Differentiation (विभेदन) of magma in hindi , Assimilation (स्वांगीकरण)

Differentiation of magma : विभेदन वह प्रक्रम है जिसके द्वारा एक समांगी मैग्मा विभिन्न भागों में विभक्त हो जाता है।  ये विभक्त भाग अलग अलग राशि बनाते है लेकिन we भिन्न भाग एक राशि की सीमा के भीतर भी रह सकते है।

प्रथक्करण की कई विधियाँ हो सकती है जिनमे कुछ प्रमुख विधियाँ निम्न है –

1. gravity settling

2. liquid immiscibility (द्रव अवमिश्रण)

3. Fractional crystallization (क्रिस्टलन)

4.soret effect (filter pressing)

5. gaseous transfer

1. गुरुत्वीय विभेदन : इस प्रक्रम में अधिक आपेक्षिक घनत्व वाले क्रिस्टल अपने भार के कारण तली की ओर विभाजित होंगे।  इस प्रकार विभाजित होने वाले खनिजो में पाइराक्सिन , कैल्सियमी प्लेजिओक्लेज और लौह अयस्क प्रमुख है।

2. विमिश्रण : मैग्मीय अवस्था में उसके विभिन्न द्रव घटक विमिश्रण द्वारा भी विभेदित हो सकते है।  यह उसी प्रकार होगा जैसे एनिलिन जल का मिश्रण 100′ F के ऊपर पूर्णतया समान होता है लेकिन कम ताप पर वे अलग अलग हो जाते है।

3. क्रिस्टलन विभेदन : अंतर्वेध की सीमा पर मैग्मा द्रुत शितलित होता है।  फलस्वरूप वहाँ क्रिस्टलन प्रारम्भ होता है।  विसरण एवं संवहन द्वारा अंतर्वेधि मैग्मा के केन्द्रीय भाग में समुचित पदार्थ किनारे से लाया जाता है।  क्रमशः उपांत क्षेत्र के शैल मैग्मा से पहले क्रिस्टलित होने वाले अल्प सिलिकीय खनिज होंगे तथा केंद्र भाग के अधिसिलिक खनिज वाले शैल निर्मित होंगे।

4. Filter pressing  (निस्पंदन विभेदन) : क्रिस्टलों के संचय पर उनके मध्य कुछ अवशिष्ट द्रव रह जाता है।  ऊपर के शैलों के दाब या अन्य पाश्र्विक दाब के द्वारा द्रव दुर्बल स्थान में अंतक्षिप्त हो सकता है।  अवशिष्ट द्रव बाद में बनने वाले खनिज को विकसित कर एक अन्य शैल का निर्माण करेंगे।

5. गैसीय घटकों द्वारा विभेदन : अंतर्वेधि शैलो से मुक्त होने वाले गैसीय पदार्थ के साथ कुछ वाष्पशील पदार्थ है जो बाद में आसवित हो खनिज निक्षेपों का निर्माण करते है।  इसी प्रकार ग्रेनाइट  अन्तर्वेधि के पदार्थ में उपस्थित पेग्माटाइट एवं एप्लाईट अन्तर्वेधि की उत्पत्ति में गैसीय पदार्थ का महत्वपूर्ण योगदान है।

Assimilation (स्वांगीकरण)

स्वांगीकरण द्वारा बाह्य शैल पदार्थ ठोस या मैग्मीय रूप में मैग्मा में समाविष्ट हो जाते है।  इस प्रकार से एक नए प्रकार के मैग्मा का अविर्भाव होता है।  यदि ये बाह्य शैल पदार्थ मैग्मा में समविष्ट नहीं होती और अपनी पूर्व क्रिस्टलित अवस्था में ही रहते है , तो उन्हें “xenolith” कहते है।  उदाहरण : diamond
मैग्मा द्वारा ठोस पदार्थों के पाचन की मध्यवर्ती अवस्था को जबकि अपराश्म कुछ अंशो में विलीन हो गए हो , संकर शैल (hybrid rock) तथा क्रिया को शैल संकरण (hybridisation) कहते है।