बौद्धिक संपदा किसे कहते हैं ? intellectual property in hindi meaning definition बौद्धिक सम्पदा की परिभाषा क्या है ?

 प्रश्न : बौद्धिक संपदा किसे कहते हैं ?

उत्तर : जिस प्रकार मनुष्य अपने शारीरिक मेहनत के द्वारा भौतिक संपदा का निर्माण करता है ठीक उसी प्रकार जब व्यक्ति अपने मस्तिष्क का प्रयोग कर किसी विशेष संपदा का निर्माण करता है उसे ही बौद्धिक संपदा कहते है। 

जैसे : मान लीजिये कोई व्यक्ति अपने दिमाग का प्रयोग कर किसी विशेष खोज या आविष्कार करता है तो यह सम्पदा उसकी बौद्धिक सम्पदा में गिनी जाएगी। 

इसी प्रकार कोई व्यक्ति गाने बनाता है या लिखता है , किसी फिल्म की स्क्रिप्ट लिखता है अथवा कोई कहानी आदि लिखता है तो इस प्रकार की संपदा को भी बौद्धिक सम्पदा कहा जाता है क्योंकि यह कोई भौतिक संपदा नहीं है लेकिन यह संपदा उस विशेष व्यक्ति ने अपने मस्तिष्क का प्रयोग कर या दिमाग की मेहनत से उत्पन्न करता है इसलिए उस विशेष संपदा पर उस व्यक्ति का पूरा नियंत्रण का अधिपत्य होता है अर्थात वह विशेष खोज , संगीत , स्क्रिप्ट आदि उस व्यक्ति की बोद्धिक संपदा में गिनी जाती है। 

जिस प्रकार व्यक्ति का अपनी भौतिक संपदा या प्रॉपर्टी पर अधिकार होता है ठीक उसी प्रकार व्यक्ति का अपनी बौद्धिक प्रॉपर्टी (संपदा) पर भी अधिकार होता है जैसे उदाहरण के लिए मान लीजिये किसी व्यक्ति का कोई जमीन का टुकड़ा है तो वह उस व्यक्ति का भौतिक संपदा में गिना जाता है और उस जमीन के टुकड़े का इस्तेमाल वह किस प्रकार करेगा यह भी उस व्यक्ति के स्वविवेक पर निर्भर करता है , चाहे तो वह दुकान बनाये और चाहे तो मकान आदि। ठीक उसी प्रकार से जब कोई व्यक्ति अपने मस्तिष्क का उपयोग कर कोई बौद्धिक संपदा बनाता है जैसे मान लीजिये किसी ने गाना लिखा है तो उस लिखे हुए गाने पर उस व्यक्ति का पूर्ण अधिकार है अब इस गाने को कोई और उपयोग करता है तो वह एक प्रकार की चोरी में गिना जाता है अर्थात उस गाने का उस व्यक्ति को अधिकार दिया जाता है कि वह चाहे वैसा उस गाने का उपयोग कर सकता है , चाहे तो वह उसे पैसे में किसी और को बेच सकता है और चाहे को स्वयं उसे गाकर उपयोग में ले सकता है , इस तरह भौतिक प्रॉपर्टी की तरह उस बौद्धिक प्रॉपर्टी पर भी व्यक्ति का पूर्ण अधिकार होता है वह चाहे जैसे उसका उपयोग कर सकता है। 

परिभाषा : किसी व्यक्ति अथवा किसी कंपनी द्वारा बनाया गया कोई संगीत , आर्ट कृति , खोज , आविष्कार , नाम , चिन्ह , प्रतिक , डिजाइन , ट्रेडमार्क , पेटेंट आदि को बौद्धिक संपदा कहते है , क्योंकि यह सृजन उस विशेष व्यक्ति अथवा कम्पनी ने अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रयोग करके बनाया है। और इन बौद्धिक संपदाओं के लिए कानून अधिकार देता है कि उस संपदा पर उस व्यक्ति या कम्पनी का ठीक उसी प्रकार से अधिकार या नियंत्रण होता है जैसे भौतिक संपदा पर किसी व्यक्ति का होता है। क्योंकि जिस प्रकार भौतिक संपदा या प्रॉपर्टी को कमाने के लिए व्यक्ति शारीरिक मेहनत करता है ठीक उसी प्रकार इस प्रकार की बौद्धिक संपदा या प्रॉपर्टी को बनाने का कमाने या सृजन करने में भी उसको बौद्धिक मेहनत करना पड़ता है इसलिए उसके इस बुद्धि की मेहनत की वैल्यू होनी चाहिए और उस सृजन पर व्यक्ति का पूर्ण रूप से अधिकार होना चाहिए। 

अंग्रेजी में बौद्धिक संपदा को “Intellectual Property” कहते है। और बौद्धिक संपदा के लिए सरकार और WTO द्वारा अधिकार दिए गए है जिन्हें बौद्धिक संपदा अधिकार कहा जाता है अंग्रेजी में इन्हें ‘intellectual property rights’ कहा जाता है। 

सभी देश जो The World Trade Organization (WTO) के मेम्बर है उस सभी देशो ने WTO के TRIPS Agreement को लागू करने के लिए सहमत है जिसके लिए बौद्धिक संपदा का अधिकार होता है। ट्रिप्स समझौता उस सभी देशों पर लागू होता है जो  The World Trade Organization (WTO) के मेंबर है जो व्यक्तियों और कम्पनियों के बौद्धिक संपदा के अधिकार को सुनिश्चित करता है। इसके अलावा देश में भी बौद्धिक सम्पदा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए भी कानून है जिन्हें बौद्धिक संपदा अधिकार कहा जाता है जो व्यक्ति या कम्पनी के होते है। 

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