आरेनियस समीकरण (arrhenius equation in hindi) , संक्रमण अवस्था (transition state in hindi)

संक्रमण अवस्था (transition state) : किसी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक अणुओं को उत्पाद में बदलने के लिए एक ऊर्जा अवरोध पार करना पड़ता है।

इसे निम्न उदाहरण द्वारा समझ सकते है –

B. …. C. … A-B + C. A + B-C. G. DG‡ DGrxn. The transition state represents the point of highest free energy for a reaction step.

(अभिकारक) AB +  C → [A—–B—–C] → A + BC (उत्पाद)

इस वक्र से स्पष्ट है कि अभिकारक अणु सक्रियण ऊर्जा प्राप्त करके एक उच्च ऊर्जा वाली अस्थायी अवस्था बनाते है , इसे ही संक्रमण अवस्था कहते है।

यह संक्रमण अवस्था तुरंत टूटकर उत्पाद का निर्माण कर लेती है।

ऊष्माक्षेपी व ऊष्माशोषी अभिक्रियाओ के लिए वक्र :-

ऊष्मा क्षेपी के लिए –

ऊष्मा शोषी के लिए –

आरेनियस समीकरण (arrhenius equation in hindi) : आर्रेनियस नामक वैज्ञानिक ने सक्रियण ऊर्जा (Ea) व परम ताप T को वेग स्थिरांक K से सम्बन्धित करते हुए एक समीकरण दिया जो निम्न प्रकार है –

K = Ae-Ea/RT  (समीकरण-1)

यहाँ K = वेग स्थिरांक

A = आर्रेनियस गुणांक

Ea = सक्रियण ऊर्जा

T = परम ताप

R = गैस स्थिरांक

समीकरण-1 आर्रेनियस समीकरण है।

समीकरण-1 को लघुगुणक के रूप में लिखने पर –

ln K = ln A – Ea/RT

इस समीकरण को log10 में परिवर्तित करने पर , (ln = 2.303 log)

2.303 log K = 2.303 log A – Ea/RT

इस समीकरण में 2.303 से भाग देने पर –

log K = log A – Ea/2.303RT  (समीकरण-2)

समीकरण-2 Log के रूप में आर्रेनियस समीकरण है।

आरेनियस समीकरण से सक्रियण ऊर्जा (Ea) की गणना : इस समीकरण से सक्रियण ऊर्जा (Ea) की गणना दो प्रकार से कर सकते है।

  1. आरेखी विधि
  2. अन्तराल समीकरण से
  3. आरेखी विधि: इस विधि से log K व 1/t के मध्य वक्र द्वारा Ea ज्ञात कर सकते है।

समीकरण 2 से –

log K = -Ea/2.303RT + Log A   (समीकरण-3)

समीकरण-3 की तुलना सरल रेखा समीकरण y = mx + c से करने पर –

y अक्ष पर = log K

x अक्ष पर = 1/T

ढाल = -Ea/2.303R

अन्त: खण्ड = log A

log K व 1/T के मध्य वक्र खीचने पर ये सरल रेखा के रूप में प्राप्त होता है –

ढाल = -Ea/2.303R

Ea = -2.303R x ढाल

इस सूत्र से सक्रियण ऊर्जा ज्ञात कर सकते है।

  1. अन्तराल समीकरण से: माना T1 व T2 ताप पर अभिक्रिया के वेग स्थिरांक क्रमशः K1 व K2 हो तो समीकरण 2 से –

Log K1 = – Ea/2.303RT1  + Log A  (समीकरण-1)

Log K2 = -Ea/2.303RT2 + Log A  (समीकरण-2)

समीकरण (2) में से समीकरण-1 घटाने पर और हल करने पर –

Ea = (log K2 – log K1)2.303RT1T2/(T2-T1)  (समीकरण-3)

समीकरण-3 से सक्रियण ऊर्जा (Ea) ज्ञात कर सकते है।

प्रश्न 1 : निम्नलिखित वेग समीकरण के आधार पर अभिक्रिया वेग व वेग स्थिरांक की इकाई लिखिए।

यदि दाब को बार (bar) व समय को मिनट (minute) में मापा जाए तो

अभिक्रिया वेग = K (PCH3OCH3)3/2

उत्तर : अभिक्रिया वेग की इकाई = Bar min-1

अभिक्रिया वेग स्थिरांक K की इकाई = bar min-1/bar3/2

K = bar-1/2 min-1

प्रश्न 2 : परम ताप 298k में 10k की वृद्धि होने पर रासायनिक अभिक्रिया का वेग दुगुना हो जाता है।  इस अभिक्रिया के लिए सक्रियण ऊर्जा की गणना कीजिये।

उत्तर : T1 = 298 k

T2 = 298 + 10 = 308 k

Ea = ?

R = 8.314 JK-1mol-1

K2/K1 = 2

Ea = (log K2 – log K1)2.303RT1T2/(T2-T1)

मान रखकर हल करने पर –

Ea = 52897 J/mol

प्रश्न 3 : हाइड्रो कार्बन का विघटन निम्न समीकरण के अनुसार होता है।  Ea की गणना कीजिये।

K = (4.5 x 1011 S-1)e-28000/T

उत्तर : इस समीकरण की तुलना आरेनियस समीकरण K = Ae-Ea/RT  से करने पर –

Ea/RT = 28000/T

Ea = 28000R

R = 8.314 JK-1mol-1

Ea = 232792 j/mol

प्रश्न 4 : H2O2 के प्रथम कोटि के विघटन को निम्न समीकरण द्वारा लिख सकते है –

Log K = 14.34 – 1.25 x 104 K/T

इस अभिक्रिया के लिए Ea की गणना कीजिये।  कितने ताप पर इस अभिक्रिया की अर्द्धआयु 256 मिनट होगी ?

उत्तर : Log K = 14.34 – 1.25 x 104 K/T

समीकरण की तुलना आरेनियस की log समीकरण log K = log A – Ea/2.303RT से करने पर –

Ea/2.303RT = 1.25 x 104 K/T

Ea = 23.93 x 10-4 जूल/मोल

T ज्ञात करना है –

T1/2 = 256 मिनट = 15360 सेकंड

K1 = 0.693/t1/2

K1 = 45 x 10-6 sec-1

Kका मान उपरोक्त समीकरण log K = log A – Ea/2.303RT में रखने पर और हल करने पर –

T = 669 K