हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
सूर्य से पृथ्वी की अधिकतम दूरी कब होती है किस तिथि को स्थिति आती है maximum distance between sun and earth on which date in hindi
maximum distance between sun and earth on which date in hindi सूर्य से पृथ्वी की अधिकतम दूरी कब होती है किस तिथि को स्थिति आती है ?
उत्तर : अपसौर की स्थिति में सूर्य और पृथ्वी के मध्य की दूरी अधिकतम होती है | अपसौर की परिभाषा निम्नलिखित है –
अपसौर (Aphelion)
सूर्य से सबसे दूरस्थ स्थिति । पृथ्वी प्रति वर्ष 4 जून को इस स्थिति में आती है जब यह सूर्य से 152 मिलियन किमी दूरी पर होती है।
पृथ्वी की गतियां
ग्लोबः अक्षाश एवं देशान्तर
ऽ ग्लोब पृथ्वी का एक सच्चा व छोटा प्रतिरूप है।
ऽ ग्लोब पर किसी स्थान को इंगित करने के लिए हमें कुछ निश्चित बिन्दु तथा रेखाओं की आवश्यकता होती है।
ऽ ग्लोब एक कील पर झुका होता है, जिसे ग्लोब का अक्ष (Axis) कहा जाता है। दो बिन्दु जिनसे होकर कील गुजरती उन्हें उत्तरी ध्रूव व दक्षिणी ध्रूव कहते हैं।
ऽ ग्लोब एक काल्पनिक रेखा के सहारे दो भागों में बंट जाता है। इस काल्पनिक रेखा को विषुवत रेखा/भूमध्य रेखा कहते हैं।
ऽ पृथ्वी का उत्तरी अर्धभाग उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिणी अर्धभाग दक्षिणी गोलार्ध कहलाता है।
अक्षाश रेखा (Latitude)
ऽ सभी समानांतर वृत्त, जो विषुवत रेखा से ध्रूवों की ओर जाते हैं, अक्षांश रेखा कहलाते हैं। अक्षांश को डिग्री में मापते हैं। विषुवत रेखा 0° अक्षांश रेखा होती है।
ऽ विषुवत रेखा के उत्तर में स्थित अक्षांश रेखाएं, ‘उत्तरी अक्षांश‘ तथा दक्षिण में स्थित अक्षांश रेखाएं ‘दक्षिणी अक्षांश‘ कहलाती हैं।
कुछ महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएं
ऽ विषुवत रेखा ः 0° अक्षांश रेखा
ऽ उत्तरी ध्रूव ः 90° उत्तरी अक्षांश रेखा
ऽ दक्षिण ध्रूव ः 90° दक्षिणी अक्षांश रेखा
ऽ कर्क रेखा ः 23 1/2° उत्तरी अक्षांश रेखा
ऽ मकर रेखा ः 23 1/2° दक्षिणी अक्षांश रेखा
ऽ आर्कटिक वृत्त ः 66 1/2° उत्तरी अक्षांश रेखा
ऽ अंटार्कटिक वृत्त ः 66 1/2° दक्षिणी अक्षांश रेखा
पृथ्वी के उष्ण क्षेत्र (Heat zones of the Earth)
ऽ कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच सभी अक्षांशों पर वर्ष में कम-से-कम एक बार सूर्य ठीक ऊपर होता है जिसकी वजह से यह क्षेत्र अधिकतम ऊष्मा ग्रहण करता है और इसलिए इसे उष्ण कटिबंध कहते हैं।
ऽ कर्क रेखा और मकर रेखा से परे किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूरज सिर के ऊपर नहीं होता है।
ऽ ध्रूवों की ओर बढ़ने पर सूर्य की किरणों का कोण घटता जाता है। इस प्रकार से कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त द्वारा उत्तरी गोलार्ध में तथा मकर रेखा व अंटार्कटिक वृत्त द्वारा दक्षिणी गोलार्ध में घिरे क्षेत्र में मध्यम तापमान रहता है। अतः इन्हें शीतोष्ण कटिबंध (Temperate zone) कहते हैं।
ऽ उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रूव के बीच के स्थान और दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक वृत्त व दक्षिणी ध्रूव के बीच के स्थान बहुत ठंढे रहते हैं। ऐसा इसलिए है कि यहां सूर्य क्षितिज से अधिक ऊपर नहीं उठता है। जिससे यहां किरणें हमेशा तिरछी पड़ती हैं | अतः इन्हें शीत कटिबंध (Torrid zone) कहते हैं।
देशान्तर रेखा (Longitude)
ऽ किसी भी स्थान की वास्तविक स्थिति ज्ञात करने के क्रम में हमें यह अवश्य ज्ञात करना होगा कि उत्तरी ध्रूव से दक्षिणी ध्रूव तक जाने वाली एक रेखा से यह स्थान कितनी दूर पूर्व या पश्चिम में स्थित है। इन रेखाओं को देशांतर रेखा (Meridians of Longitude) कहते हैं।
ऽ ये अर्धवृत्ताकार होती हैं और ध्रूवों की ओर जाने पर उनके बीच की दूरी लगातार कम होती है और ध्रूवों पर शून्य हो जाती है जहां सभी देशांतर मिलते हैं।
ऽ अक्षांश रेखाओं से अलग सभी देशांतर रेखाएं समान लंबाई की होती हैं। ग्रीनवीच से गुजरने वाली देशांतर रेखा, जहां ब्रिटिश रॉयल वेधशाला स्थित है, प्राइम मेरेडियन कहलाती है। इसका मान 0° देशांतर है और इससे हम 180° पूर्व या 180° पश्चिम की ओर गणना करते हैं।
ऽ प्राइम मेरेडियन पृथ्वी को दो बराबर हिस्सों पूर्वी गोलार्ध और पश्चिमी गोलार्घ में बांटती है।
ऽ स्थानीय समय की गणना सूर्य द्वारा बनाई गई छाया से की जा सकती है जो दोपहर में सबसे छोटी और सूर्योदय व सूर्यास्त के समय सबसे लंबी होती है। किसी भी स्थान पर जब आकाश में सूर्य अधिकतम ऊंचाई पर हो तो घड़ी का समय 12 बजे अर्थात मध्याह्न पर निश्चित कर सकते हैं। इस घड़ी द्वारा दर्शाया जाने वाला समय उस स्थान का स्थानीय समय होगा।
ऽ जब ग्रीनवीच के प्राइम मेरेडियन पर सूर्य आकाश में सबसे ऊंचाई पर होता है तो इस देशांतर पर स्थित सभी स्थानों में दोपहर होगी।
ऽ चूंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है, ग्रीनवीच के पूर्व में स्थित स्थानों का समय इससे आगे और इसके पश्चिम में स्थित स्थानों का समय इससे पीछे रहेगा।
ऽ अंतर की दर की निम्न प्रकार से गणना की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में 360° घूमती है अर्थात यह प्रति घंटे 15° घूमती है अर्थात चार मिनट में 1° घूमती है।
ऽ देशांतरों का एक महत्त्वपूर्ण कार्य जीएमटी के सापेक्ष स्थानीय समय का निर्धारण करना है।
मानक समय (Standard Time)
ऽ स्थानीय समय के समायोजन में कठिनाइयों को दूर करने के लिए किसी देश या प्रदेश के समय को मानकीकृत किया जाता है। इसके लिए देश या प्रदेश के लगभग मध्य से होकर जाने वाली देशान्तर रेखा को मानक देशान्तर माना जाता है।
ऽ भारत में पूर्वी देशान्तर को मानक समय के लिए देशान्तर माना गया है क्योंकि पूर्वी देशान्तर रेखा भारत के लगभग मध्य से होकर गुजरती है।
ऽ भारत की मानक देशान्तर रेखा 82 1/2° है जबकि पूर्वी देशान्तर का समय ग्रीनविच समय से 5 1/2 घंटे आगे है।
नोटः कुछ देशों का विस्तार काफी अधिक है अतः वहां एक से अधिक मानक समय अपनाया गया है। उदाहरणार्थ रूस में ग्यारह मानक समय हैं। अमेरिका में नौ मानक समय हैं। पृथ्वी को एक घंटे के 24 समय क्षेत्रों में विभक्त किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र में 15° देशांतर आता है।
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line)
ऽ अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा का निर्धारण 180° (पूर्व व पश्चिमी) देशान्तर के सहारे किया गया है।
ऽ अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पश्चिम में जाने पर एक दिन बढ़ा दिया जाता है तथा पूर्व की ओर जाने पर एक दिन घटा दिया जाता है। अर्थात् अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में एक दिन का अंतर पाया जाता है।
ऽ मध्य प्रशांत सागर में अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा सामान्य 180° देशांतर से बेरिंग स्ट्रेट, फिजि, टोंगा और अन्य द्वीपों पर मुड़ती है ताकि कुछ द्वीप समूह में जो इस देशांतर द्वारा पृथक कर दिए जाते है। दिन और तिथि के भ्रम को टाला जा सके।
Recent Posts
नियत वेग से गतिशील बिन्दुवत आवेश का विद्युत क्षेत्र ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi
ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi नियत वेग से…
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…
elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है
दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…