JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: BiologyBiology

मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है , मांसपेशियों में थकान किस अम्ल के कारण होता है

Muscle fatigue is due to accumulation of which acid in hindi मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है , मांसपेशियों में थकान किस अम्ल के कारण होता है ?

पेशीय थकान : अंतराल के समाप्त हुए बिना आवृत्तीय उद्दीपनों आवेगों के परिणामस्वरूप बिना टिटनेस उत्पन्न कर दिया जाए तो पेशीय थकान उत्पन्न होती है | ऐसी स्थिति पेशियों की सामूहिक अवस्था में बहुत कम पायी जाती है और यह केवल विलगित पेशियों के साथ देखी जा सकती है | जब पृथक पेशी को बार बार आवेग दिए जाते हैं तो संकुचन दुर्बल होते जाते है और अंततः उद्दीपन के प्रति कोई प्रतिक्रिया प्रेक्षित नहीं होती | थकान की अवस्था , पेशी में लेक्टिक अम्ल के लगातार जमाव के साथ कम हुए फास्फोक्रिएटिन स्तर के कारण होती है | लेक्टिक अम्ल को निकालने पर थकान दूर की जा सकती है |

Muscle treppe : पेशीय संकुचन के दौरान कुछ लाभदायक कार्य किये जाते हैं | कार्य की मात्रा कुछ निश्चित स्थितियों जैसे पेशीय आकार प्रकार , पोषण स्तर और बाह्य कारक जैसे तापमान आवेग , आवेग की तीव्रता पर निर्भर करता है | अत्यधिक ग्लूकोज संग्रह युक्त पेशी में लम्बे समय तक उद्दीपन दिए जाते हैं तो प्रथम 5-15 संकुचनों को आयाम उत्तरोत्तर बढ़ता है | यह treppe अथवा staircase कहलाता है | यह अवस्था कुछ निश्चित आंतरिक स्थितियां जो पेशी की कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करती है जैसे बढ़ा हुआ तापमान और ग्लाइकोजन संग्रहण विखण्डन पर निर्भर करती है | Treppe अपने स्थान पर सामूहिक स्वस्थ पेशी में नहीं देखी जा सकती |

Muscle tonus : पेशीय सक्रियता के दौरान आंतरिक पेशी कुछ समय के लिए संकुचित अवस्था में रहती है | यह स्थिति muscle tonus कहलाती है | Tonus को निष्क्रिय खिंचाव में अनैच्छिक प्रतिरोध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है | जब पेशिया नियमित सक्रियता दर्शाती है तो पेशी तंतु के सभी संघटक एक साथ कार्य करते हैं जिससे अधिकतम प्रतिक्रिया प्राप्त होती है | कभी कभी केवल कुछ तंतु ही संकुचित होते है | इस स्थिति में थकान नहीं होती | नींद के दौरान पेशियाँ पूर्णतया शिथिल होती है | इसके अलावा इसी अवस्था में पेशिया आंशिक संकुचित रहती है और तंतुओं को तनाव के साथ मजबूत बनाती है | इन पेशियों में tone or tonus होता है |

कंकालीय पेशियों में गति

  • पेशियाँ हड्डियों से प्रत्यक्ष रूप से अथवा टेंडेन और एपोन्यूरोसिस से जुड़ी होती है |
  • एक पेशी का स्थिर सिरा इसकी उत्पत्ति और गतिशील सिरा इसका निवेशन होता है |

ऑक्सीजन डेब्ट : यह पश्च व्यायमिक भरण अवस्था के बाद विश्राम अवस्था के दौरान अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है | अत्यधिक व्यायाम के दौरान पेशी में उपस्थित समस्त ऑक्सीजन , ग्लाइकोजन , ATP , ग्लाइकोजन , ग्लूकोज और क्रिएटिनिन फास्फेट का उपयोग हो जाता है | श्वसन अब अवायवीय हो जाता है जो लेक्टिक अम्ल का उत्पादन करता है | जब व्यायाम रूक जाती है तो रिकवरी अवस्था प्रारंभ होती है अत: लेक्टिक अम्ल के ऑक्सीकरण , क्रिएटिन फास्फेट और ATP के पुनः संग्रहण श्वसन के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन की भी आवश्यकता होती है | अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता और ऑक्सीजन की कमी गहरी श्वास के द्वारा पुनर्भरित की जा सकती है |

1.       मानव शरीर में कुल पेशियाँ – 639
2.       सबसे बड़ी पेशी Gluteus maximus (Buttock muscle)
3.       सबसे छोटी पेशी स्टेपिस अस्थि की स्टेपीडीयस (कान)
4.       सबसे लम्बी पेशी सार्टोरियस
5.       पेपीलरी पेशी Associated with heart
6.       बाइसेप्स ब्रेकी अग्रभुजा (Forearm)
7.       ट्राइसेप्स ब्रेकी अग्रभुजा
8.       गैस्ट्रोनिमियस (Calf muscle) Shank
9.       पैक्टोरेलिस मेजर पक्षियों में उड़न पेशी
10.   लेटिसिमस डोर्सी कंधे
11.   इन्टरकोस्टल पसलियों के मध्य
12.   सिलियरी पेशी नेत्रलैंस की फोकस दूरी परिवर्तित करना
13.   मेसेटर निचला जबड़ा , शरीर की सबसे मजबूत पेशी
14.   रेक्टस एब्डोमिनिस उदर में पायी जाने वाली सबसे बड़ी विसरल पेशी
15.   मायोलोजी पेशियों का अध्ययन
16.   मायोग्राम पेशीय संकुचन की रिकॉर्डिंग
17.   पेशीय डायस्ट्रोपी पेशियों का आनुवांशिक रोग
18.   पोलियोमायलाइटिस वायरल जनित रोग जो पेशियों को दुर्बल बना देता है |
19.   मजबूत पेशी निचले जबड़े की मेसेटर पेशी

2. अरेखित (चिकनी) पेशियाँ

स्थिति : अरेखित पेशियाँ खोखले अंगों की दीवारों में पायी जाती है | ये अंग हैं , जैसे – आहारनाल जनन प्रणाली , रक्त वाहिनियाँ मूत्राशय आदि | इसलिए ये प्राय: विसरल पेशी भी कहलाती है | यह नेत्र की आइरिस और सिलियरी बॉडी और त्वचा की डर्मिस में भी पायी जाती है |

संरचना : चिकनी पेशियाँ लम्बे संकरे , तर्कु आकार के तंतुओं से बनी होती है जो सामान्यतया रेखित पेशी तंतुओं से छोटे होते है | प्रत्येक तन्तु के एकल मध्य मोटे भाग में एक एकल अंडाकार केन्द्रक पाया जाता है | मायोफाइब्रिल मायोसीन और एक्टिन से बने होते हैं और संकुचन के लिए आवश्यक ऊर्जा ATP से मिलती है | ट्रोपोनीन अनुपस्थित होता है और इसका समान कार्य Ca2+ नियमन केल्मोड्युलिन प्रोटीन द्वारा किया जाता है | क्रॉस व्यवस्था अनुपस्थित होती है ताकि तन्तु चिकने दिखाई दे इसलिए इनका नाम अरेखित (unstriped) अथवा चिकनी पेशियाँ है | चिकने पेशी तंतुओं में T-नलिकाओं की कमी होती है और सार्कोप्लाज्मिक रेटिकुलम कम विस्तृत होती है और रेखित पेशी तंतुओं की तुलना में और अन्य अंगक और माइटोकोंड्रीया कम होते हैं | निकटवर्ती चिकने पेशी तंतु गैप जंक्शन द्वारा सक्रीय विभव के संचलन के लिए एक दूसरे से जुड़ जाते है |

विसरल पेशी धीरे धीरे संकुचित होती है और बिना थकावट के लम्बे समय तक संकुचित रह सकती है | ये धीरे धीरे समान रूप से शिथिल होती है | ये सैद्धांतिक रूप से स्वायत्त तंत्र से तंत्रिका द्वारा नियंत्रित होती है इसलिए ये अनैच्छिक पेशियाँ भी कहलाती है |

चिकनी पेशियों को रक्त आपूर्ति रेखित पेशियों की तुलना में बहुत कम होती है | तंतुओं की सतह पर रक्त केशिकाएं स्थित होती है | चिकनी पेशियों का सामान्य कार्य अंगों को संकुचन द्वारा छोटे और मोटे और शिथिलन द्वारा पतले और लम्बे बनाना है |

क्रियात्मक रूप से चिकनी पेशियाँ दो प्रकार की होती है | एकल इकाई और बहु इकाई |

  • एकल इकाई चिकनी पेशियाँ : इनमें तन्तु पाए जाते है जो कि एक दूसरे से बहुत ही समीपस्थ गैप जंक्शन द्वारा जुड़ जाते है | इसमें तंत्रिका आपूर्ति बहुत कम होती है | ये एकल इकाई के रूप में लगातार संकुचित होते रहते है | ये खोखले अंग जैसे – पाचन प्रणाली , गर्भाशय , मूत्रवाहिनी , मूत्राशय आदि की दिवार में पाए जाते हैं |

बहु इकाई चिकनी पेशियाँ : बहुइकाई चिकनी पेशियों में तन्तु होते है जो अधिक समीपस्थ नहीं जुड़े होते | इनमें पूर्ण नियंत्रण पाया जाता है | ये पृथक इकाई के रूप में कम अथवा अधिक स्वतंत्र रूप से संकुचित होते हैं और ये स्पष्ट और सही क्रम का संकुचन दर्शाती है | ये त्वचा की डर्मिस , नेत्र की आइरिस और बड़ी रक्त वाहिनियों की दीवारों में पायी जाती है |

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now