अकाली आंदोलन करके क्या मांग थी | अकाली आंदोलन क्या है किसे कहते है akali movement in hindi

akali movement in hindi demands अकाली आंदोलन करके क्या मांग थी | अकाली आंदोलन क्या है किसे कहते है ?

अकाली आंदोलन
अकाली, इतिहास के अनुसार, अकाली, सिक्ख सेनाओं के आत्मघाती दस्तों के सदस्य हैं। ये सेवाएं 1690 ई. के आसपास उस समय उभरी, जब 10 वें गुरू (गुरू गोबिंद सिंह जी) ने अपने दो पूर्ववर्ती गुरुओं को फांसी दिये जाने और निरंतर अत्याचार किये जाने से बाध्य हो कर मुगल शासकों के विरुद्ध संघर्ष छेड़ दिया। अकालियों को निहग भी कहते हैं और ये परंपरागत नीली पोशक पहनते हैं। सन 1920 में, जब अर्धसेना के स्वयंसेवक, ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध उठ खड़े हुए तब अकाली आंदोलन पुनरू उभरा। जब सिक्ख समुदाय ने पंजाबी भाषी सिक्ख बहुलता वाले राज्य को प्राप्त करने के लिए विद्रोह किया तो अकालियों ने गुरूद्वारों पर पुनः कब्जा प्राप्त करने के लिए उनका प्रतिनिधित्व किया । इस प्रकार सन 1966 में पंजाब राज्य की स्थापना हुई। शिरोमणि अकाली दल पंजाब का एक प्रमुख राजनीतिक दल है। (नया इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका, 1985: 185)

 भारतीय समाज पर प्रभाव (Impact on Indian Society)
आपसी भाईचारे तथा ईश्वर एक होने की बातों ने भारतीय समाज के जनमानस को अत्यधिक प्रभावित किया। जाति प्रथा के विरुद्ध आवाज उठाकर सिक्ख गुरू पारंपरिक जाति प्रथा के वर्चस्व को तोड़ने में सफल हुए। सभी धर्मों की समानता पर बल देने तथा गुरू ग्रंथ साहिब में हिन्दू भक्तों तथा मुसलमान संतों के श्लोकों को सम्मिलित करने के काम ने सच्चे विश्व-बंधुत्व का उदाहरण प्रस्तुत किया। दो संघर्षरत परंपराओं हिन्दुत्व, इस्लाम व मुसलमानों के बीच शांति व संधि के प्रयास द्वारा सिक्ख गुरुओं ने श्रेष्ठतम मानवतावाद तथा आध्यात्मिक मूल्यों पर बल देते हुए एक दिशा प्रदान की। सिक्ख गुरुओं ने पाया कि लोगों में आपसी प्रेम का नितांत अभाव था, अतः उन्होंने आध्यात्मिक क्रियाओं तथा परमात्मा (सर्वोपरि सच्चाई) के दर्शन पर विशेष बल दिया। ऐसे समय जबकि एक बार फिर एक धर्म को दूसरे से श्रेष्ठतर सिद्ध करने का विवाद आरंभ हो गया, तीसरे गुरू का यह श्लोक धार्मिक संघर्ष को सुलझाने का काम करता हैः

‘‘सब‘‘ धर्मों में श्रेष्ठतम धर्म है परमात्मा का नाम लेना तथा पवित्र कार्यों को करना‘‘।

बोध प्रश्न 3
प) ऐसी कुछ बातों का उल्लेख करें जो सिक्ख धार्मिक आचार संहिता के अनुसार वर्जित हैं।
पप) निरंकारी आंदोलन के संस्थापक बाबा दयाल ने किसके विरुद्ध उपदेश दिये।
क) मूर्ति-पूजा
ख) पेड़ों, कब्रों, समाधियों की पूजा
ग) ब्राह्मणवादी रूढ़ियों में आस्था
घ) उपर्युक्त सभी के विरुद्ध
पपप) नामधारी आंदोलन का उपदेश इनमें से किनके लिए थाः
क) सादे विवाह के लिए
ख) दहेज के साथ विवाह
ग) जाति-प्रथा
घ) कम उम्र में विवाह

सारांश
इस इकाई में हमने सिक्ख धार्मिक विश्वास से जुड़े अनेकों पहलुओं पर चर्चा की जिनका विकास एक लंबे समय के दौरान हुआ । हमने इकाई को सिक्ख धर्म की सामाजिक-सांस्कृतिक व दार्शनिक नींव से आरंभ किया। जहां हमने उन सामाजिक व सांस्कृतिक संदर्भो की चर्चा की जिनके अंतर्गत गुरू नानक के जीवन तथा संदेश से जुड़े सिक्ख धर्म की उत्पत्ति हुई। हमने गुरू नानक द्वारा उनके जीवन काल में ही स्थापित सिक्ख समाज के प्रतिरूप की भी चर्चा की। सिक्ख धर्म के विकास तथा दस गुरुओं के आगमन की भी हमने इस इकाई में संक्षिप्त चर्चा की। सिक्खों की पूजा-पद्धति, जीवन-चक्र से संबंधित उनके धार्मिक-संस्कार आदि पर भी चर्चा की गई। अंत में हमने सिक्ख आचार-संहिता तथा सिक्ख धर्म में धार्मिक सुधार आंदोलनों की भी चर्चा की। यहाँ पर हमने निरंकारी, नामधारी और अकाली आंदोलनों की भी चर्चा की।

 शब्दावली
अमृत (Amrit) ः दीक्षा के दौरान का पवित्र जल
कच्छा (Kachha) ः बड़े आकार का जांघिया
कंघा (Kanga) ः बालों में रखने वाली छोटी सी कधी
कड़ा (Kara) ः लोहे की चूड़ी जैसा
केश (Kesh) ः बिना कतरे बाल
खालसा (Khalsa) ः खालसा शब्द, जिसका शाब्दिक अर्थ है शुद्ध (खालिस)/परमात्मा का अपना । इसका प्रयोग दीक्षा प्राप्त सिक्खों के लिए किया जाता है।
कृपाण (Kirpan) ः तलवार
कीरत करनी (Kirt Karni) ः अपनी कमाई को दूसरों के साथ बांटना
लंगर (Langar) ः गुरूदारों में दिया जाने वाला निःशुल्क खाना
नाम जपना (Nam Japna) ः भगवान का ध्यान करना
निशान साहिब (Nishan Sahib) ः पीले रंग का सिक्ख झंडा
संगत (Sangat) ः एकत्रित जनसमूह
वंड छकना (Wand Chhakna) ः अपनी कमाई को दूसरों के साथ बांटना

 कुछ उपयोगी पुस्तकें
खुशवंत सिंह, 1986, हिस्ट्री ऑफ दि सिक्खस, (खंड प् और प्प्) प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस: प्रिंसटन।
हरबंस सिंह, 1985, हैरिटेज ऑफ दि सिक्खस, मनोहर: नई दिल्ली।
महिन्द्र सिंह, 1988, दि सिक्खस, नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ पंजाब स्टडिज: नई दिल्ली।

 बोध प्रश्नों के उत्तर

बोध प्रश्न 3
प) कुछ वर्जित बातों में है-मुस्लिम तरीके से तैयार हलाल मीट न खाना, शरीर के किसी भी भाग से बालों को न हटाना, मदिरा का सेवन न करना तथा अनैतिक संबंध/व्याभिचार न करना।
पप) घ)
पपप) क)