लोकोक्ति किसे कहते हैं | लोकोक्ति की परिभाषा क्या है , उदाहरण , अर्थ वाक्य में प्रयोग proverbs in hindi
proverbs in hindi lokokti kya hoti hai लोकोक्ति किसे कहते हैं | लोकोक्ति की परिभाषा क्या है , उदाहरण , अर्थ वाक्य में प्रयोग ?
मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है-अभ्यास अथवा बातचीत । मुहावरे के अर्थ में लक्षणा शब्द शक्ति काम करती है, इसलिए इनका शब्दार्थ नहीं लिया जाता, अपितु लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है। भाषा को सशक्त, सजीव, प्रभावोत्पादक बनाने के लिए मुहावरों का प्रयोग किया जाता है।
लोकोक्ति का अर्थ है, लोक की उक्ति, अर्थात् लोक प्रचलित कथन। किसी कथन को सजीव एवं रोचक बनाने में लोकोक्ति की विशिष्ट भूमिका रहती है। सम्भवतः इसी कारण वार्तालाप में लोकोक्तियों का प्रयोग अधिक होता है।
ज्ञान-लोकोक्ति पूरा वाक्य होती है, जबकि मुहावरा वाक्यांश होता है। मुहावरों के अन्त में प्रायः श्नाश् लगा होता हैय जैसे-ईद का चाँद होना, पर लोकोक्तियाँ पूर्ण वाक्य होती हैं । यथा-अरहर की टट्टी गुजराती ताला । मुहावरे गद्यात्मक ही होते हैं, जबकि लोकोक्तियाँ गद्यात्मक एवं पद्यात्मक दोनों तरह की हो सकती हैं। मुहावरों एवं लोकोक्तियों के प्रयोग से भाषा की अभिव्यक्ति क्षमता में पर्याप्त वृद्धि हो जाती है। कभीकभी जो बात एक अनुच्छेद में कर पाते हैं उसे कुशल वक्ता एक लोकोक्ति या मुहावरे के द्वारा व्यक्त कर देता है। ध्यान रहे वाक्य में लोकोक्ति या मुहावरे का प्रयोग करें, उसके अर्थ का नहीं तथा प्रयोग ऐसा हो जो सबकी समझ में आ जाये।।
यहाँ प्रमुख मुहावरे और लोकोक्तियाँ दी जा रही हैं।
प्रमुख मुहावरे एवं वाक्य प्रयोग
1. अँगूठा दिखाना = मना कर देना।
प्रयोग-बेटी के विवाह में जब मैं अपने भाई से आर्थिक सहायता माँगने गया तो उसने अँगूठा दिखा दिया।
2. अक्ल का अंधा होना = मूर्ख होना।
प्रयोग-तुम तो अक्ल के अंधे हो, चाहे जितना समझाओ पर मानते ही नहीं।
3. अक्ल पर पत्थर पड़ना = बुद्धि भ्रष्ट होना ।
प्रयोग-कैकेयी को दशरथ ने बहुत समझाया कि वह राम को वनवास न दे, पर वह न मानी, क्योंकि उसकी अक्ल पर तो पत्थर पड़े हुए थे।
4. अन्धे की लकड़ी होना = एकमात्र सहारा होना।
प्रयोग-इकलौता पुत्र माता-पिता के लिए तो अन्धे की लकड़ी जैसा होता है।
5. अपना उल्लू सीधा करना = अपना काम बनाना (अपना स्वार्थ सिद्ध करना)।
प्रयोग-राजनीति में तो कोई किसी का सगा नहीं, सब अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं।
6. अपने मुँह मियाँ मिठू बनना = आत्म-प्रशंसा करना।
प्रयोग-अपने मुँह मियाँ मिठू बनने से क्या लाभ, तारीफ तो तब है, जब दूसरे तुम्हारी प्रशंसा करें।
7. अपने पैरों पर खड़े होना = स्वावलम्बी बनना।
प्रयोग-पुत्र का विवाह तभी करना चाहिए, जब वह अपने पैरों पर खड़ा हो जाये।
8. अमरबेल बनना = दृढ़ता से चिपकना।
प्रयोग-मैंने राधा और श्याम को अलग करने की बहुत कोशिश की, पर वह तो जैसे अमरबेल बन गई है।
9. अपना सोना खोटा तो परखैया का क्या दोष = जब अपने ही लोग बुरे हों तो पराये का क्या दोष?
प्रयोग- पिता ने बेटे के फेल हो जाने पर कहा – जब अपना सोना खोटा हो तो परखैया का क्या दोष । तुममें अक्ल ही नहीं है, परीक्षा पद्धति को ‘क्या दोष दूँ।
10. आकाश टूट पड़ना = अचानक विपत्ति आ जाना।
प्रयोग-पिताजी के अचानक निधन से मेरे परिवार पर तो आकाश (आसमान) टूट पड़ा है। एकमात्र वही तो कमाने वाले सदस्य थे।
11. आगे कुआँ पीछे खाई होना = दोनों तरफ से विपत्तियों से घिर जाना।
प्रयोग- खेत का अधिग्रहण सरकार ने क्या कर लिया मेरे लिए तो आगे कुआँ पीछे खाई वाली स्थिति बन गई। अगर दे देता हूँ तो करूँगा क्या और मना करता हूँ तो जेल जाना पड़ेगा, समझ में नहीं आता क्या करूँ?
12. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना = शर्मिन्दा होना।
प्रयोग-जब मोहन की पोल खुली तो वह अपना-सा मुँह लेकर रह गया।
13. अपनी खिचड़ी अलग पकाना = सबसे पृथक् रहना।
प्रयोग-समाज में रहना है तो सबके साथ चलना पड़ेगा । यहाँ अपनी खिचड़ी अलग पकाने से काम नहीं चलता।
14. अन्धेर नगरी होना = धाँधली होना।
प्रयोग- भइया यहाँ बचकर रहना, क्योंकि इस दफ्तर में तो अन्धेर नगरी है, यहाँ किसी की सुनवाई नहीं होती।
15. आँखें लाल-पीली करना = क्रोध करना।
प्रयोग- शिव धनुष को टूटा देखकर परशुराम जनक की सभा में आये और आँखें लाल-पीली करने लगे।
16. आँखों का तारा होना = अत्यधिक प्रिय होना ।
प्रयोग-इकलौता बेटा होने से वह पूरे परिवार की आँखों का तारा है।
17. आँखें नीची होना = लज्जित होना।
प्रयोग- परीक्षा में नकल करके तुमने तो मेरी आँखें नीची कर दी।
18. आँख में खटकना = अच्छा न लगना।
प्रयोग-भारत की उन्नति कई देशों की आँखों में खटकती है।
19. आँखें बिछाना = स्वागत हेतु प्रस्तुत रहना ।
प्रयोग-आप हमारे घर आएँ तो सही, मैं तो आँखें बिछाये बैठा हूँ।
20. आग बबूला होना = अत्यधिक क्रोध करना।
प्रयोग-नौकर से नया टी सेट टूट जाने पर मालकिन आग बबूला हो गईं।
21. आग में घी डालना = क्रोध भड़काना ।
प्रयोग-लक्ष्मण की मुस्कान परशुरामजी के लिए आग में घी डालने का काम कर रही थी।
22. आटे-दाल का भाव मालूम पड़ना = असलियत सामने आना।
प्रयोग-जब से मेरी शादी हुई है, मुझे आटे-दाल का भाव मालूम पड़ गया है।
23. आसमान सिर पर उठाना = अत्यधिक शोरगुल करना।
प्रयोग- कक्षा में छात्रों का शोर सुनकर अध्यापक ने कहा, शान्त हो जाइये, आप लोगों ने तो आसमान सिर पर उठा रखा है।
24. आसमान टूट पड़ना = अचानक मुसीबत आ जाना।
प्रयोग-पिताजी को हृदयाघात होने पर बेचारे मोहन के सिर पर तो मानो आसमान ही टूट पड़ा।
25. आड़े हाथों लेना = ताना देकर शर्मिन्दा करना ।
प्रयोग- ज्यादा बढ़-चढ़कर बोलने वालों की बोलती तभी बन्द होती है जब कोई उन्हें आड़े हाथों लेता है।
26. ईद का चाँद होना = बहुम कम दिखाई पड़ना।
प्रयोग-अरे मियाँ जब से तुम्हारी शादी हुई है, तुम तो ईद के चाँद हो गये हो।
27. ईंट का जवाब पत्थर से देना = कड़ा उत्तर देना।
प्रयोग-पाकिस्तानी सेना की सीमा पर होने वाली गोलीबारी तभी रुकती है, जब भारत की सेना ईंट का जवाब पत्थर से देती है।
28. ईश्वर की माया, कहीं धूप तो कहीं छाया = भाग्य की विचित्रता का अनुभव करना।
प्रयोग-अभी धूप थी और अब पानी बरसने लगा। इसी को कहते है, ईश्वर की माया कहीं धूप तो कहीं छाया।
29. उड़ती चिड़िया पहचानना = अनुभवी होना।
प्रयोग-तुम किसी से प्रेम करने लगे हो तभी तो तुम्हारा यह हाल है। मुझसे सच उगल दो, क्योंकि मैं उड़ती चिड़िया पहचान लेता हूँ।
30. उधेड़बुन में पड़ना = सोच-विचार में पड़ जाना।
प्रयोग- आप किस उधेड़बुन में पड़ गए? अगर बेटे की शादी नहीं करनी है तो वैसा जवाब दे दो।
31. उंगली उठाना = दोष लगाना।
प्रयोग- किसी नेता पर उंगली उठाना तो आसान है पर स्वयं नेता बनकर देखो तब पता चलेगा।
32. उल्लू बनाना = बेवकूफ बनाना ।
प्रयोग-वह देश-देशान्तर में घूमी-फिरी है अतः उसे उल्लू बनाना आसान नहीं है।
33. उंगली पर नचाना = पूरी तरह वश में कर लेना।
प्रयोग-शीला तो अपने पति को उंगली पर नचा रही है। वह किसी की बात नहीं सुनेगी।
34. उल्टे छुरे से मूंड़ना = मूर्ख बनाना।
प्रयोग-सुनार ने हार में से 30 प्रतिशत बट्टा काटा और दस प्रतिशत अन्य कटौती करके मुझे तो उल्टे छुरे से मूंड़ दिया।
35. ऊँट के मुँह में जीरा होना = आवश्यकता से बहुत कम ।
प्रयोग-किसी पहलवान को 250 ग्राम दूध पिलाना ऊँट के मुँह में जीरा देना जैसा है।
36. ऐसी वैसी होना = चरित्रभ्रष्ट होना।
प्रयोग-राधा ने कहा – मैं ऐसी-वैसी लड़की नहीं हूँ जो तुम्हारे बहकाने में आ जाऊँ।
37. ऐरा गैरा नत्थू खैरा होना = कोई महत्व न देना।
प्रयोग-आपने मुझे मीटिंग से बाहर कर दिया, मैं क्या आपको ऐरा गैरा नत्थू खैरा लगता हूँ।
38. एक आँख से देखना = सबको समान समझना।
प्रयोग-मैं तो अपने बेटा-बेटी को एक आँख से देखता हूँ। अपनी वसीयत में दोनों को आधी-आधी सम्पत्ति दे जाऊँगा।
39. एड़ी चोटी का जोर लगाना = पूरा प्रयास करना।
प्रयोग-आई.ए.एस. की परीक्षा पास करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है, फिर भी बहुतों को निराश होना पड़ता है।
40. एक लाठी से हाँकना = अच्छे-बुरे में भेद न करना।
प्रयोग-देखो भाई मैं तो पुलिस वाला आदमी हूँ अतः सबको एक लाठी से हाँकना और कोई पक्षपात न करना मेरे प्रशिक्षण में शामिल है।
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