turgor pressure in hindi in plants स्फीति दाब क्या है , जल विभव की सकल्पना (Concept of Water potential)

जाने turgor pressure in hindi in plants स्फीति दाब क्या है , जल विभव की सकल्पना (Concept of Water potential) ?

स्फीत दाब (Turgor pressure)

एक जीवित कोशिका को जल में डुबोने पर वह परासरण के कारण फूल जाती है। जल के कोशिका रस में प्रवेश करने से कोशिक द्रव्य में कोशिका भित्ति के प्रति एक दाब उत्पन होता है। कोशिकद्रव्य द्वारा कोशिका भित्ति पर लगने वाले दाब को स्फीत दाब (turgor pressure, TP) कहते हैं। TP का मान OP के मान से अधिक ही रहता है जब तक कि कोशिका शुद्ध जल में न हो ।

TP = WP

कोशिका भित्ति दृढ़ (rigid) एवं लचीली (elastic) होती है इसलिए यह भी फैले हुए कोशिका द्रव्य पर समान परन्तु विपरीत दिशा में बल लगाती है। इस बल को भित्ति दाब ( wall pressure, WP) कहते हैं। एक समय में TP का मान WP के समान होता है।

विसरण दाब न्यूनता अथवा चूषण दाब (Diffusion pressure deficit or suction pressure)

द्रवों का विसरण दाब (diffusion pressure, DP) निश्चित होता है। शुद्ध विलायक (solvent) का विसरण दाब उसके विलयन से अधिक होता है। उदाहरण के लिए शर्करा के जल में बने विलयन का परासरण दाब शुद्ध जल के विसरण दाब (DP) से कम होता है। वह मान जिससे विलयन का दाब उसके विलायक से कम होता है विसरण दाब न्यूनता (diffusion pressure deficit, DPD) कहलाता है। DPD विलयन की अवशोषण क्षमता का सूचकांक (index) होता है। इसे चूषण दाब भी कहते हैं। DP एवं DPD शब्द एस. बी. मेयर (S.B.Mayer, 1938) द्वारा दिये गये। आज कल जल विभव (water potential, Yw) शब्द का प्रयोग किया जाता है। इसका मान DPD के बराबर परन्तु ऋणात्मक होता है।

निकाय जिसमें दो विलयनों को अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा अलग रखा जाता है उसमें दोनों विलयनों की सांद्रता में अन्तर के कारण जले का बहाव निम्न सांद्रता (अधिक जल ) के विलयन से अधिक सांद्रता (कम जल ) के विलयन की ओर होता है। जल के कोशिका में प्रवेश करने से कोशिका का TP बढ़ता है तथा उसके विपरीत परन्तु समान मान से WP भी बढ़ता है। इसलिए जल प्रवेश के लिए उत्तरदायी वास्तविक बल OP – TP होगा ।

इसलिए, OP – TP

DPD = OP -WP

WP = TP

DPD = OP – TP

श्लथ कोशिकाओं (flaccid cells) में TP शून्य होता है। इसलिए

DPD = OP – 0 = OP

इस प्रकार की कोशिकाओं में जल कोशिका के OP के बराबर बल से प्रवेश करेगा।

स्फीत कोशिकाओं (turgid cells) में OP = TP होता है।

इसलिए, DPD = OP – WP

DPD = O

इस पूर्ण स्फीत कोशिका में जल का अवशोषण नहीं होगा ।

जल विभव की सकल्पना (Concept of Water potential)

जल की निकाय से निकलने की प्रवृत्ति को जल विभव माना जाता है। इसका प्रयोग जल प्रवाह की दिशा बताने में, जैसे एक कोशिका से दूसरी कोशिका में, मृदा से मूल तक, स्थिर (rest) से, वायु एवं मृदा से वायु में समझने में किया जाता है। वास्तव में जल का बहाव उसके उच्च जलविभव से निम्न जलविभव की दिशा में होता है।

एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जल के स्वछन्द बहाव को दो क्षेत्रों के मध्य जल की मुक्त ऊर्जा (free energy) व्यक्त किया जाता है। शुद्ध जल एवं किसी अन्य निकाय जैसे पादप कोशिका, ऊतक अथवा किसी विलयन में जल के अणुओं की मुक्त ऊर्जा के अन्तर को जल विभव (water potential) कहते हैं।

जल विभव को ग्रीक अक्षर साई (psi, ψ) द्वारा निरूपित किया जाता है। इसका मापन बार (bar) द्वारा किया जाता है। एक बार लगभग 1 वायवीय दाब के बराबर होता है। (1 बार = 0.987 atm दाब)।

जल विभव के घटक (Components of water potential)

सामान्यतः कोशिका में कोशिकाभित्ति, विलयन युक्त रिक्तिका तथा रिक्तिका एवं कोशिकाभित्ति के मध्य भरा हुआ कोशिकद्रव्य होता है। इस प्रकार की कोशिका को जल में डालने से इस पर अनेक कारक कार्य करना आरम्भ करने लगते हैं। जल विभव (ψw) तीन आंतरिक कारकों यथा मैट्रिक विभव (matric potential, ψm), विलेय विभव (solute potential ψs) एवं दाब विभव (pressure potential, ψp) द्वारा निर्धारित होता है। इसलिए जल विभव इन तीनों कारकों का योग होता है ।

ψw = ψs + ψm + ψp

मैट्रिक विभव (Matric potential ψm )- इसका प्रयोग उस सतह (उदाहरण- मृदा कण, कोशिका भित्ति, कोशिका द्रव्य) के लिए किया जाता है जिस पर जल अणु अधिशोषित (adsorb) होते हैं। परासरण के दौरानψm महत्वपूर्ण नहीं होता इसलिए जल विभव का मान निम्न होता है:

ψw = ψs + ψp

विलेय विभव (Solute potential, ψs) – इसे परासरण विभव भी कहते हैं। विलेय की उपस्थिति से जल विभव में कमी की मात्रा को विलेय विभव कहते हैं। इसका मान हमेशा ऋणात्मक होता है।

दाब विभव (Pressure potential, ψp) – भित्ति दाब के कारण रिक्तिका में उत्पन्न द्रव स्थैतिक दाब (hydrostatic pressure) को स्फीत दाब (turgor pressure, TP) कहते हैं। सामान्यतः इसका मान धनात्मक होता है तथा यह पादप कोशिका में WP एवं TP के रूप में कार्य करता है।