JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: sociology

समूह और समूह सदस्यता की अवधारणा what is group membership in sociology in hindi

what is group membership in sociology in hindi समूह और समूह सदस्यता की अवधारणा
संदर्भ समूह का अध्ययन करने से पूर्व समझें कि समूह है क्या। मर्टन ने समूह तथा समूह-सदस्यता की तीन विशेषताएं बताई हैं।
प) पहली, एक निष्पक्ष कसौटी हैरू परस्पर संपर्क की आवृत्ति । अर्थात् समूह की समाजशास्त्रीय अवधारणा का संबंध उन अनेक लोगों से है, जो एक-दूसरे के साथ बार-बार सक्रिय संपर्क में आते हैं।
पप) दूसरी कसौटी है कि सक्रिय संपर्क में आने वाले लोग स्वयं को सदस्य के रूप में परिभाषित करते हैं। अर्थात् वे यह अनुभव करते हैं कि सक्रिय संपर्क के स्वरूप के बारे में उनकी निश्चित अपेक्षाएं हैं, जो उनके लिए तथा अन्य सदस्यों के लिए नैतिक दृष्टि से अनिवार्य हैं।
पपप) तीसरी कसौटी यह है कि एक-दूसरे के सक्रिय संपर्क में रहने वाले लोगों को अन्य लोग “समूह से संबंधित‘‘ बताते हैं। “अन्य लोगों‘‘ में समूह के सदस्य तथा गैर-सदस्य दोनों शामिल हैं।

इस संदर्भ में यह भी जानना जरूरी है कि समूह किस प्रकार सामूहिकताओं (बवससमबजपअमे) एवं सामाजिक श्रेणियों (social categories) से भिन्न हैं। यह सही है कि सभी समूह सामूहिकताएं हैं किंतु सभी सामूहिकताएं अनिवार्यतरू समूह नहीं होते। जिन सामूहिकताओं में सदस्यों के बीच सक्रिय संपर्क का अभाव होता है, वे समूह नहीं कहलाते । उदाहरण के लिए राष्ट्र एक सामूहिकता है, समूह नहीं क्योंकि राष्ट्र से संबंधित सभी लोग एक-दूसरे से सक्रिय संपर्क नहीं करते। सामूहिकता के रूप में राष्ट्र में समूह तथा उप-समूह होते हैं। सामाजिक श्रेणियां सामाजिक प्रस्थितियों का समुच्चय होती हैं, जिनके धारकों में सक्रिय संपर्क नहीं होता। उदाहरण के लिए एक ही लिंग, आय, वैवाहिक स्थिति अथवा आय आदि के लोग सामाजिक श्रेणियां होते हैं, समूह नहीं। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि सामूहिकताओं तथा सामाजिक श्रेणियों की अपेक्षा सदस्यता समूह लोगों के रोजमर्रा के आचरण को अधिक स्पष्ट तथा निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं। समूह के सदस्य अपनी पहचान के प्रति सचेत रहते हैं और उन्हें मालूम होता है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके फलस्वरूप समूह के नियम उनके लिए नैतिक रूप से अनिवार्य होते हैं।

बोध प्रश्न 2
प) निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य है? सही कथन पर  चिन्ह लगाइये।
क) प्रत्याशी समाजीकरण सभी परिस्थितियों में व्यक्ति के लिए प्रकार्यात्मक होता है।
ख) प्रत्याशी समाजीकरण गतिशीलता के अभाव वाली समाज-व्यवस्था में प्रकार्यात्मक होता
ग) प्रत्याशी समाजीकरण केवल अपेक्षाकृत गतिशील समाज व्यवस्था में, जिसमें आगे बढ़ने की संभावनाएं हों, प्रकार्यात्मक होता है।
पप) सकारात्मक तथा नकारात्मक संदर्भ समूह में क्या अंतर है? अपना उत्तर चार पंक्तियों में दीजिए।

बोध प्रश्न 2 उत्तर
प) ग)
पप) सकारात्मक संदर्भ समूह वह होता है जिसे कोई व्यक्ति प्रशंसा के भाव से अपनाता है और उसके मूल्यों तथा प्रतिमानों को आत्मसात् कर लेता है। नकारात्मक संदर्भ समूह वह समूह होता है, जिससे व्यक्ति घृणा करता है, उसे अस्वीकार करता है, और उसके प्रतिमानों को अपनाने की बजाय अपनी अलग पहचान बनाने के लिए विपरीत प्रतिमानों की रचना कर लेता है।

 शब्दावली
उपनिवेशवादी वर्ग उपनिवेशवादी. प्रायः यह समझते हैं कि वे सर्वगुण सम्पन्न हैं और दूसरों को सीख देने में सर्व-समर्थ हैं। सारे जगत् को सभ्य बनाना उनका कर्त्तव्य है। इसे “गोरे व्यक्ति का बोझ‘‘ कहा जाता है।

पीढ़ीगत अंतर (generation gap) समाजशास्त्रीय दृष्टि से इसका अर्थ है युवकों तथा वृद्ध लोगों के बीच संघर्ष । किस प्रकार उनके मूल्यों, नैतिक आदर्शों तथा विचारों में अंतर होता है।
विश्व के प्रति दृष्टिकोण सामान्यतया यह माना जाता है कि प्रत्येक सामाजिक समूह, चाहे वह लिंग, जाति, वर्ग नृजातीय समूह या राष्ट्रीयता का समूह हो, विश्व को देखने का अपना एक अलग दृष्टिकोण रखता है। इसके फलस्वरूप, विश्व के प्रति दृष्टिकोण में समाज एवं विश्व से संबंधित विचार अर्थात् राजनीतिक अभिवृत्ति, धार्मिक विश्वास, सांस्कृतिक आदर्श शामिल हैं जिससे एक समूह से दूसरे समूह की भिन्नता झलकती है।

कुछ उपयोगी पुस्तकें
मर्टन, रॉबर्ट के. 1968 सोशल थ्योरी एंड सोशल स्ट्रक्चर, फ्री प्रेसः न्यूयार्क टर्नार, जे.एच. 1987 स्ट्रक्चर ऑफ सोशियोलॉजिकल थ्योरी, रावत पब्लिकेशन्सः जयपुर

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now