनका अपचयन LiAlH4द्वारा किया जाता है।
- एस्टर के अम्लीय जल अपघटन द्वारा: इसका अम्लीय माध्यम में जल अपघटन पर एल्कोहल प्राप्त करते है। इसमें एसिड व एल्कोहल को प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक करते है।
- ईथर को अम्लीय जल अपघटन द्वारा: इथर का अम्लीय जल अपघटन कराने पर एल्कोहल प्राप्त करते है। CH3-O-CH3+ H-O-H à CH3-OH + CH3-OH
- एमिन द्वारा: एमीन नाइट्रस अम्ल से क्रिया कर एल्कोहल बनाता है। इसमें HNO2का निर्माण अभिक्रिया के दौरान ही NaNO2+ HCl द्वारा प्राप्त किया जाता है।
CH3-CH2-NH2+ HNO2à CH3-CH2-OH + N2+ H2O
औद्योगिक विधि:
(a) मैथिल एल्कोहल द्वारा :
मेथिल एल्कोहल : CH3OH को काष्ट मेपथा भी कहते है। इसे गीली लकड़ी के भंजक आसवन द्वारा किया जाता है।
इसे कार्बन मोनो ऑक्साइड का हाइड्रोजनीकरण OWUP-2-nol , Cr2O3उत्प्रेरक , 573 K ताप व 200 atm दाब पर कराने पर CH3-OH का निर्माण होता है।
CO + 2H2à CH3-OH
CH3-OH रंगहीन द्रव है।
CH3-OH विषैली प्रकृति का होता है।
CH3-OH का सेवन करने से व्यक्ति अँधा हो सकता है तथा मृत्यु भी हो सकती है।
CH3-OH को जहरीली शराब भी कहते है।
(b) एथिल एल्कोहल द्वारा:
इसका निर्माण सुक्रोश व स्टार्च के किण्वन द्वारा किया जाता है।
किण्वन: जटिल कार्बनिक पदार्थो को एंजाइम द्वारा सरल या छोटे अणुओं में तोडना किण्वन कहलाता है।
भारत में अधिकांश एथिल एल्कोहल का निर्माण शिरा द्वारा किया जाता है।
शिरा: शर्करा के क्रिस्टलीकरण के पश्चात् शेष बचे अपशिष्ट पदार्थो को शिरा कहते है।
(i) सुक्रोस द्वारा : C12H22O11+ H2O à C6H12O6+ C6H12O6à 2C2H5OH + 2CO2
(ii)स्टार्च द्वारा : (C6H10O5)2+ H2O à C12H2O11à C6H12O6+ C6H12O6à 2C2H5-OH + 2CO2
एल्कोहल के भौतिक गुण (physical properties of alcohol)
- C1-C2तक ये एल्कोहल रंगहीन वाष्पशील द्रव होते है , C12और ऊपर के एल्कोहल रंगहीन ठोस होते है।
- एल्कोहल में मधुर गंध होती है , इसे स्पिरल के समान गंध भी कहते है।
- विलेयता: एल्कोहल जल में विलेय होते है , एल्कोहल की जल में विलेयता अणुभार बढ़ने के साथ घटती है। समान अणुभार वाले समावयवी एल्कोहल में अशाखित की तुलना में शाखित एल्कोहल जल में अधिक विलेय होता है।
प्रश्न : एल्कोहल जल में विलेय होते है , क्यों ?
उत्तर : क्योंकि एल्कोहल जल के साथ अंतर अणुक हाइड्रोजन बंध बनाता है इसलिए जल में अधिक विलेय होते है।
प्रश्न : अणुभार बढ़ने के साथ एल्कोहल की जल में विलेयता घटती है , क्यों ?
उत्तर : अणुभार बढ़ने के साथ एल्कोहल में द्रव विरोधी-CH2– समूह की संख्या बढती जाती है। इस कारण जल में विलेयता घटती जाती है।
- क्वथनांक: अणुभार बढ़ने के साथ क्वथनांक के मान बढ़ते है। समान अणुभार वाले समावयवी एल्कोहल में शाखित की तुलना में अशाखित का क्वथनांक अधिक होता है।
एल्कोहल के क्वथनांक अपने संगत हाइड्रोकार्बन जैसे एल्किल हैलाइड , ईथर , एल्डीहाइड व कीटोन से अधिक होते है।
प्रश्न : एल्कोहल का क्वथनांक अपने संगत हाइड्रोजन जैसे R-X , R-O-R , R-CHO व R-CO-R से अधिक होता है , क्यों ?
उत्तर : क्योंकि एल्कोहल के अणु में आयन में अंतर अणुक हाइड्रोजन बंध पाया जाता है इसलिए एल्कोहल का क्वथनांक अपने संगत हाइड्रोकार्बन से अधिक होता है।
- एल्कोहल धात्विक लवणों के साथ मिलकर धातुयुक्त लवण एल्कोलेट बना लेता है।
प्रश्न : CaCl2एक निर्जलीकारक है , फिर भी इसका उपयोग एल्कोहल के निर्जलीकरण में नहीं किया जाता है क्यों ?
उत्तर : क्योकि CaCl2, एल्कोहल के साथ मिलकर एल्कोलेट बना लेता है , इस कारण इसे एल्कोहल के निर्जलीकरण में प्रयुक्त नहीं किया जाता है।
- एल्कोहल में एल्किल समूह बढ़ने के साथ विषैलापन बढ़ता जाता है परन्तु C2H5OH , CH3OHसे कम विषैला है क्योंकि इसे अनाज से प्राप्त करते है।
- एल्कोहल ध्रुवीय प्रकृति के होते है।
एल्कोहल के रासायनिक गुण (chemical properties of alcohol)
इन्हें निम्न भागो में बांटा जाता है –
[A] R-O + H बंध विखंडन अभिक्रिया
[B] R + OH बंध विखंडन अभिक्रिया
[C] एल्किल तथा OH समूह , दोनों समूहों के कारण अभिक्रिया
[D] ऑक्सीजन के अयुग्मित इलेक्ट्रॉन के कारण अभिक्रिया
[A] R-O + H बंध विखंडन अभिक्रिया (reaction in which cleavage of R-O + H bond):
30< 20< 10< CH3OH – एल्कोहल का अम्लीय क्रम
CH3-OH < 10< 20< 30 – एल्कोहल का प्रतिक्रियाशीलता क्रम
CH3-OH < 10< 20< 30 – एल्कोहल का निर्जलीकरण क्रम
(1) धातुओ से क्रिया:
प्रश्न : एल्कोहल की अम्लीय प्रकृति दर्शाने वाली अभिक्रिया दीजिये।
उत्तर : एल्कोहल , Na , K , Mg आदि धातुओ से क्रिया कर अम्लीय प्रकृति को दर्शाता है।
2C2H5OH + 2Na à 2C2H5-ONa + H2
C2H5-OH + NaH à C2H5-ONa + H2
C2H5-OH + NaNH2à C2H5-ONa + NH3
प्रश्न : एथिल एल्कोहल की अभिक्रिया ग्रिन्यार अभिकर्मक से दीजिये।
उत्तर : एल्कोहल ग्रिन्यार अभिकर्मक से अभिक्रिया कर एल्केन मुख्य उत्पाद बनाते है।
(2) कार्बोक्सीलिक अम्लो से अभिक्रिया या एस्टीरीकरण
प्रश्न : X + Y à [fruit smell compound]
इस अभिक्रिया में 2 में फलों जैसी गंध आती है तथा XYZ को पहचानते हुए अभिक्रिया दीजिये।
उत्तर : एथिल एल्कोहल की अभिक्रिया एसिटिक अम्ल के साथ सान्द्र H2SO4की उपस्थिति में करवाने पर फलों जैसी गंध वाला यौगिक एथिल एसिटेट (एस्टर) बनता है।
इस अभिक्रिया में एस्टर का निर्माण होता है तो इसे एस्टीरीकरण अभिक्रिया कहते है।
इस अभिक्रिया में -OH समूह अम्ल व एल्कोहल दोनों में होता है परन्तु -O-H समूह का त्याग अम्ल से किया जाता है , ऐसा isotopes traces techniques द्वारा किया जाता है।
(3) अकार्बनिक अम्लो से क्रिया: एल्कोहल अकार्बनिक अम्लो से क्रिया करके अकार्बनिक एस्टर बनाते है।
(4) एसिलीकरण (acetylation of alcohol): एल्कोहल एसिटिल क्लोराइड या एसिटिक एनहाइड्राइड से क्रिया करके एस्टा बनाता है।
इस अभिक्रिया में एसिटिल समूह जुड़ता है इसलिए इसे एसिलीकरण (acetylation) कहते है।
(5) एल्किलीकरण: एल्कोहल , डाई एथिल सल्फेट से क्रिया कर इथर बनाता है। इस क्रिया में एल्किल समूह का योग होता है इसलिए इसे एल्कीलीकरण कहते है।
C2H5-OH + C2H5-SO4à C2H5-O-C2H5
(6) डाइ एजो मैथेन से क्रिया : एल्कोहल डाई एजो मेथेन से CH2-N2से क्रिया कर इथर बनाता है।
C2H5OH + CH2N2à C2H5-O-CH3+ N2
(7) एल्किन से अभिक्रिया: एल्कोहल एल्किन के साथ क्रिया करके (मर्क्यूरिक अम्लो की उपस्थिति) एसिटल बनाता है।
(8) कार्बोनिल यौगिको से क्रिया: एल्कोहल , एल्डीहाइड के साथ क्रिया कर क्रमशः हेमी एसिटल व एसिटल बनाता है।
एल्कोहल , कीटोन के साथ क्रिया करके क्रमशः हेमी किटल तथा किटल।
कीटोन कम क्रियाशील होने के कारण इसमें उत्प्रेरक एथिल ओर्थो formate (ethyl orthoformate)
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