सिरका किसे कहते हैं इसका उत्पादन कैसे किया जाता है , vinegar in hindi definition use बनाने की क्रिया

पढ़िए सिरका किसे कहते हैं इसका उत्पादन कैसे किया जाता है , vinegar in hindi definition use बनाने की क्रिया ?

सिरका (Vinegar)

फ्रेंच भाषा में विनेगर से तात्पर्य खट्टी-मदिरा से है किन्तु यह वास्तव में मदिरा नहीं है बल्कि मादक पेयों को इनसे तैयार किया जाता है। यह पदार्थ शर्करा या मंड युक्त पोषक पदार्थों से किण्वन द्वारा पहले ईथाइल एल्कोहॉल में परिवर्तित किया जाकर बाद में एसिटिक एसिड में बदले जाने से बनता है। किण्वन की क्रिया एसिटोबैस्टर (Acetobacter) वंश के जीवाणुओं द्वारा की जाती है। सिरके की प्रकृति फलों के रस तथा मंड पदार्थ पर निर्भर करती है जिनसे यह बनाया जाता है । सिरके में 4% या अधिक एसिटिक एसिड होता है, इसमें कुछ मात्रा एल्कोहॉल, ग्लिसरॉल, ऐस्टर, शर्कर, पेन्टोसन लवण तथा कुछ अन्य पदार्थ होते हैं। कच्चे माल के नाम के अनुसार यह मदिरा सरिका, सेव का सरिका या माल्ट सिरका कहलाता है।

सिरका बनाने की क्रिया में एसिटोबेक्टर ऑरलिएन्सिन ( A. Orleansis), ए. शुटजनबेकी (A. schutzzenbachi), ए. एसिटाई (A. aceti) आदि जीवाणु भाग लेते हैं। इस क्रिया में ईथाइल एल्कोहॉल से एसिटिक एसिड बनने में निम्नलिखित जैवे रसायनिक क्रियाएँ होती हैं-

2CH3CH2OH+O2 → 2CH3CHO + 2H2O

इथाईल एल्कोहॉल      एसिटेल्डीहाइड

2CH3CHO+O2 +2CH3COOH

एसिटिक एसिड

कुछ एसिटोबैक्टर जीवाणु अम्ल बनने के उपरान्त भी ऑक्सीकरण की क्रिया जारी रखते हुए कार्बन डाई ऑक्साइड बनाते हैं-

CH3COOH +O2 → 2CO2 + 2H2O

अतः सिरका बनाने में जीवाणु की जाति का चयन अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

सिरका धीमी पद्धति (process) का ऑरिलिन, विधि (orleans method) द्वारा तथा औद्योगिक तौर पर द्रुत जनरेटर पद्धति (repid generator method) द्वारा बनाया जाता है। घरों पर सिरका सेव के या अंगूर के रस से बनाया जाता है, इसमें तीन माह का समय लगता है। कच्चे पदार्थ में यीस्ट डालकर एल्कोहॉल बना लिया जाता है, इसे बैरल (barrel) से भर देते हैं। एल्कोहॉल की सांद्रता 10-13% के मध्य रखी जाती है, इसमें 10-25% शुद्ध सिरका डालकर छोड़ दिया जाता है। सिरका बनने के दौरान एल्कोहॉल की सान्द्रता 1 – 2% कम हो जाने पर जीवाणु बर्तन के भीतर द्रव सतह पर मोटी पर्त बना लेते हैं। यह मोटी पर्त जैली समान होती है जो टूट कर पेंदे में नहीं गिरने देनी चाहिये अन्यथा किण्वन की क्रिया रूक जाती है। सिरके का औद्योगिक उत्पादन जनरेटर द्वारा किया जाता है, इस क्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। (चित्र 27.5 ) विभिन्न आमाप के (सामान्यतः 15 फिट व्यास एवं 20 फीट ऊँचे ) जनरेटर उपयोग में लाये जाते हैं। इसमें एक बेलनाकार टेंक होता है जिसके पेंदे में छिद्र होते हैं व लकड़ी की छीलन भरी होती है ताकि जीवाणुओं को ऑक्सीकरण हेतु अधिकाधिक सतह उपलब्ध हो सके। नीचे से वायु प्रवेश करती है व ऊपर से इसका निकास होता है। कच्चे माल में यीस्ट मिलाकर टेंक में रखते हैं। इस प्रकार एल्कोहॉल बनता है, इसमें एसिटिक एसिड व एसिटोबैक्टर जाति के जीवाणुओं का प्रवेश कराते हैं। यह लकड़ी की छीलन से धीरे-धीरे रिसता है। इस दौरान ऑक्सीकरण की क्रिया जीवाणुओं द्वारा की जाती है नीचे एकत्रित पदार्थ को पुनः ऊपर भिजवाते हैं। इस प्रकार यह क्रिया दोहराई जाती है व उच्च सान्द्रता का सिरका प्राप्त होता है। इस दौरान तापक्रम बढ़ने की सम्भावनाएँ अधिक होती है। अतः कुण्डलियों में जल प्रवाहित कर यह 25°C – 30°C तक बनाये रखा जाता है। सिरका आचार बनाने, माँस को परिरक्षित करने तथा सब्जियों का ताजा बनाये रखने एवं सलाद बनाने के काम आता है। मदिरा सिरका बहुत अच्छी किस्म का महंगा होता है एवं यह नारंगी, अंगूर तथा अन्य फलों से बनाया जाता है।