इलिसा लिओनिडा ज़ैमफायरेस्कू (Elisa Leonida Zamfirescu in hindi)

(Elisa Leonida Zamfirescu in hindi) इलिसा लिओनिडा ज़ैमफायरेस्कू : क्या आप जानते है कि गूगल ने आज जिनको अपने डूडल पर लगाया है वो कौन है ? अगर नहीं जानते तो हम आपको बताने जा रहे है इस महान हस्ती के बारे में।

इलिसा लिओनिडा ज़ैमफायरेस्कू का जन्म 10 नवम्बर 1887 को हुआ था और इनकी मृत्यु 25 नवम्बर 1973 को हुआ था। ये दुनिया की पहली महिला इंजिनियर (अभियन्ता) थी।

आज गूगल ने अपने डूडल पर इनको लगाया है क्यूंकि ये दुनिया की पहली अभियंता अर्थात इंजिनियर थी इसलिए पूरी दुनिया को उनके बारे में जानना चाहिए।

इलिसा लिओनिडा ज़ैमफायरेस्कू का बचपन और शिक्षा

इनका जन्म 10 नवम्बर 1887 को रोमेनिया देश के गलाटी नामक जगह पर हुआ था और इनके पिता का नाम Atanase Leonida था जो पेशे से एक करियर अधिकारी अधिकारी थे अर्थात वे लोगो को तथा बच्चो को उनकी पढाई या करियर से सम्बंधित जानकारी देते थे और उन्हें गाइड करते थे।
उनकी माता का नाम मातील्डा गिल था जो एक फ़्रांस के इंजिनियर की बेटी थी तथा इनके भाई का नाम Dimitrie लियोनिडा था ये भी पेशे से एक इंजिनियर थे , इनके भाई भी एक बहुत जाने माने इंजिनियर थे जिन्होंने Dimitrie Leonida तकनीकी संग्रहालय की स्थापना की थी।
हम उनके फैमिली पृष्ठभूमि के आधार पर बता सकते है कि वो एक अच्छी फैमिली से सम्बंधित थी लेकिन उस समय महिलाओं के लिए कामयाब होने के लिए ये सब काफी नहीं था।
प्रारम्भ में उन्हें बुच्रेस्ट की the School of Bridges and Roads नामक संस्था से उन्हें अस्वीकार कर दिया गया क्यूंकि शायद उस समय विज्ञान में अन्य कोई महिला नहीं थी या वो मानते थे की विज्ञान वर्ग केवल पुरुषों के लिए है।
लेकिन 1909  में उनको Charlottenburg की रॉयल एकेडमी ऑफ टेक्नोलॉजी बर्लिन में उनको पढने के लिए स्वीकार कर लिया गया अर्थात उनका वहां प्रवेश हो गया। वहां उन्होंने मन लगाकर पढाई की और 1912 में वो अपनी इंजिनियर की स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली। ऐसा माना जाता है उससे पहले दुनिया के किसी में देश में किसी महिला ने इंजिनियर की पढाई पूरी नहीं की थी इसलिए उन्हें दुनिया की पहली महिला इंजिनियर के नाम से भी जाना जाता है।
लेकिन एक मत ये भी कहता है कि इनसे 6 साल पहले आयरलेंड की एलिस पेरी (Alice Perry) ने 1906 में अपनी इंजिनियर की पढाई पूरी कर ली थी।

इलिसा लिओनिडा ज़ैमफायरेस्कू की उपलब्धियाँ

अपनी इंजिनियर की पढाई पूरी करने के बाद वो रोमानिया लौट आई और वहां रोमानिया के भूवैज्ञानिक संस्थान में सहायक के रूप में काम किया। जब विश्व युद्ध प्रथम चल रहा था उस समय उन्होंने रेड क्रॉस में शामिल हो गयी।
रेड क्रॉस एक ऐसी संस्था है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव जीवन और उनके स्वास्थ्य की रक्षा करते है और इस संस्था से लगभग दुनिया के एक करोड़ 70 लाख लोग जोड़े हुए है।
इस संस्था में काम करने के दौरान वो वहां रसायनज्ञ (रसायन वैज्ञानिक) Constantin Zamfirescu से मिली और फिर उनसे शादी कर ली।
जब विश्व युद्ध ख़त्म हो गया तब वो अपने भू वैज्ञानिक संस्थान में वापस आ गयी , उन्होंने भू वैज्ञानिक से सम्बंधित कई प्रयोगशाला को नेतृत्व किया और अन्य कई क्षेत्रों में भी अपनी रूचि दिखाते हुए उन्हें ज्वाइन किया। उनमे से एक फील्ड था जो नए उर्जा के संसाधन जैसे कोयले, शैल, प्राकृतिक गैस, क्रोमियम, बॉक्साइट और तांबा आदि पर कार्य कर रहे थे , इलिसा लिओनिडा ज़ैमफायरेस्कू एक अच्छी अध्यापक भी थी उन्होंने बच्चों को रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान का ज्ञात दिया।
उनके जीवन की दो उपलब्धि सबसे महत्वपूर्ण थी एक तो वो दुनिया की सबसे पहली महिला इंजिनियर है और दूसरी वो A.G.I.R. (General Association of Romanian Engineers) की पहली महिला मेम्बर थी।
निष्कर्ष : आज गूगल ने डूडल पर उनको लगाया है ताकि लोग उस महिला के बारे में जान सके जो विश्व की पहला इंजिनियर महिला थी।