importance of chemistry class 11 in hindi notes रसायन विज्ञान का महत्व Class 11 क्या है ?
रसायन विज्ञान की परिभाषा : पदार्थ के संघटन (composition) संरचना (Structure), गुणधर्म रूपान्तरण (transformation) एवं उपयोगों (Applications) का अध्ययन रसायन विज्ञान का क्षेत्र है। अणु तथा परमाणु पदार्थ के मौलिक अवयव हैं इसलिए रसायन विज्ञान को परमाणुओं तथा अणुओं का विज्ञान भी कहा जाता है।
भारतीय वैज्ञानिकों का रसायन विज्ञान में योगदान
रसायन विज्ञान के विकास में प्राचीन काल से ही भारतीय वैज्ञानिकमनीषियों के योगदान का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इसका विस्तृत वर्णन आधुनिक भारत में रसायन शास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य प्रफुल्लचंद राय द्वारा लिखित “हिस्ट्री ऑफ हिन्दू केमेस्ट्री” नामक पुस्तक में किया गया है। नई दिल्ली में कुतुबमीनार के पास खुले आसमान के नीचे खड़ा लोह स्तंभ पिछले 1600 वर्षों से जंगरहित बना हुआ है, जो वर्तमान काल में भी रसायनज्ञों के लिए एक चुनौती है। भारतीय वैज्ञानिकों के धात्विक ज्ञान का लोहा मानने से इससे बड़ा क्या प्रमाण हो सकता
वर्तमान में भी प्रोफेसर सी.एन.आर. राव (बैंगलोर), प्रो. सुखदेव (दिल्ली), प्रो. गोवर्धन मेहता (बैंगलोर), प्रो. आर. ए. माशेलकर (सी. एस. आई. आर. दिल्ली), प्रो. एम. एम. शर्मा (मुम्बई), प्रो. (स्व.) रामचरण मेहरोत्रा (जयपुर) जैसे अनेकानेक रसायनज्ञ अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित कर रसायन विज्ञान के विकास में भारतीय प्रतिभा के योगदान को चरितार्थ कर रहे हैं। वर्तमान युग में रसायन विज्ञान ने बहुत अधिक प्रगति की है । मनुष्य के दैनिक जीवन का कोई भी क्रिया कलाप ऐसा नहीं है जिसमें रसायन विज्ञान का उपयोग न हो। अतः कहा जा सकता है “NO LIFE IS POSSIBLE WITHOUT CHEMISTRY”.
रसायन विज्ञान का महत्त्व (Importance of Chemistry
• कोई भी वस्तु जिसका द्रव्यमान होता है तथा जो स्थान घेरता है द्रव्य
कहलाता है। द्रव्य के गुणधर्मों को भौतिक व रासायनिक में वर्गीकृत किया जा सकता है। भौतिक गुणधर्म व गुणधर्म होते है, जिन्हें पदार्थ की पहचान या संघटन को परिवर्तित किए बिना मापा या देखा जा सकता है। भौतिक गुणधर्मों के कुछ उदाहरण रंग, गंध, गलनांक, क्वथनांक, घनत्व आदि है।
रासायनिक गुणधर्मों को मापने या देखने के लिए रासायनिक परिवर्तन का होना आवश्यक होता है। रसायन शास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पदार्थ के संघटन, संरचना एवं उपान्तरण का अध्ययन किया जाता है। इसे निम्न उपवर्गों में अध्ययन किया जाता है |
कार्बनिक रसायन, अकार्बनिक रसायन, भौतिक रसायन, विश्लेषण रसायन, फार्मास्युटिकल रसायन आदि। रसायन विज्ञान, विज्ञान की अन्य शाखाओं तथा भौतिकी (Physics), जीव विज्ञान (Biology), भू विज्ञान (Geologs), चिकित्सा विज्ञान (Medicine) आदि के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा है। विभिन्न क्षेत्रों में रसायन विज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व का वर्णन
निम्न हैं –
(i) दैनिक जीवन में – सवेरे दातुन करने से रात सोते समय तक की
विभिन्न क्रियाकलापों में चाहे वो टूथपेस्ट हो चाहे खाना पकाने का तेल, पीने का स्वच्छ व मीठा पानी, कोल्डड्रिंक, बालों में लगाने का तेल, परफ्यूम, लिपस्टिक, आलीशान भवन आदि सभी में
रसायन विज्ञान का विशेष योगदान है।
(ii) स्वास्थ्य एवं औषधि के क्षेत्र में : मनुष्य के स्वास्थ्य में होने वाली गिरावट, बीमारियों को जानने के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण, मूत्र परीक्षण इत्यादि किये जाते हैं जो विभिन्ना रसायनों के प्रयोग से ही संभव होते हैं। रोग का पता लगाने के बाद उपचार हेतु दी जाने वाली औषधियाँ भी विभिन्न रसायनों द्वारा ही तैयार की जाती है।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में
रोग निदान एवं उपचार हेतु चिकित्सा पद्धतियों में औषधियों के निर्माण में रसायन की महत्वपूर्ण भूमिका है। अनेक जीवन रक्षक दवाईयाँ-कलोरोमाइसेटीन, पैनिसीलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन सिप्रोफ्लोक्सासीन जैसी प्रतिजैविकों का निर्माण रसायन द्वारा सम्भव है। सिस-प्लास्टिन व टैक्सोल कैंसर जैसे असाध्य रोग के लिए एवं एड्स रोगियों के उपचार हेतु एजिडोथाईमिडी (AZT) औषधियों को पादप एवं प्राणी स्रोतों से प्राप्त किया गया है। क्लोरीन, विरंजक चूर्ण, ओजोन तथा जिओलाइट्स का उपयोग जल को स्वच्छ एवं शुद्ध कर पीने योग्य बनाने में किया जाता है। जलवायु के शुद्धिकरण हेतु कीटाणुनाशक व जीवाणुनाशक, रसायन
से ही संभव हुए हैं।
(iii) कृषि में – कृषि के क्षेत्र में भारत ने बहुत अधिक प्रगति की है। कृषि में नवाचार, उन्नत बीज, खाद के प्रयोग से पैदावार में अच्छी वृद्धि हुई है। इस प्रगति में कीटनाशक (Insecticides), फफूंदनाशी (fungicid) और पीड़कनाशी (Pesticides) जैसे रसायनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आजकल विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित करने हेतु बायो टेक्नोलॉजी व जीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया
जा रहा है।
(iv) उद्योगों में – रसायन विज्ञान में हुई प्रगति ने आज अनेकों उद्योगों
को जन्म दिया हैं, जिनसे न केवल हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति हुई है वरन लाखों व्यक्तियों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है। वस्त्र उद्योग, रंग व पेन्ट उद्योग, सर्फ व साबन उद्योग, चमड़ा उद्योग, धातु निष्कर्षण, फोटोग्राफी उद्योग, चीनी उद्योग, सीमेंट उद्योग, ग्लास उद्योग व प्लास्टिक उद्योग आदि का विकास रसायान के ज्ञान
एवं उपयोग पर ही निर्भर है।
(v) नये पदार्थों के निर्माण में – रसायन सिद्धान्तों की स्पष्ट समझ के कारण ही चुम्बकीय, विद्युत चुम्बकीय और प्रकाशीय गुणधर्मों से युक्त पदार्थों का निर्माण सम्भव हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप अतिचालक सिरेमिक, सुचालक बहुलक, प्रकाशीय तन्तु जैसे उपयोगी पदार्थों का संश्लेषण
किया जा सका।
(vi) युद्ध के क्षेत्र में – युद्ध में उपयोगी सामग्री टी.एन.टी., डायनामाइड नाइट्रोग्लिसरीन, ऐन्थ्रेक्स, परमाणु बम, हाइड्रोजन बम, विषैली गैसें आदि सभी रसायन विज्ञान के अनुप्रयोगों पर आधारित है।
(vii) जीव विज्ञान के क्षेत्र में -जैव रासायनिक क्रियाओं जिसके द्वारा प्राणी एवं वनस्पतियों में होने वाली विविध क्रियाओं. जैविक अवयवों के बनने की गति, स्थान एवं अनुक्रम का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। उदाहरण रेडियोएक्टिव फॉस्फोरस पौधों में खनिज एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण दिशा एवं मात्रा का अध्ययन करने में उपयोगी है।
(viii) पर्यावरण शुद्धिकरण में : वाहनों से निकलते धुंए, नाभिकीय हादसों, उद्योगों के अपशिष्टों, जल में प्रदूषकों की मात्रा को नियंत्रित करने में रसायन विज्ञान ने प्रभावी उपयोग दर्शाया है। समताप मण्डल में ओजोन के क्षय को बढ़ाने वाले पदार्थ क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) का विकल्प रसायन विज्ञान के अध्ययन द्वारा सम्भव हो पाया है।