JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: BiologyBiology

परानिस्यंदन किसे कहते हैं ? ultrafiltration meaning in hindi परानिस्यन्दन का कारण कार्य क्या है ?

परानिस्यन्दन का कारण कार्य क्या है ? ultrafiltration meaning in hindi परानिस्यंदन किसे कहते हैं ?

मूत्र निर्माण की कार्यिकी

नाइट्रोजनी अपशिष्ट रक्त द्वारा वृक्क में पहुंचा दिए जाते हैं और ये

तीन प्रक्रियाओं द्वारा मूत्र में परिवर्तित हो जाते हैं |

  1. परानिस्यंदन (ultrafiltration) – परानिस्यंदन दाब प्रवणता के कारण होने वाला फिल्टरेशन है | यह बोमन केप्सूल में होता है |अपवाही धमनी अभिवाही धमनी की तुलना में संकरी हो जाती है | जिसमें ग्लोमेरूलस में हाइड्रोस्टैटिक दाब उत्पन्न होता है | जो जल , ग्लूकोज सभी अमीनों अम्ल , यूरिया और सोडियम और पोटेशियम के लवण आदि को ग्लोमेरूलस से बाहर बोमन केप्सूल में धकेल देता है | फिल्टरेशन आधारीय झिल्ली द्वारा होता है | आधारीय झिल्ली फिल्टरेशन के लिए विशिष्ट संरचना रखती है | रक्त केशिकाओं के छिद्र चौड़े होते हैं | बोमेन केप्सूल में विशिष्टीकृत कोशिकाएँ होती हैं जिन्हें पोडोसाइट्स कहते है |

परानिस्यन्दन का कारण

  • GHP (ग्लोमेरूलर हाइड्रोस्टेटिक दाब)– यह चौड़ी अभिवाही धमनी और संकरी अपवाही धमनी के कारण उत्पन्न होता है |

GHP = 60 mmHg (or 75 mm Hg)

  • BCOP (रक्त कोलोइडल परासरण दाब)– यह प्लाज्मा प्रोटीन एल्बूमिन के कारण होता है |

BCOP = 32 mmHg

  • CHP (capsular hydrostatic pressure) – यह बोमन केप्सूल में पहले से उपस्थित द्रव के कारण होता है |

CHP = 18 mmHg

NFP (net filtration pressure) or EFP (effective filtration pressure)

NFP = GHP – (BCOP + CHP) = 60 – (32+18) = 10 mmHg

ग्लोमेरूलर फिल्टरेशन दर सामान्य वयस्क में लगभग 120 ml प्रति मिनट और 172 लीटर प्रतिदिन होती है | दोनों वृक्कों द्वारा लगभग 1250 ml रक्त प्रति मिनट परिसंचरित होता है जिसमें 650-700 ml प्लाज्मा होता है | यह रीनल प्लाज्मा प्रवाह (RPF)कहलाता है |

Filtration Fraction : FF

यह वृक्कों से गुजरने वाले प्लाज्मा का वह भाग है जो ग्लोमेरूलस द्वारा फिल्टर होता है | i.e. GFR और RPF का अनुपात

Therefore , FF = GFR (ml/min)/RPF (ml/min)

= 125 ml/min/700 ml/min

= 0.16 to 0.20 i.e. , 16-20% of RPF

  1. चयनात्मक पुन: अवशोषण – वह प्रक्रिया जिसके द्वारा रक्त केशिकाओं में नेफ्रिक फिल्टरेट से केवल उपयोगी पदार्थ ही पुन: अवशोषित होते हैं चयनात्मक पुन: अवशोषण कहलाता है | ये इनके पुन: अवशोषण की मात्रा के आधार पर तीन श्रेणियों में बाँटे गए हैं |

(a)  उच्च देहली पदार्थ – ये वे पदार्थ हैं जो कि रक्त केशिकाओं द्वारा नेफ्रिक फिल्टरेट से पूर्णत: पुन: अवशोषित हो जाते हैं | इसमें ग्लूकोज , एमिनों एसिड , जल , विटामिन C , Na+आदि शामिल हैं | यहाँ इस प्रकार के उच्च देहली पदार्थों की अवशोषण की सीमा वृक्क की ऊपरी सीमा तक होती है | यह वृक्क देहली कहलाता है | उदाहरण ग्लूकोज के पुन: अवशोषण के लिए वृक्क की रीनल देहली लगभग नेफ्रिक फिल्टरेट में 180 mg/100 ml होती है |

(b)  निम्न देहली पदार्थ – वो पदार्थ जो केवल सूक्ष्म स्तर तक अवशोषित होते हैं | उदाहरण – यूरिया , यूरिक अम्ल आदि |

(c)  अदेहली पदार्थ – ये वो पदार्थ हैं जो बिल्कुल भी पुन: अवशोषित नहीं होते | उदाहरण – क्रिएटिन , हिप्यूरिक अम्ल |

PCT सक्रीय रूप से लगभग सम्पूर्ण ग्लूकोज , 75% एमीनो एसिड और विटामिन C , लगभग 70% Na+ , लगभग 75% K+और बड़ी मात्रा में कैल्सियम और जल , ग्लोमेरूलर फिल्टरेट से अवशोषित करती है | हेनले लूप की अवरोही भुजा लगभग 5% जल अवशोषित करती है | हेनले लूप की आरोही भुजा में सक्रीय रूप से लगभग 25% K+और कुछ Clका अवशोषण होता है | कुछ Na+आयन विसरण द्वारा अवशोषित हो जाते हैं | DCT और संग्रह नलिका सक्रीय रूप से कुछ Na+आयनों का नेफ्रिक फिल्टरेट से और परिकोशिकीय द्रव के K+के आदान प्रदान से अवशोषित करती है |

पुन: अवशोषण का मुख्य कार्य समस्थैतिकता को बनाये रखना है | ताकि इलेक्ट्रोलाइट , संघटन pH और रक्त का परासरण दाब नियत रखा जाए |

समीपस्थ कुंडलित नलिका में पुन: अवशोषण– PCT अवशोषण का मुख्य स्थल है | इसके लिए इसकी एपिथिलियम कोशिका माइटोकोंड्रिया और माइक्रोविलाई उपस्थित होते है | माइक्रोविलाई अवशोषण सतह को 20 गुना बढ़ा देती है | ग्लोमेरूलर फिल्टरेट का दो तिहाई से अधिक आयतन PCT में अवशोषित हो जाता है | इनमें सम्पूर्ण ग्लूकोज अधिकांश Ca2+, एमीनो एसिड एस्कॉर्बिक एसिड , 75% K+, 70% जल , 90% HCO3और Clऔर कुछ अन्य ऐनायन सम्मिलित हैं | Na+ , K+और Ca2+का पुन: अवशोषण प्राथमिक सक्रीय परिवहन द्वारा होता है जो कि ATP से ऊर्जा खर्च में सीधे सम्बन्धित है | ग्लूकोज और एमीनो एसिड द्वितीयक सक्रीय परिवहन द्वारा अवशोषित होते हैं | Clऔर अन्य एनायन विसरण द्वारा बाहर निकलते है जो कि एक विसरण प्रक्रिया भी है | छनित्र रक्त के समपरासरण रहता है |

लूप ऑफ़ हेनले में पुन: अवशोषण– हेनले लूप प्रारंभिक मूत्र को अधिक सान्द्र करने का स्थल है |

(i)            अवरोही भुजा – मोटा खण्ड अपारगम्य होता है | पतला खण्ड जो कि मेड्युला के अतिपरासरी अन्त:कोशिकीय द्रव्य में स्थित होता है परासरण के कारण थोड़ी जल हानि करता है | यह फिल्टरेट को अतिपरासरण बना देता है | NaCl की सान्द्रता उच्च हो जाती है जिसके कारण अवरोही भुजा सांद्रण खण्ड कहलाती है |

(ii)           आरोही भुजा – यह जल के लिए अपारगम्य होती है | पतला भाग विसरण द्वारा अंतरकोशिकीय द्रव में NaCl मुक्त करता है | मोटा भाग सक्रीय रूप से बाहरी कोशिकीय द्रव्य में NaCl का परिवहन करता है | यह वृक्क के आंतरिक मेड्युला की उच्च परासरणता से सम्बन्धित होता है | कुछ परिवहन Mg2+ , Ca2+और K+का भी होता है | NaCl की हानि के कारण लूप ऑफ़ हेनले की आरोही भुजा में फिल्टरेट रक्त प्लाज्मा से कम परासरी हो जाता है जिसके कारण हेनले लूप की आरोही भुजा तनुता खण्ड (diluting segment)कहलाती है |

(iii)          दूरस्थ कुंडलित नलिका में पुन: अवशोषण – यह एल्डोस्टेरोन और वेसोप्रेसिन हार्मोन की सक्रियता पर निर्भर करता है | एल्डोस्टेरोन के प्रभाव में Na+ , फिल्टरेट से सक्रीय रूप से अवशोषित होता है | Clनिष्क्रिय अवस्था में होता है | HCO3भी बाहर निकलता है | वेसोप्रेसिन अथवा ADH की उपलब्धता जल के पुन: अवशोषण में सहायता करती है |

(iv)         संग्रह नलिका में पुन: अवशोषण – इनकी भित्ति पारगम्य हो जाती है और जल के पुन: अवशोषण में सहायक होता है , यदि वेसोप्रेसिन अथवा ADH हार्मोन उपलब्ध होता है | हार्मोन की उपस्थिति में जल फिल्टरेट से गुजरता है और मूत्र और अधिक अतिपरासरी हो जाता है | जितनी नलिका मेड्युला में डूबी रहती है | यूरिया का एक अंश मेड्युला भाग में संग्रह नलिका की सतह भाग के बाहर विसरित हो जाता है | यह मेड्युला को अतिपरासरण बना देता है  |

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

1 day ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

1 day ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now