विटामिन की खोज किस वैज्ञानिक ने किया , विटामिन की परिभाषा क्या है , वर्गीकरण या प्रकार , वसा व जल में घुलनशील विटामिन

विटामिन की खोज किस वैज्ञानिक ने किया , vitamin in hindi , विटामिन की परिभाषा क्या है , वर्गीकरण या प्रकार , वसा व जल में घुलनशील विटामिन :-

विटामिन : यह शब्द सर्वप्रथम फंक नामक वैज्ञानिक द्वारा दिया गया।

विटामिन शब्द का शाब्दिक अर्थ निम्न होता है –

विटामिन  → vital + amine → vitamine → vitamin

अब तक 20 विटामिन खोजे जा चुके है।

विटामिन का नाम अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षरों में लिखे जाता है।

विटामिन की परिभाषा : वे कार्बनिक पदार्थ जो शरीर की वृद्धि , विकास व पोषण में सहायक होते है , विटामिन कहलाते है।

विटामिन का वर्गीकरण : इन्हें निम्न भागो में बांटा गया है –

  1. जल में घुलनशील विटामिन
  2. वसा में घुलनशील विटामिन
  3. जल और वसा दोनों में अघुलनशील विटामिन
  1. जल में घुलनशील विटामिन: वे विटामिन जो जल में विलेय होते है , जल विलेय विटामिन कहलाते है।

यह विटामिन हमारे शरीर में यकृत में संचित नहीं होते है क्योंकि यह जल में विलेय के कारण मूत्र द्वारा उत्सर्जित कर दिए जाते है।

उदाहरण : विटामिन B और विटामिन C

  1. वसा में घुलनशील विटामिन: वे विटामिन जो वसा , तेल में विलेय होते है , वसा-विलेय विटामिन कहलाते है।

उदाहरण : विटामिन A,D,E,K

  1. जल और वसा दोनों में अघुलनशील विटामिन: वे विटामिन जो वसा और जल दोनों में अविलेय होते है , अविलेय विटामिन कहलाते है।

उदाहरण : विटामिन H

कुछ महत्वपूर्ण विटामिन , उनके रासायनिक नाम और उनकी कमी से होने वाले रोग :

विटामिन रासायनिक नाम कमी से रोग
A केरिटिनोइड्स या रेटिनॉल जिरोफ्थेलिमिया या रैन्तोंधी
B1 राइबोफ्लेविन भूख न लगना
B2 थायमीन किलोसिस , डर्मेटाइटिस (जन्म से होंठ का कटा होना )
B6 पायरोडाक्सीन एनीमिया (रक्त की कमी )
B12 सायनो कोबाल्मीन शरीर में हीमोग्लोबिन में आरबीसी की कमी
C एस्कोर्बिक अम्ल मसूड़ो से रक्त आना
D स्टेराल्स हड्डियाँ कमजोर होना
H बायोटिन लकवा
F टोकोफिरोलस जनन क्षमता कमजोर होना
K फिलोक्वीनॉन रक्त का थक्का न जमना (इसकी कमी से व्यक्ति रक्त का थक्का नहीं जमता जिससे चोट लगने पर रक्त की कमी हो जाती है |)

इस विटामिन की शरीर में पूर्ती के लिए दाल , हरी सब्जियां , दुग्ध , दही , अंडा , मांस , मछली आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन का उपयोग : ये शरीर के वृद्धि और विकास में सहायक होते है।

न्यूक्लिक अम्ल

यह हमारे शरीर में पाए जाने वाले आनुवंशिक पदार्थ होते है।

यह अनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाते है।

यह न्यूक्लिक अम्ल निम्न है –

RNA (राइबो न्यूक्लिक अम्ल)

डीएनए (डीऑक्सी राइबो न्यूक्लिक अम्ल)

RNA केन्द्रक में कम व कोशिका द्रव्य में अधिक पाया जाता है।

RNA कोशिका के लिए प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।

डीएनए कोशिका द्रव्य में कम व केन्द्रक में अधिक पाया जाता है।

डीएनए आनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाता है।

न्यूक्लिक अम्ल का अपघटन निम्न प्रकार होता है –

न्युक्लिक अम्ल → Nucleotide → H3PO4 + Nucleoside → शर्करा + आर्गेनिक क्षार

न्यूक्लिक अम्ल निम्न से मिलकर बने होते है –

(i) H3PO4

(ii) शर्करा

(iii) Organic base

(i) H3PO4  : यह न्यूक्लिक अम्लो में निम्न संरचना में पाया जाता है।

(ii) शर्करा : इसमें Aldopentose शर्करा फ्रुक्टोस संरचना के रूप में निम्न दो रूपों में पायी जाती है।

(i) beta d ribose sugar

(ii) beta d 2 deoxy ribose sugar

(i) beta d ribose sugar : यह शर्करा RNA में पायी जाती है।

(ii) beta d 2 deoxy ribose sugar : यह शर्करा डीएनए में पायी जाती है।

(iii) Organic base (कार्बनिक क्षारक) : न्यूक्लिक अम्ल में निम्न दो प्रकार के क्षारक होते है।

  • Purine’s
  •   pyrimidine’s

purine’s (युरिन) : इसमें adenine (A) व Guanine (G) क्षारक पाए जाते है।

Pyrimidine’s (पिरिमिडीन) : इसमें Cytosine (C) , Thymine (T) व Uracil (U) क्षारक आते है।

प्रश्न : न्यूक्लियोसाइड किसे कहते है ?

उत्तर : शर्करा , क्षारक से मिलकर बनी इकाई को न्युक्लीयोसाइड कहते है।

इसमें शर्करा का C-1′ भाग प्युरिन क्षारक के N-9 भाग से जुड़ता है तथा पिरिमिडीन क्षारक के N-1 भाग से जुड़ता है।

प्रश्न : RNA में शर्करा व क्षारक से मिलकर बनी इकाइयों के नाम दीजिये।

उत्तर : Adenine + Ribose → Adenosine

Guanine + ribose → Guanosine

Cytosine + Ribose → Cytidine

Uracil + Ribose → Uridine

DNA में यूरासिल के स्थान पर थाइमिन होता है।

Thymine + Deoxy ribose → Deoxy Thymidine

प्रश्न : न्यूक्लियोटाइड किसे कहते है ?

उत्तर : शर्करा , क्षारक व फास्फोरिक अम्ल से मिलकर बनी इकाई को न्यूक्लियोटाइड कहते है।

इसमें फास्फोरिक अम्ल शर्करा के साथ C-3′ या C-5′ पर जुड़ता है।

प्रश्न : पोलीन्युक्लियोटाइड किसे कहते है ?

उत्तर : दो या दो से अधिक न्युक्लियोटाइड इकाइयाँ आपस में फॉस्फेट द्वारा जुड़कर जिस संरचना का निर्माण करती है उसे पोली न्युक्लियोटाइड कहते है।

यह इकाइयाँ एक दूसरे से C-3′ या C-5′ सिरे से जुडी होती है।

प्रश्न : फोस्फो डाई एस्टर बंध किसे कहते है ?

उत्तर : दो न्युक्लियोटाइड इकाइयाँ आपस में H3PO4 द्वारा जिस बंध से जुडी है उसे फोस्फो डाइ इस्टर बन्ध कहते है।