JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: BiologyBiology

taxonomy in hindi or plant taxonomy meaning in hindi पादप वर्गिकी किसे कहते है , परिभाषा क्या है ?

पादप वर्गिकी किसे कहते है , परिभाषा क्या है ? taxonomy in hindi or plant taxonomy meaning in hindi ?

पादप वर्गिकी (plant taxonomy) : वर्गिकी या वर्गीकरण वनस्पति विज्ञान के अंतर्गत इस भू मण्डल पर पाए जाने वाले पौधों की पहचान और पारस्परिक समानताओं के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जाता है। संभवतः विज्ञान विषय के अध्ययन की प्रारंभिक अवस्था से ही वनस्पतिशास्त्रियों के समक्ष पादप वर्गीकरण का कार्य अत्यंत रुचिकर लेकिन चुनौतीपूर्ण रहा है। हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के पौधों की 4 लाख से अधिक प्रजातियाँ पायी जाती है लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए अपने जीवन काल में इन सभी पौधों को देख पाना सम्भव नहीं है। अत: पादप जगत के समग्र अध्ययन के लिए यह अत्यावश्यक है कि विभिन्न पौधों को इनके किसी भी प्रमुख लक्षण के आधार पर इनको सुनिश्चित वर्गों में स्थापित किया जाए या इनका वर्गीकरण किया जाए।

वर्गिकी या taxonomy शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के 2 शब्दों , taxon अर्थात वर्गक और nomos अर्थात नामकरण (taxon = वर्गक + nomos = नामकरण) को संयुक्त करने पर हुई है। शब्द टेक्सोनोमी का गठन सर्वप्रथम प्रसिद्ध फ्रांसीसी पादप वर्गीकरण विज्ञानी ए. पी. केंडोले (1813) ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “थ्योरी एलीमेन्टेयर डी ला बोटेनिक” में किया था। इस पुस्तक के शीर्षक का अर्थ है “theory of elementary botany” या वनस्पति शास्त्र के प्रारम्भिक सिद्धान्त।
अनेक वनस्पतिशास्त्रियों के अनुसार वर्गिकी और वर्गीकरण वनस्पतिशास्त्र ये दोनों शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची है। लेकिन यह अवधारणा पूर्णरूपेण सत्य प्रतीत नहीं होती। जैफ्रे ने सन 1968 में प्रकाशित अपनी प्रसिद्ध पुस्तक एन इंट्रोडक्शन टू प्लांट टेक्सोनोमी (an introduction to plant taxonomy) में लिखा है कि पादप वर्गिकी जिसे अन्यथा पादप वर्गीकरण विज्ञान भी कहा जाता है , वनस्पति विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत विभिन्न पौधों की पहचान , वर्गीकरण और इनके नामकरण के कार्य को निष्पादित किया जाता है।
उपरोक्त परिभाषा से स्पष्ट है कि जैफ्रे (1968) ने हालाँकि उपरोक्त दोनों शाखाओं को एक दुसरे का समानधर्मी सम्बन्धी अवश्य माना है लेकिन ये दोनों शब्द अर्थात वर्गिकी और पादप वर्गीकरण विज्ञान एकरूप अथवा पर्यायवाची नहीं है और एक ही कार्य की ओर संकेत नहीं करते है।
जी.एच.एम. लोरेन्स (1951) के अनुसार वर्गिकी वनस्पति विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत पौधों की पहचान , नामकरण और वर्गीकरण का अध्ययन किया जाता है।
जबकि वर्गीकरण वनस्पति विज्ञान के अंतर्गत पौधों के आकारिकी लक्षणों के आधार पर इनका वर्णन और वर्गीकरण किया जाता है। दुसरे शब्दों में यह एक तथ्यान्वेषि शाखा है , जिसके अध्ययन में विभिन्न पादप समूहों के अन्तर्समन्धो और विविधताओं का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। संभवत: मानव सभ्यता के प्रारम्भिक चरण में जब से मनुष्य ने विभिन्न पौधों को अपने अनेक कार्यो के लिए प्रयुक्त किया , तभी से पादप वर्गिकी का अध्ययन प्रारंभ हुआ होगा। अत: यह कहा जा सकता है कि पादप वर्गिकी वनस्पतिशास्त्र की प्राचीनतम और आधारभूत शाखा है। जैसे जैसे मानव सभ्यता का विकास हुआ तो उसके साथ ही मनुष्य की पौधों पर निर्भरता में भी बढ़ोतरी हुई , जीवन के विभिन्न प्रमुख सोपानों में अर्थात “जन्म , परण और मरण” में आज भी विभिन्न पौधों अथवा पादप उत्पादों का महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ तक कि आज तो अनेक नवीन और अल्पज्ञात पादप प्रजातियों का अविवेकपूर्ण दुरुपयोग अथवा दोहन , दवाओं , मसालों , वसीय तेलों , काष्ठ , रेशों अथवा खाद्य पदार्थो के लिए किया जाता है।
किसी भी उपयोगी पौधे का समुचित और समग्र अध्ययन करने से पूर्व हमारे लिए पौधे के सही वैज्ञानिक नाम और पादप जगत में उसकी वर्गिकीय स्थिति की जानकारी अत्यावश्यक है। पादप जगत में सम्मिलित विभिन्न पौधों का वर्गीकरण एक बहुआयामी शाखा है जिसमें पौधे की पहचान और वर्गीकरण के लिए न केवल बाह्य आकारिकी लक्षणों अपितु कोशिका विज्ञान , शारीरिकी , भ्रूण विज्ञान , परागाणु विज्ञान और आनुवांशिकी सम्बन्धी सूचनाओं को भी प्रयुक्त किया जाता है।
पादप वर्गिकी एक वृहद् विषय है , जिसकी परस्पर सम्बन्धित शाखाएँ अथवा क्षेत्र निम्नानुसार है –
1. वर्गीकरण वनस्पति विज्ञान : पादपों का आकारिकी के आधार पर वर्णन वर्गीकरण वनस्पति विज्ञान का मुख्य उद्देश्य है। इसके अंतर्गत वनस्पति विज्ञान की अन्य शाखाओं से भी सूचनाएँ एकत्र की जाती है।
2. वर्गिकीय प्रणाली : वे तथ्यपरक सूचनायें जो पौधों के क्रमबद्ध अध्ययन के द्वारा विशेषकर बाह्य आकारिकी लक्षणों के आधार पर एकत्र की जाती है , उनका उपयोग निम्न रुपरेखा के अन्तर्गत किया जाता है –
(i) पादप समूहों की वर्गिकी संकल्पना – जैसे प्रजाति , वंश और कुल आदि।
(ii) प्रमुख लक्षणों के आधार पर पौधों में विकासीय परिक्रम का अध्ययन अर्थात पौधे में कौन से लक्षण पुरातन अथवा आदिम है और कौन से लक्षण मध्यवर्ती अथवा संक्रमणकालीन है और कौनसे लक्षण आधुनिक अथवा प्रगत है।
(iii) पादप समूह (वर्गकों) को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करना और किसी निश्चित पद्धति के आधार पर इनका वर्गीकरण करना।
(iv) वर्गकों अर्थात विशेष कुल अथवा वंश अथवा प्रजाति का वर्णन करना।
3. नामकरण (nomenclature) : किसी पादप वर्गक (प्रजाति , वंश , कुल अथवा गण) का नाम , एक सुनिश्चित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य और समन्वित एकरूप प्रणाली के आधार पर दिया जाता है , तदनुरूप प्रत्येक किस्म के पौधे को केवल एक , सर्वमान्य , व्यावहारिक और प्रमाणिक वैज्ञानिक नाम दिया जाता है। इसके साथ ही अप्रयुक्त नाम को पर्यायवाची कहा जाता है। पौधों के वैज्ञानिक नाम निर्धारण की यह प्रक्रिया नामकरण कहलाती है। इसकी उपयोगिता आधुनिक विश्व में इसी तथ्य से समझी जा सकती है कि आज शोध , चिकित्सा और सामान्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम आने वाले पौधों की सही जानकारी , प्रारम्भिक चरण में उनके प्रामाणिक नाम के आधार पर ही उपलब्ध हो सकती है।
4. प्रलेखाकरण : इसके अन्तर्गत पादप संग्रहालय अथवा पादपालय में जीवित अथवा जिवाश्मीय पादप शरीरों को परिरक्षित किया जाता है। इन परिरक्षित पादप प्रदर्शो या प्रारूप प्रदर्श वे परिरक्षित पादप प्रारूप होते है , जिनके आधार पर पादप प्रजाति और इससे निम्न स्तर वर्गकों जैसे उपजाति अथवा किस्म आदि का वास्तविक तौर पर नाम निर्धारण किया जाता है। पादप प्रतिरूप के न होने अथवा क्षतिग्रस्त हो जाने की स्थिति में कभी कभी इन प्रतिरूपों के रेखाचित्र का उपयोग भी प्रलेखाकरण के लिए किया जा सकता है। यही नहीं वे भौगोलिक मानचित्र और नक़्शे जो विभिन्न पादप वर्गकों के वितरण परास को परिलक्षित करते है , पादप वर्गिकी के अध्ययन में महत्वपूर्ण प्रलेख अथवा दस्तावेज़ की श्रेणी में रखे जा सकते है।
इस प्रकार पादप वर्गिकी एक कृत्रिम ज्ञान क्षेत्र है जिसके चार अवयवों में से वर्गीकरण वनस्पति विज्ञान एक अवयव है।
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

14 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

14 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now