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गलनांक किसे कहते है ? परिभाषा लिखिए। what is melting point write its definition ? गलन या पिघलना
melting point meaning in hindi , गलनांक क्या है , परिभाषा , गलन या पिघलना किसे कहते है ? गलनांक पर दाब का प्रभाव , किस धातु का गलनांक सबसे अधिक है ?
प्रश्न 16 : गलनांक किसे कहते है ? परिभाषा लिखिए।
उत्तर : जब किसी ठोस पदार्थ को गर्म किया जाता है तो एक निश्चित ताप पर वह ठोस पदार्थ , द्रव अवस्था में परिवर्तित होने लगता है , उस निश्चित ताप को जिस पर कोई ठोस , द्रव में बदलने लगता है उसे गलनांक कहते है।
अत: किसी ठोस पदार्थ का वह तापमान जिस पर वह ठोस पदार्थ , द्रव में परिवर्तित होने लगता है , उसे गलनांक कहते है।
ऐसा क्यों होता है ?
जब किसी ठोस पदार्थ को गर्म किया जाता है तो इस ठोस पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा में वृद्धि होने लगती है , और ठोस के कणों की गतिज ऊर्जा में वृद्धि के कारण ये कण तेजी के साथ कम्पन्न करने लगते है।
सामान्यता ठोस पदार्थ के कणों के मध्य बहुत कम दूरी होती है अर्थात कण पास पास स्थित होने लगते है लेकिन ताप देने के कारण जब इन कणों में कम्पन्न बढ़ने लगता है तो ठोस पदार्थ के कणों के मध्य की दूरी भी बढ़ने लगती है।
ऊष्मा के कारण ठोस के कणों को ऊर्जा प्राप्त हो जाती है जिसके कारण ये ठोस के कणों के मध्य पाए जाने वाले आकर्षण बल को पार कर जाती है और दूर दूर जाने का प्रयास करते है और इसके कारण ठोस पदार्थ के कण अपनी नियत स्थिति को छोड़कर स्वतंत्र गति करने लगते है और दूर दूर चले जाते है।
एक ताप ऐसा आता है जिस पर ठोस पिघल जाता है और द्रव में बदल जाता है , जिस ताप पर कोई ठोस पदार्थ पिघलकर , द्रव अवस्था में बदल जाता है उस ताप को उस पदार्थ का गलनांक कहते है।
अतः गलनांक वह तापमान होता है जिस पर ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तन होता है।
किसी भी पदार्थ का गलनांक का मान दाब पर भी निर्भर करता है , सामान्यता गलनांक को मानक दाब पर परिभाषित किया जाता है , जैसे एक वायुमंडलिय दाब पर।
उदाहरण : जैसे बर्फ 0 डिग्री सेल्सियस ताप पर जल में परिवर्तित होने लगता है अत: इसका गलनांक 0 °C होता है।
उत्तर : जब किसी ठोस पदार्थ को गर्म किया जाता है तो एक निश्चित ताप पर वह ठोस पदार्थ , द्रव अवस्था में परिवर्तित होने लगता है , उस निश्चित ताप को जिस पर कोई ठोस , द्रव में बदलने लगता है उसे गलनांक कहते है।
अत: किसी ठोस पदार्थ का वह तापमान जिस पर वह ठोस पदार्थ , द्रव में परिवर्तित होने लगता है , उसे गलनांक कहते है।
ऐसा क्यों होता है ?
जब किसी ठोस पदार्थ को गर्म किया जाता है तो इस ठोस पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा में वृद्धि होने लगती है , और ठोस के कणों की गतिज ऊर्जा में वृद्धि के कारण ये कण तेजी के साथ कम्पन्न करने लगते है।
सामान्यता ठोस पदार्थ के कणों के मध्य बहुत कम दूरी होती है अर्थात कण पास पास स्थित होने लगते है लेकिन ताप देने के कारण जब इन कणों में कम्पन्न बढ़ने लगता है तो ठोस पदार्थ के कणों के मध्य की दूरी भी बढ़ने लगती है।
ऊष्मा के कारण ठोस के कणों को ऊर्जा प्राप्त हो जाती है जिसके कारण ये ठोस के कणों के मध्य पाए जाने वाले आकर्षण बल को पार कर जाती है और दूर दूर जाने का प्रयास करते है और इसके कारण ठोस पदार्थ के कण अपनी नियत स्थिति को छोड़कर स्वतंत्र गति करने लगते है और दूर दूर चले जाते है।
एक ताप ऐसा आता है जिस पर ठोस पिघल जाता है और द्रव में बदल जाता है , जिस ताप पर कोई ठोस पदार्थ पिघलकर , द्रव अवस्था में बदल जाता है उस ताप को उस पदार्थ का गलनांक कहते है।
अतः गलनांक वह तापमान होता है जिस पर ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तन होता है।
किसी भी पदार्थ का गलनांक का मान दाब पर भी निर्भर करता है , सामान्यता गलनांक को मानक दाब पर परिभाषित किया जाता है , जैसे एक वायुमंडलिय दाब पर।
उदाहरण : जैसे बर्फ 0 डिग्री सेल्सियस ताप पर जल में परिवर्तित होने लगता है अत: इसका गलनांक 0 °C होता है।
गलन या पिघलना (melting) : ठोस पदार्थ के अणु एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहते है। और अपनी निश्चित स्थिति के दोनों ओर छोटे आयाम के कम्पन्न करते है। ठोस पदार्थ को गर्म करने पर उसके अणुओं की औसत गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है एवं वे बड़े आयाम से कम्पन्न करते है। ठोस को निरंतर गर्म करने पर एक निश्चित ताप पर अणुओं की गतिज ऊर्जा इतनी अधिक हो जाती है कि वे अपनी निश्चित स्थिति को छोड़कर ठोस को परिधि में गति के लिए स्वतंत्र हो जाते है। इस स्थिति में ठोस द्रव में परिवर्तित होने लगता है। स्थिर ताप पर ठोस अवस्था का द्रव अवस्था में परिवर्तन ठोस का गलन कहलाता है और जिस निश्चित ताप पर यह क्रिया होती है , ठोस का गलनांक कहलाती है।
गलनांक पर दाब का प्रभाव
वे पदार्थ जो गलने पर संकुचित होते है (जैसे – जल , रबर आदि) उनके लिए दाब बढ़ने पर गलनांक घटता है , इसका कारण यह है कि दाब संकुचन में सहायक होता है अत: गलने में भी सहायक होता है।
सामान्यतया अधिकांश पदार्थ गलने पर फैलते है (जैसे मोम , सल्फर आदि। ) , दाब वृद्धि ऐसे पदार्थों के गलने का विरोध करती है। अत: गलनांक में वृद्धि हो जाती है।
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