JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: 10th science

तारों की मिथ्या या अवास्तविक स्थिति , तारों के टिमटिमाने का कारण , ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते हैं ,

तारों की मिथ्या या अवास्तविक स्थिति

तारे जब क्षितिज पर होते हैं तो वे उनकी वास्तिविक स्थिति से थोड़ा उपर अर्थात मिथ्या स्थिति में दिखाई देते हैं। अपवर्तनांक वायुमंडल के घनत्व पर निर्भर करता है। वायुमंडल का घनत्व हर जगह सामान नहीं होता है बल्कि यह उँचाई के साथ बदलता रहता है।घनत्व बदलने के कारण वायुमंडल का अपवर्तनांक भी बदलता रहता है जिसके कारण वायुमंडल से आती हुई प्रकाश की किरणें अपवर्तित होती रहती है। उँचाई के घटने के साथ साथ वायुमंडल सधन होता रहता है जिससे तारों से आती हुई प्रकाश की किरणें सघन वायुमंडल में प्रवेश करने पर अभिलम्ब की ओर झुक जाती है और तारे क्षितिज पर वास्तविक स्थिति से थोड़ा उपर दिखाई देते हैं।

(why do stars twinkle in hindi) तारों के टिमटिमाने का कारण 

तारे वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं। तारों का पृथ्वी से बहुत दूरी पर होने के कारण वे प्रकाश के बिन्दु स्त्रोत के समान प्रतीत होते हैं। तारों से आने वाली प्रकाश की किरणें का पृथ्वी पर पहुँचने के क्रम में वायुमंडल में कई बार असमान तरीके से अपवर्तन होता है। इस तरह के असमान अपवर्तन के कारण तारों से आने वाली प्रकाश की किरणों का पथ लगातार बदलता रहता है जिसके कारण तारे की आभासी स्थिति भी बदलती रहती है। तारे की आभासी स्थिति विचलित होती रहती है तथा आँखों मे प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा झिलमिलाती रहती है जिसके कारण कोई तारा कभी चमकीला तो कभी धुँधला प्रतीत होता है, और तारे हमें टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।

ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते हैं

तारों की अपेक्षा ग्रह पृथ्वी के बहुत पास होते है जिसके कारण उन्हें प्रकाश के विस्तृत स्त्रोत की भाँति माना जा सकता है। ग्रह बिंदु साइज़ के अनेक प्रकाश स्त्रोतों से मिलकर बना होता है और इन प्रकाश स्त्रोतों से आने वाली प्रकाश की किरणे हमारे नेत्र में प्रवेश करती है और ग्रहों से आने वाली प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मान शून्य हो जाता है जिससे टिमटिमाने का प्रभाव निष्प्रभावित हो जाता है और ग्रह टिमटिमाते हुए नहीं प्रतीत होते है।

अग्रिम सूर्योदय तथा विलम्बित सूर्यास्त

पृथ्वी पर एक सघन वायुमंडल होता है। जब सूर्य से प्रकाश की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल जो कि सघन होता है में प्रवेश करती है तो सूर्य से आने वाली किरणें अपवर्तन के बाद अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है जिसके कारण सूर्य अपनी वास्तविक स्थिति से थोड़ा उपर दिखाई देता है। सूर्योदय के समय जब सूर्य क्षितिज पर होता है तो सूर्य से आने वाली किरणों के अपवर्तन के कारण सूर्योदय से थोड़ी देर पहले ही सूर्य दिखाई देने लगता है। सूर्य के दिखाई देने का समय वास्तविक सूर्योदय से दो मिनट पहले होता है। इसे अग्रिम सूर्योदय कहते हैं।

इसी प्रकार सूर्यास्त के समय भी सूर्य क्षितिज पर होता है और सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है जिससे सूर्य अपनी वास्तविक स्थिति से क्षितिज पर थोड़ा उपर दिखाई देता है। इसके कारण सूर्यास्त के दो मिनट बाद तक सूर्य दिखाई देता रहता है। इसे बिलम्बित सूर्यास्त कहते हैं।

प्रकाश का प्रकीर्णन

वायुमंडल में उपस्थित छोटे छोटे कणों द्वारा प्रकाश की किरणों का असमान परावर्तन प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है। हमारा वायुमंडल धूलकणों से भरा है जो कि वायुमंडल में घुलते नहीं बल्कि निलंबित रहते हैं। इसमें कुछ धूलकण अत्यधिक छोटे तथा कुछ धूलकण थोड़े बड़े होते हैं। इन धूलकणों से टकराने के कारण सूर्य की किरण असमान तरह से परावर्तित होती हैं जिसे सूर्य की प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण तरह तरह की अनेक परिघटनाएँ देखने को मिलतीं हैं यथा आकाश का नीला रंग, गहरे समुद्र के जल का रंग, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य का रक्ताभ दिखाई देना, आदि।

टिंडल प्रभाव

प्रकाश की किरणे जो की एक पुंज के रूप में होती है वायुमंडल में उपस्थित निलंबित सूक्ष्म कणों से परावर्तित होकर उसका पथ का दिखाई देना टिंडल प्रभाव कहलाता है।

पृथ्वी का वायुमंडल सूक्ष्म कणों यथा धुँआ के कण, जल की सूक्ष्म बूंदें, धूल के कण, वायु के अणु, आदि का विषमांगी मिश्रण (असमान तरीके से) है। जब प्रकाश की किरण का पुंज, वायुमंडल में निलंबित सूक्ष्म कणों से टकराती है, तो उस किरण का मार्ग दिखाई देने लगता है, क्योंकि इन कणों से प्रकाश परावर्तित होकर हमारी आँखों तक पहुँचता है। इसे टिंडल प्रभाव कहते हैं।

उदाहरण:

1. प्रकाश की पुंज जब किसी खिडकी या किवाड़ की दरार से आती रहती है तो उसका पथ वातावरण में निलंबित कोलॉइडी कणों से टकराने के कारण दृश्य होने लगता है। ऐसा टिंडल प्रभाव के कारण होता है।

2. इसी तरह जब किसी घने जंगल में पेड़ की पत्तियों से प्रकाश का पुंज नीचे आता रहता है तो वातावरण में निलंबित सूक्ष्म कणों से प्रकाश की किरण का परावर्तन होने के कारण प्रकाश पुंज का पथ दिखाई देने लगता है। प्रकाश पुंज के पथ का दृश्य होना टिंडल प्रभाव के कारण होता है।

कणों का आकार एवं प्रकाश का प्रकीर्णन

वायुमंडल या किसी माध्यम में उपस्थित सूक्ष्म कणों के आकार प ही प्रकाश का प्रकीर्णन निर्भर करता है। नीले रंग का प्रकाश जिनकी आवृति काफी छोटी होती है को बहुत सूक्ष्म कण अधिक मात्रा में परावर्तित करते है जबकि जिनकी आवृति थोड़ी ज्यादा होती है जैसे की नारंगी तथा लाल रंग। वायुमंडल में निलंबित थोड़े बड़े कण नारंगी तथा लाल रंग के प्रकाश को अधिक मात्रा में परावर्तित करते हैं। वायुमंडल में निलंबित कणों का आकार बहुत अधिक बड़ा होने पर परावर्तित किरण सफ़ेद नजर आती है।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now