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दी सेन्ट्रल नेशनल हर्बेरियम , कोलकाता (the central national herbarium , kolkata in hindi)

(the central national herbarium , kolkata in hindi) दी सेन्ट्रल नेशनल हर्बेरियम , कोलकाता भारत में कहाँ स्थित है ? the central national herbarium is located at where ?

1. दी सेन्ट्रल नेशनल हर्बेरियम , कोलकाता (the central national herbarium , kolkata) : यह न केवल भारत अपितु एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा हर्बेरियम है जिसकी स्थापना विलियम रॉक्सबर्ग (william roxburgh) ने सन 1793 में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के वनस्पति उद्यान कोलकाता के परिसर में की थी।

यह हर्बेरियम 200 वर्ष से भी अधिक पुरानी संस्था है , प्रारंभ में इसकी स्थापना हालाँकि इन्डियन बोटेनिक गार्डन की एक इकाई के रूप में की गयी थी लेकिन अब यह भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान के अधीन एक पृथक संस्था के रूप में संचालित है। इस हर्बेरियम की प्रगति के लिए इसके संस्थापक रॉक्सबर्ग द्वारा जो अथक प्रयास किये गए , उनसे उत्प्रेरित होकर अन्य प्रसिद्ध पादप वर्गिकी वेत्ताओं जैसे वेलिच , हुकर , थोमसन , किंग और प्रेन आदि ने भी इसकी प्रसिद्धि को बढाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उपरिलिखित वैज्ञानिकों के सदप्रयासों के परिणामस्वरूप इस पादप संग्रहालय में आज लगभग चार लाख (4,00,000) से भी अधिक पादप प्रतिरूप परिरक्षित अवस्था में मौजूद है। इनमें से लगभग 8,000 प्रतिरूप ऐसे प्ररूप निर्देशों (type specimens) के है , जिनके आधार पर इन विशिष्ट पादप प्रजातियों का वर्णन कर इनका सृजन और नामकरण किया गया है। इन 8,000 पादप प्रतिरूपों को हर्बेरियम के एक विशेष कक्ष में पूर्णतया सुरक्षित और परिरक्षित अवस्था में रखा गया है।
इस पादप संग्रहालय में भारत के अतिरिक्त यूरोप , अमेरिका , चीन , ऑस्ट्रेलिया और जापान आदि देशों के पादप प्रतिरूप भी हर्बेरियम शीट्स में परीक्षित है। यहाँ पुष्पीय पौधों के अतिरिक्त अनेक फर्न्स , जिम्नोस्पर्म्स और कुछ अन्य अपुष्पी पादप समूहों के प्रतिरूपों भी परिरक्षित किये गये है। हर्बेरियम में पादप प्रतिरूपों को बैंथम और हुकर की वर्गीकरण प्रणाली के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। इस संस्थान के सौजन्य से अभी तक 7 नए पादप वंश और लगभग 200 से अधिक पादप प्रजातियों का वर्णन किया जा चुका है।

2. राष्ट्रीय वानस्पतिक शोध संस्थान पादप संग्रहालय , लखनऊ (csir-national botanical research institute, lucknow)

यह हमारे देश का महत्वपूर्ण हर्बेरियम है जिसकी स्थापना सन 1948 में हुई थी। शुरू में यह राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान (national botanic garden : NBG) की एक इकाई के रूप में स्थापित किया गया था और इस हर्बेरियम की देखरेख उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा की जाती थी लेकिन सन 1953 में इसका नियन्त्रण “वैज्ञानिक और औधोगिक अनुसन्धान परिषद् ” को सौंप दिया गया और इसे राष्ट्रीय महत्व के पादप संग्रहालय और वानस्पतिक उद्यान का दर्जा प्रदान किया गया।
वर्तमान जानकारी के अनुसार इस पादप संग्रहालय में लगभग एक लाख पादप प्रतिरूप शीटों में परिरक्षित है। हर्बेरियम के अतिरिक्त राष्ट्रीय उद्यान (NBG) की अन्य इकाइयाँ जैसे पुस्तकालय , वृहत ग्रीन हाउस और पेलिनोलोजी , पादप कार्यिकी और ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाएँ आदि भी सार्थक रूप से यहाँ कार्यरत है। इस हर्बेरियम में भारत के सभी राज्यों से एकत्र पादप प्रतिरूप संगृहीत है।

3. वन अनुसंधान संस्थान पादप संग्रहालय , देहरादून (herbarium of forest research institute dehradun)

सर्वप्रथम यह हर्बेरियम ब्रिटिश सरकार के द्वारा सन 1874 में देहरादून में स्थापित किया गया था लेकिन इसका वर्तमान प्रारूप सन 1908 में सु स्थापित हुआ , जब पूर्व में कार्यरत एक अन्य पादप संग्रहालय “सहारनपुर हर्बेरियम” को इसमें विलीन कर दिया गया।
आज की परिस्थितियों में यह पादप संग्रहालय देश के सबसे बड़े संग्रहालयों में सेन्ट्रल नेशनल हर्बेरियम , कोलकाता के बाद दुसरे नंबर पर आता है। यहाँ लगभग तीन लाख पचास हजार पादप प्रतिरूप परिरक्षित है , जिनमें अधिकांश प्रतिरूप पुष्पधारी पौधों , फर्न्स और जिम्नोस्पर्म्स के है। वैसे तो यहाँ संचित अधिकांश पादप प्रतिरूप हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं से एकत्र किये गए है , फिर भी इसके अतिरिक्त यहाँ काफी संख्या में भारत के अन्य राज्यों और कुछ पडोसी देशों जैसे पाकिस्तान , अफगानिस्तान , तिब्बत और बर्मा के पादप प्रतिरूप भी संगृहीत है।
इस पादप संग्रहालय में लगभग 1200 पादप प्रतिरूप “प्ररूप प्रदर्श ” के है , जिनके विवरण के आधार पर नवीन प्रजातियों की स्थापना की गयी है। वन अनुसन्धान संस्थान के हर्मेरियम में सबसे पुराना पादप प्रतिरूप लगभग 200 वर्ष पूर्व का है जो आज भी उपयोगी है।
यह पादप संग्रहालय भारत सरकार के खाद्य और कृषि मंत्रालय के अधीन है। इसके विकास के अनेक प्रख्यात वनस्पतिशास्त्रियों जैसे जे.एफ.डथी , जे. एस. गेम्बल , हेंस और एन. एल. बोर आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

4. पादप संग्रहालय , वनस्पतिशास्त्र विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय , दिल्ली (the herbarium – department of botany delhi university)

यह उत्तर भारत का एक प्रमुख पादप संग्रहालय है जहाँ लगभग 30,000 पादप प्रतिरूप संचित है। इसके विकास का श्रेय स्व. प्रो। पी. माहेश्वरी , प्रो। बी. एम. जौहरी और डॉ. के. एम. एम. दक्षिणी को जाता है।

5. पादप संग्रहालय वनस्पतिशास्त्र विभाग , राजस्थान विश्वविद्यालय , जयपुर (the herbarium – department of botany , rajasthan university , jaipur)

यह उत्तर भारतीय विश्वविद्यालयों के सर्वप्रमुख पादप संग्रहालयों में से एक है , इसकी स्थापना सन 1965 में हुई और सन 1974 में यह वर्तमान भवन में स्थानांतरित हुआ। यहाँ राजस्थान और अन्य पडोसी राज्यों से एकत्र लगभग 20,000 पादप प्रतिरूप संचित है। इसके विकास का श्रेय स्व. डॉ. शिव शर्मा और प्रो। बी. त्यागी को जाता है। इस पादप संग्रहालय के अंतर्गत शोधकर्ताओं ने राजस्थान के विभिन्न भागों की वनस्पति का अध्ययन किया है। इसके अतिरिक्त यहाँ लोक वनस्पति विज्ञान अध्ययन के माध्यम से अरावली पर्वत श्रृंखलाओं और मुकुंदरा पर्वत श्रेणियों में पायी जाने वाली मानवपयोगी पादप प्रजातियों का अध्ययन डॉ. प्रभाकर जोशी और डॉ. एन. के. शर्मा के द्वारा किया गया है।
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