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प्रगलन की परिभाषा क्या है , प्रगलन क्या है कोई एक उदाहरण दीजिए (Smelting in hindi)

(Smelting in hindi) प्रगलन की परिभाषा क्या है , प्रगलन क्या है कोई एक उदाहरण दीजिए : निस्तापन और भर्जन के बाद प्राप्त अयस्क में अपचायक पदार्थ जैसे एंथ्रेसाइट कोक एवं उचित गालक मिलाकर इसे उच्च ताप पर गर्म किया जाता है , इस तरह उच्च ताप पर निस्तापित और भर्जित अयस्क को गलाने की प्रक्रिया को प्रगलन कहते है।
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प्रगलन एक ऐसे प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी अयस्क से धातु को तत्व या किसी सरल यौगिक के रूप में प्राप्त किया जाता है , इस प्रक्रिया में अयस्क से धातु प्राप्त करने के लिए अयस्क को गलनांक बिंदु से भी अधिक ताप पर गर्म किया जाता है , यह प्रक्रिया ऑक्सीकारक जैसे हवा या अपचायक जैसे कोक की उपस्थिति में संपन्न होती है।
इस प्रक्रिया में अयस्क का गलित धातु में अपचयित होता है तथा , गालक अयस्क में उपस्थित आधात्री या अशुद्धियो के साथ क्रिया करके धातुमल बना लेती है , यह धातुमल हल्का होने के कारण गलित धातु पर ऊपर तैरता रहता है।
अब बात करते है कि गालक क्या होता है ?
गालक : वह पदार्थ जो अयस्क में उपस्थित अगलनीय आधात्री या अशुद्धियो के साथ उच्च ताप पर क्रिया करता है और परिणामस्वरूप गलनीय धातुमल बनाता है , इस धातुमल का घनत्व कम होता है अर्थात यह बहुत हल्का होता है इसलिए यह धातुमल गलित धातु पर तैरता रहता है।
इस विधि में मिलाने वाला गालक दो प्रकार का हो सकता है , अम्लीय या भास्मिक।
अभिक्रिया में मिलाया गया गालक आधात्री की प्रकृति पर निर्भर करता है , हमेशा आधात्री की प्रकृति के विपरीत प्रकृति का गालक पदार्थ मिलाया जाता है।
जैसे जब आधात्री अम्लीय प्रकृति की होती है तब गालक भास्मिक प्रकृति का होता है।
इसी प्रकार जब आधात्री भास्मिक प्रकृति की होती है तब गालक अम्लीय प्रकृति का होता है।
प्रगलन प्रक्रिया या विधि या अभिक्रिया के उदाहरण
इस विधि से हेमाटाइट अयस्क से लोह धातु , प्रगलन से प्राप्त करते है जो निम्न प्रकार अभिक्रिया द्वारा प्राप्त की जाती है –
Fe2O3 + 3CO = 2Fe + 3CO2

CaO + SiO2 = CaSiO3