तापीय स्खलन किसे कहते हैं , ट्रांजिस्टर में परिभाषा सूत्र thermal runaway in bjt in hindi in transistor ?
तापीय स्खलन (THERMAL RUNAWAY)
लघु संकेतों के लिए प्रयुक्त ट्रांजिस्टर में संग्राहक पर शक्ति का क्षय निर्धारित सीमा से कम रहता है परन्तु वृहद् आयाम के संकेतों के साथ प्रयुक्त शक्ति ट्रांजिस्टरों में संग्राहक आधार संधि पर शक्ति हानि अधिक होती है जिससे संधि के तापमान में वृद्धि होती है।
जब संग्राहक-आधार संधि का ताप बढ़ता है तो संग्राहक क्षरण धारा (collector leakage current) IcBO भी बढ़ती है, क्योंकि
ICEO में वृद्धि से संग्राहक धारा I के मान में भी वृद्धि होगी। संग्राहक धारा में यह वृद्धि, संग्राहक संधि पर शक्ति क्षय में वृद्धि करती है। शक्ति क्षय के कारण पुनः संधि के तापमान में वृद्धि तथा ICBO में वृद्धि होती है, जो पुनः धारा I के मान में वृद्धि करती है। यह प्रक्रिया संचयी (cumulative ) होती है और ट्रांजिस्टर के लिए घातक हो सकती है। इस प्रक्रिया को ट्रांजिस्टर का तापीय स्खलन ( thermal runaway) कहते हैं । प्रायोगिक रूप में स्थायीकरण परिपथ द्वारा, तापीय स्खलन को दूर किया जाता है। शक्ति ट्रांजिस्टरों में तापीय स्खलन से सुरक्षा के लिए ऊष्मा को निष्कासित करने के उपयुक्त उपाय भी किये जाते हैं। इसके लिए एक धातु की पतली पट्टिका, जो ऊष्मा सिंक कहलाती है, का प्रयोग किया जाता है। ट्रांजिस्टरों के साथ ऊष्मा सिंक का संयोजन कर वातावरण को ऊष्मा स्थानान्तरित करने वाले क्षेत्रफल को बढ़ाया जाता है। ट्रांजिस्टर से ऊष्मा, ऊष्मा चालन द्वारा सिंक में तथा सिंक से संवहन व विकिरण द्वारा वातावरण में स्थानान्तरित हो जाती है।