प्रश्न : Z-परमाणु क्रमांक के नाभिक की ओर गतिशील V इलेक्टॉन को प्रोटोन के लिये निकटतम पहुँच की दूरी की गणना कीजिये।
हल- प्रोटोन की ऊर्जा
E =VeV
= 1.6 x 10-19 V जूल
निकटतम पहुँच की दूरी d पर संपूर्ण ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा के रूप में होगी,
U= K(Ze)(e)/d = E
जिससे d = Kze2 /E
= 9 x 109 Z x (1.6 x 10-19)2 /1.6 x 10-19 V
= 14.4 x 10-10 Z/V m
= 14.4 Z/V A
उदाहरण 17:5 Mev ऊर्जा के a-कण किसी तांबे (Z = 29) की पन्नी से 60° पर प्रकीर्णित. होते हैं। संघात पैरामीटर का परिकलन करो।
हल- संघात पैरामीटर d = KZe2/E cot φ/2
प्रश्नानुसार K = 9 x 109 मी. कि.से. मात्रक
ताँबे का परमाणु क्रमांक Z = 29
इलेक्ट्रॉन का आवेश e = 1.6 x 10-19 कूलॉम
a-कण की गतिज ऊर्जा E = 5 Mev = 5 x 106 x 1.6 x 10-19 जूल
b = 9 x 109 x 29 x (1.6×10-19) 2 /5 x 106 x 1.6 x 10-19 cot 30°
= 1.44 x 10-14 मी
उदाहरण 13.8 Mev ऊर्जा के a कण जब 0.25 माइक्रो मीटर मोटी ताँबे (Z=29) की पन्नी पर आपतित होते हैं तो 1° से कम कोण में उनका कितना अंश प्रकीर्णित होगा ? (ताँबे का परमाणु भार A= 64, घनत्व p=8.96 x 103 किग्रा/मी.)
हल- φ या φ से अधिक कोण से प्रकीर्णित होने वाले a-कणों का अंश
F = πntk2/4E2 cot2 φ/2
प्रश्नानुसार, पन्नी की मोटाई t= 0.25 x 10-6 मीटर
ताँबे के एकांक आयतन में परमाणुओं की संख्या n = NoP/A
N0 = 6.02 x 1023 प्रति मोल,
p = 8.96 x 103 किग्रा/मी.3
A = 64 x 10-3 किग्रा
6.02 x 1023×8.96×103 n =
N = 6.02 x 1023 x 8.96 x 103/64 x 103
= 0.64 x 1029 परमाणु/मी.3
नियतांक k = 2KZe2
K = 9 x 109 Z = 29, e = 1.6 x 10-19 कूलॉम
k = 2 x 9 x 109 x 29 x (1.6 x 10-19)2
= 13.56 x 10-27
a कणों की गतिज ऊर्जा E = 8 MeV
= 8 x 106 x 1.6 x 10-19
= 1.28 x 10-12 जूल
cot; φ/2 = cot (1/2) =114.6
f = 3.14 x 0.64 x 1029 x 0.25 x 10-6 x (13.56 x 10-27)2 x (114.6)2 /4 x(1.28 x 10-12)4
= 0.024
इसलिए 1° प्रकीर्णत कोण से कम कोण पर प्रकीर्णित अंश
= 1- 0.024 = 0.976
उदाहरण 14. स्वर्ण (Z = 79,A = 197) पन्नी से a प्रकीर्णन के एक प्रयोग में 30° प्रकीर्णन कोण पर प्रेक्षक 600 काउन्ट प्रति मिनट की गणना करता है। यदि स्वर्ण पन्नी के स्थान पर समान मोटाई की ताँबे (Z = 29,A= 64) की पन्नी प्रतिस्थापित की जाये तो कितने काउन्ट प्रति मिनट प्रेक्षित होंगे? स्वर्ण तथा ताँबे का घनत्व क्रमशः 19.3 x 103 तथा 896 x 103 किग्रा/मी.3 है।
हल-चूँकि पर्दे के एकांक क्षेत्रफल पर प्रति मिनट पहुँचने वाले कणों में से नियत कोण से प्रकीर्णन a-कणों की संख्या
N = K PZ2/A
यहाँ K एक नियतांक है।
स्वर्ण पन्नी से φ कोण पर प्रकीर्णित a कणों की संख्या प्रति एकांक क्षेत्रफल प्रति मिनट
600 = K 19.3 x 103 x 792 /197×10-3
यहाँ p = 19.3 x 103 किग्रा/मी.3, Z=79, A = 197x 10-3 किग्रा
समान मोटाई की तांबे की पन्नी से φ कोण पर प्रकीर्णित a कणों की संख्या प्रति एकांक क्षेत्रफल
प्रति मिनट
N = K 8.96 x 103 x 292/ 64 x 10-3
K का मान उपरोक्त समीकरण से रखने पर
N = 8.96 x 103 x 292 x 197 x 10-3 /19.3 x 103 x 792 x 64 x 10-3 x 600
= 115 काउन्ट प्रति मिनट
उदाहरण 15. 10,000 कण प्रति सेकण्ड की दर से 4Mev ऊर्जा के a कणों का पुण्ज पन्नी पर आपतित होता है। 0.0004 मी2 के द्वारक का एक a-कण गणित्र पन्नी से 0.25 मी दूरी पर रखा गया है। 60° कोण पर कितने काउन्ट होंगे यदि पन्नी को मोटाई 2 x 105, है ? स्वर्ण का घनत्व = 19.3 x 103 किग्रा/मी3 ।
हल- रदरफोर्ड के a-प्रकीर्णन सिद्धान्त के अनुसार ‘ कोण पर प्रकीर्णित तथा गणित्र के da क्षेत्र पर पहुँचने वाले प्रति घण्टा a-कणों की संख्या
dN = Nnt da/16Rz (2KZe2)2/E2 cosec4 φ/2
प्रश्नानुसार, N = प्रति घण्टा आपतित a-कणों की संख्या
N = 10000 x 60 x 60
n = स्वर्ण पन्नी के प्रति एकांक आयतन में परमाणुओं की संख्या
= 16.02 x 1023 x 19.3 x 103/197 x 10-3
(घनत्व p = 19.3 x 103 किग्रा/मी परमाण भार A= 197 x 10-3 किग्रा तथा आवोगेड्रो संख्या
NA = 6.02 x 1023 प्रति मोल)
t = पन्नी की मोटाई = 2 x 10-5 मीटर
da = गणित्र का क्षेत्रफल = 0.0004 मी2
K = 9 x 109 मी. कि. से. मात्रक
Z = स्वर्ण का परमाणु क्रमांक = 79
e = इलेक्ट्रॉन का आवेश = 1.6 x 10-19 कूलॉम
R = पन्नी से गणित्र की दूरी = 0.25 मीटर
T = a कणों की गतिज ऊर्जा
=4MeV = 4 x 106 x 1.6 -10-19 जूल
φ = प्रकीर्णन कोण = 60°
Dn = 10000 x 60 x 60 x 6.02 x 1023 x 19.3 x 103 x 2 x 10-5 x 4 x 10-4 /197 x 10-3 x 16 x (0-25)2 x (6.4 x 10-13)2
x (2 x 9 x 109 – 79)2 x (1.6 x 10-19)4 x 24
= 880 काउन्ट प्रति घंटा