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मीटर सेतु क्या है , सिद्धान्त , कार्यप्रणाली क्या है किसे कहते हैं meter bridge principle , working in hindi

meter bridge principle , working in hindi मीटर सेतु क्या है , सिद्धान्त , कार्यप्रणाली : जिस प्रकार व्हीटस्टोन सेतु का उपयोग अज्ञात प्रतिरोध को ज्ञात करने के लिए किया जाता है ठीक उसी प्रकार मीटर सेतु (मीटर ब्रिज ) का उपयोग भी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
सिद्धान्त – कम प्रतिरोधों के लिए व्हीटस्टोन का उपयोग आसानी से किया जा सकता है लेकिन बड़े प्रतिरोधों के लिए यह उपकरण जटिल साबित होता है।
इसलिए व्हीटस्टोन सेतु सिद्धांत पर आधारित एक युक्ति बनाई गयी जिसकी सहायता से अज्ञात प्रतिरोधों का मान आसानी से ज्ञात किया जा सके , यह युक्ति मीटर सेतु थी जिसको व्हीटस्टोन का सरलतम रूप के रूप में देखा जा सकता है।

मीटर ब्रिज की संरचना या चित्र

इसका चित्र यहाँ दिखाया गया है।
इसमें निम्न उपकरण प्रयुक्त होते है
1. प्रतिरोध बॉक्स
2. धारामापी
3. अज्ञात प्रतिरोध
4. कुंजी
5 सर्पी कुंजी

इसमें समान अनुप्रस्थ काट का या मोटाई का एक मीटर लम्बा तार कंस्टेन्टन या मैगनिन का होता है जो चित्रानुसार एक मीटर के पैमाने के सहारे कसा होता है।

ऊपर वाले चित्र में देखे , तार के सिरों पर तार के सिरों A तथा C पर दो L आकार की पत्तियां जुडी हुई है जिनमे एक एक पेंच लगाया हुआ है , दोनों पत्तियों के बिच एक पत्ती लगी हुई है जिस पर तीन पेंच लगे हुए है ऊपर चित्र में इनको डॉट से दर्शाया गया है इन पेंचो पर सर्किट को कसा जाता है।
जब आप चित्र को ध्यान से देखेंगे ABCD आपको व्हीटस्टोन ब्रिज की तरह ही दिखेगा।
AC के मध्य 1 मीटर लम्बा तार सेट है।
AD के मध्य प्रतिरोध बॉक्स लगा हुआ है।
DB के मध्य धारामापी लगा हुआ है।
DC के मध्य अज्ञात प्रतिरोध जुड़ा हुआ है।

मीटर सेतु की कार्यप्रणाली (working of meter bridge) :

AC के मध्य चित्रानुसार एक सेल , धारा नियंत्रक और एक कुंजी को जोड़ देते है।
प्रतिरोध बॉक्स में उचित प्रतिरोध R लगाकर कुंजी K को बंद कर परिपथ को पूरा करते है , फिर सर्पी कुंजी को दाएं से बाएं एक मीटर वाले तार पर खिसकाकर तार पर वह स्थिति ज्ञात करते है जहाँ धारामापी में विक्षेप शून्य आ जाये, इस स्थिति को मीटर सेतु की संतुलन स्थिति कहते है।
संतुलन की स्थिति में AB तथा BC की लम्बाइयों को स्केल में देखकर सेंटीमीटर में नोट कर लेते है।
यहाँ AB की लम्बाई को L मान रहे है तथा BC की लम्बाई को (100 – L ).
प्रतिरोध बॉक्स में लगाए गए प्रतिरोध को R मान रहे है।
चूँकि
प्रतिरोधलम्बाई
P / Q = L / (100 – L )
सेतु की संतुलन की स्थिति में
P /Q = R / S
L / (100 – L ) = R / S
अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए सूत्र
S = R(100 – L) / L
इस प्रकार मीटर सेतु की सहायता से किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात किया जाता है।
प्रायोगिक रूप या चित्र