JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: hindi grammer

पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (Synonyms in hindi grammar) paryayvachi shabd क्या होता है ?

(Synonyms in hindi grammar) निम्नलिखित शब्दों का पर्यायवाची शब्द लिखिए ? पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (antonyms in hindi grammar) paryayvachi shabd क्या होता है ?

पर्यायवाची शब्द

इसे प्रतिशब्द भी कहते हैं। जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें हम पर्यायवाची शब्द अथवा प्रतिशब्द कहते हैं । हिन्दी में तत्सम पर्यायवाची शब्द ही अधिक पाए जाते हैं जो संस्कृत से हिन्दी में आए हैं । हिन्दी में तद्भव पर्यायवाची शब्दों का अभाव है । कुछ प्रमुख पर्यायवाची शब्दों के उदाहरण नीचे दिये जा रहे हैं-

(अ)

शब्द        पर्याय

अमृत -पीयूष, सुधा, अमी

अंग -अवयव, भाग, हिस्सा, अंश, खंड ।

अग्नि -आग, पावक, अनल, वहिन, हुताशन, कृशानु, वैश्वानर ।

अनी – सेना, फौज, चमू, कटक, दल ।

असुर – दनुज, दानव, दैत्य, राक्षस, निशिचर, निशाचर, रजनीचर ।

अरण्य – जंगल, वन, कानन, विपिन ।

अश्व – घोड़ा, वाजि, हय, घोटक, तुरग ।

अंकुर – अँखुआ, कोंपल, कल्ला, नवोद्भिद् ।

अंचल – पल्ला, पल्लू, आँचल ।

अंत – समाप्ति, अवसान, इति, उपसंहार ।

अंत – फल, अंजाम. परिणाम. नतीजा ।

अचल – पर्वत, पहाड़, गिरि, शैल, स्थावर ।

अचला – पृथ्वी, धरती, धरा, भू, इला, अवनी ।

अतिथी –   अभ्यागत, मेहमान, पाहुना ।

अधर- ओंठ, ओष्ठ, लब, रद-पट, होंठ ।

अनंग-कामदेव, मदन, मनोज, मयन, मन्मथ ।

अनल-देखिए ‘अग्नि’ ।

अनाज-अन्न, धान्य, शस्य ।

अनिल–हवा, वायु, पवन, समीर, वात, मरुत् ।

अनुकम्पा-कृपा, मेहरबानी, दया ।

अन्वेषण-अनुसन्धान, खोज, शोध, जाँच।

अपना-निज, निजी, व्यक्तिगत ।

अपर्णा -पार्वती, शिवा, उमा, भवानी, भैरवी ।

अपमान-तिरस्कार, अनादर, निरादर ।

अप्सरा-देवांगना, सुरबाला, सुरनारी, सुरकन्या, देवबाला, देवकन्या ।

अबला-नारी, गृहिणी, महिला, औरत, स्त्री ।

अभय-निर्भय, निर्भीक, निडर, साहसी ।

अभिप्राय-तात्पर्य, आशय, मंतव्य ।

अभिमान-गर्व, गौरव, नाज ।

अभिलाषा–इच्छा, कामना, मनोरथ, आकांक्षा ।

अमर-अक्षय, अनश्वर, अविनाशी, मृत्युंजय ।

अर्चना-प्रार्थना, आराधना, स्तुति, पूजा ।

अर्जुन–पार्थ, धनञ्जय, भारत, कौन्तेय ।

अवनी-देखिए ‘अचला’ ।

अवस्था-उम्र, वय, आयु ।

अश्रु-आँसू, नेत्राम्बु, चक्षुजल, नेत्रजल ।

अहि-सर्प, नाग, भुजंग, साँप, तक्षक ।

(आ)

आँख-नयन, नेत्र, लोचन, चक्षु, दृग ।

आम-आम्र, रसाल, चूत, सहकार, अमृतफल ।

आग-देखिए ‘अग्नि’ ।

आकाश-व्योम, गगन, अम्बर, नभ, आसमान, अनन्ता ।

आनन्द-्मोद, प्रमोद, आमोद, हर्ष, आह्लाद, उल्लास ।

आकांक्षा-देखिए ‘अभिलाषा’ ।

आँधी-तूफान, अंधड़, बवंडर ।

आँसू-देखिए ‘अश्रु’ ।

आखेट-मृगया, शिकार ।

आज्ञा-अनुमति, हुक्म, आदेश, कहना ।

आत्मज-बेटा, पुत्र, सुत, तनुज ।

आत्मा–सह, अंतर, अंतरात्मा, अभ्यंतर ।

आदमीकृमनुष्य, मानव, मनुज, मानुष, इन्सान ।

आदित्य-दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, रवि, सूर्य, दिनेश, भानु ।

आधुनिक-नूतन, नवीन, नया, नवल ।

आभा-चमक, कांति, दीप्ति, प्रकाश ।

आराम-विश्राम, विश्रांति, चैन, राहत ।

आर्त-दुखी, उद्वितन, खिन्न, क्षुब्ध, कातर, संतप्त, पीड़ित ।

आर्यावर्त्त-भारत, हिन्द, हिन्दुस्तान, इंडिया ।

आस्थाकृआदर, महत्व, मानं, कद्र ।

आहार-भोजन, खुराक, खाना ।

(इ–ई)

इंदिरा-कमला, रमा, लक्ष्मी, श्री, विष्णुप्रिया ।

इंदीवर-पंकज, जलज, नीरज, कमल, राजीव, उत्पल ।

इंदु-चाँद, राकेश, चन्द्रमा, सुधाकर, चन्द्र, निशाकर, हिमांशु, सुधांशु, राकापति, विधु, शशि, तारापति, मृगांक ।

इच्छा–देखिए ‘अभिलाषा’ ।

इन्द्र-देवराज, सुरपति, महेन्द्र, मेघराज, पुरन्दर, मघवा, शचीपति, जिष्णु ।

इन्द्राणी-शची, पुलोमजा, इन्द्रवधू, इन्द्रप्रिया ।

इत्यादि-आदि, वगैरह, प्रभृति ।

ईर्ष्या-डाह, जलन, मत्सर, कुढ़न ।

ईश-ईश्वर, प्रभु, परमात्मा, भगवान्, परमपिता, परमेश्वर ।

ईश्वर-देखिए ‘ईश’।

ईहा-इच्छा, आकांक्षा, एषणा, ईप्सा, चाह, कामना, स्पृहा, वांछा ।

(उ–ऊ)

उजाला-प्रकाश, ज्योति, प्रभा, आभा, रोशनी ।

उत्पल-देखें, ‘इन्दीवर’ ।

उत्पत्ति-जन्म, पैदाइश, उद्भव ।

उत्सव-पर्व, आयोजन, समारोह, त्यौहार ।

उत्साह-हौसला, उमंग, जोश ।

उदधि-सागर, समुद्र, सिन्यु, जलधि, पयोधि, नदीश ।

उद्यान-उपवन, बाग, बगीचा ।

ऊँचा-उच्च, उत्तुंग, शीर्षस्थ, उन्नत ।

(ऋ-ए-ऐ-ओ-औ)

ऋषि- मनीषी, मुनि, साधु, महात्मा ।

एषणा-देखें- ‘इच्छा’ ।

ऐश्वर्य-वैभव, संपन्नता, समृद्धि ।

ओंठ-देखें ‘अधर’ ।

औरत-स्त्री, वामा, महिला, वनिता, रमणी, अंगना ।

(क)

कमल-पद्म, अरविन्द, सरोज, जलज, कंज, सरसिज, उत्पल, वारिज, नलिन ।

कामदेव-देखें ‘अनंग’ ।

किरण-अंशु, कट, रश्मि, मयूख, मरीचि ।

कुबेर-धनद, धनाधिप, यक्षराज, किनरेश ।

कच-देखें ‘कमल’।

कंचन-स्वर्ण, कनक, हेम, सोना, हिरण्य ।

कच-कुंतल, बाल, अलक, गेसू, केश ।

कनक-देखें ‘कंचन’।

कपड़ा-पट, वस्त्र, वसन, अम्बर ।

कपाल-भाल, शीश, मस्तक, सिर।

कमला-देखें ‘इन्दिरा’।

कलाधर देखें ‘इन्दु’।

कवि-रचनाकार, रचयिता, शायर ।

कामना-देखें ‘ईहा’।

काया–देह, शरीर, गात्र, गात, तन।

काला-श्याम, कृष्ण, असित, श्यामल ।

किताब-पुस्तक, ग्रन्थ, पोथी।

किनारा-पुलिन, तट, कूल, तीर, कगार ।

कुच-स्तन, उरोज, उरसिज, चूचुक ।

कुलटा-व्यभिचारिणी, पुँश्चली, स्वैरिणी, छिनाल ।

कुसुम-फूल, पुष्प, सुमन, प्रसून ।

कृष्ण-गोपाल, गोविन्द, माधव, मुरलीधर, मोहन, मुरारि, मधुसूदन, श्याम ।

कोकिल-कोकिला, पिक, श्यामा, कोयल ।

कोप-क्रोध, अमर्ष, रोष ।

कोयल-देखें ‘कोकिल’ ।

कोष–खजाना, निधि, भंडार ।

क्रोध-कोप, रोष, प्रकोप, अमर्ष ।

क्षपा-रात्रि, रात, निशा, यामिनी, रजनी, विभावरी ।

क्षिति-पृथ्वी, मही, धरा, धरणी, धरती, भू, भूमि ।

क्षीर-दूध, पय, गोरस ।

(ख)

खंजन-सारंग, नीलकंठ, कलकंठ, खड़रिच ।

खग-पक्षी, पंछी, चिड़िया, विहंग, नभचर ।

खोज-अन्वेषण, शोध, आविष्कार, अनुसंधान ।

ख्याति-प्रसिद्धि, यश, नाम ।

(ग)

गंगा-भागीरथी, देवनदी, जाह्नवी, सुरसरिता, अलकनन्दा, देवापगा।

गगन-देखें श्आकाशश् ।

गज-हाथी, नाग, कुञ्जर, मातंग, द्विप, हस्ती, करी ।

गणेश-गजानन, गणपति, लंबोदर, विनायक, गजवदन, गणाधिप ।

गदहा-खर, गर्दभ, वैशाखनन्दन, धूसर, रासभ ।

गेहकृघर, निकेतन, भवन, सदन, आलय, गृह, धाम, मन्दिर ।

गरुड़-पक्षिराज, विष्णुवाहन, भुजंगभोजी, पनगारि ।

गाँव-ग्राम, देहात, मौजा, बस्ती ।

गाय-गौ, धेनु, सुरभि, कल्याणी ।

गोधूलिकृ सन्ध्या, सायं, शाम, दिवसावसान, दिनांत ।

(घ)

घड़ाकृघट, कलश, गगरा, कलसा ।

घन-बादल, वारिद, मेघ, वारिधर, जलघर ।

घर-देखें ‘गेह’।

(च)

चतुर-प्रवीण, निपुण, पटु, सयाना, कुशल, योग्य, दक्ष ।

चन्द्र-देखें ‘इन्दु’।

चाँदनी-चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, जुन्हाई ।

चोरकृदस्यु, रजनीचर, खनक, कुंभिल ।

चंदन-मलयज, गंधसार, गंधराज, श्रीखंड ।

चन्द्रमा-देखें ‘इन्दु’ ।

चपला-विद्युत, बिजली, तड़ित, चंचला, दामिनी ।

चरण-पग, पद, पैर, पाँव ।

चश्मा-उपनयन, उपनेत्र, सहनेत्र, ऐनक ।

(छ-ज)

छाती–सीना, उर, वक्षःस्थल, वक्ष ।

छिनाल-देखें ‘कुलटा’।

जंग-लड़ाई, संग्राम, समर, युद्ध, रण ।

जंगल-वन, विपिन, अरण्य, अटवी ।

जग-संसार, जगत, दुनिया, विश्व, भुवन ।

जल-पानी, नीर, उदक, सलिल, अम्बु, तोय, वारि ।

जलद-मेघ, बादल, वारिद, जलधर ।

(ट-ढ)

टेढ़ा-बक्र, बंक, कुटिल ।

ठग-धोखेबाज, वंचक, छली, छद्मी ।

डगर-राह, बाट, मार्ग, रास्ता, पंथ, पथ ।

डर–भय, दहशत, भीति, आतंक, त्रास ।

डाकू-दस्यु, डकैत, राहजन, लुटेर ।

ढंग-विधि, रीति, पद्धति, प्रणाली ।

(त-न)

तट-देखें ‘किनारा’।

तड़ाग-तालाब, सरोवर, सर, ताल, जलाशय ।

तन-काया, देह, शरीर, जिस्म ।

तलवार-कृपाण, खड्ग, असि, खंजर, करवाल, सिरोही ।

तारा-नक्षत्र, सितारा, तारिका, उडु, तारक ।

तारीख-तिथि, दिनांक, मिती ।

तालाब-देखें ‘तड़ाग’ ।

तिमिर-अँधेरा, तम, अंधकार, कालिमा ।

तीर-बाण, शर, शायक, विशिख ।

तोता-शुक, कीर, सुआ, सुग्गा ।

थकान-क्लांति, थकान, श्रांति, थकावट ।

दया-रहम, करुणा, कृपा, अनुकम्पा ।

दरिद्र-गरीब, निर्धन, अकिंचन ।

दर्पण-शीशा, मुकुर, आईना, आरसी ।

दारा-पत्नी, स्त्री, सहचरी, अर्धागिनी, गृहिणी ।

दास-नौकर, सेवक, अनुचर, भृत्य, परिचारक ।

दिन-वासर, दिवस, दिवा ।

दीपक-प्रदीप, दीप, दीया, संदीप ।

दुख-पीड़ा, व्यथा, कष्ट, क्लेश, वेदना, यातना, खेद, विषाद ।

दूध-दुग्ध, पय, क्षीर, गोरस, स्तन्य ।

दुर्गा-चण्डिका, कालिका, काली, शाम्भवी, महागौरी, सिंहवाहिनी ।

दृग-नेत्र, नयन, आँख, चक्षु, लोचन ।

देवता-अमर, सुर, देव, विबुध ।

धनुष-पिनाक, चाप, शरासन, कमान ।

धीर-सहनशील, सहिष्णु, तितिक्षु ।

धूर्त-दुष्ट, खल, शठ, ठग ।

नदी-सरिता, तटिनी, सलिला, स्रोतस्विनी, कल्लोलिनी ।

नभ-देखें ‘आकाश’

नयन-देखें ‘आँख’ ।

नर-पुरुष, मर्द, आदमी ।

नरक-यमपुर, यमलोक, यमालय, यमधाम ।

नाक-नासिका, घ्राणेन्द्रिय, नासा ।

नाटा-ठिगना, बौना, वामन, छोटा आदमी।

नायक-अभिनेता, सितारा, कलाकार, नेता, पात्र ।

नाविक-केवट, खेवट, मल्लाह, माझी ।

निधन-देहान्त, मृत्यु, देहावसान, देहत्याग ।

नियति-प्रारब्ध, अदृष्ट, भवितव्यता, होनी, होनहार ।

नियम-दंग, विधि, विधान, कानून ।

निर्दय-निष्ठुर, क्रूर, निर्मम, नृशंस ।

निर्धन-दरिद्र, गरीब, दीन, अकिंचन ।

निर्बल-शक्तिहीन, कमजोर, अशक्त, दुर्बल, क्षीण ।

निर्मल-अमल, विमल, स्वच्छ, अम्लान, परिष्कृत ।

(प-म)

पंख-पर, डैना, पाँख, पक्ष ।

पक्षी-विहग, विहंग, खग, चिड़िया, पखेरू ।

पति–स्वामी, भर्ता, कांत, वल्लभ ।

पत्थर-पाहन, शिला, प्रस्तर, पाषाण, उपल।

पत्नी-सहचरी, गृहिणी, घरनी, भार्या, बारा, पल्लमा ।

पथिक-बटोही, राही, पंची, बटाऊ, मुसाफिर ।

पर्वत-भूधर, पहाड़, गिरि, अचल, शैल, अद्रि ।

पवन-हवा, अनिल, वायु, समीर, बयार, वात ।

पशु-चैपाया, चतुष्पद, जानवर, मृग ।

पानी-जल, नीर, वारि, अंबु, सलिल, उदक ।

पिशाच-भूत, प्रेत, बैताल ।

पुत्र-बेटा, तनय, लड़का, सुत, आत्मज ।

पुत्री-बेटी, तनया, लड़की, सुता, दुहिता, आत्मजा ।

प्रभात-प्रातः, प्रातःकाल, बिहान, भोर, सबेरा ।

प्रिया-प्रेमिका, सजनी, प्रियतमा, प्रेयसी, दिलरुबा ।

प्रिय-प्रेमी, प्रियतम, साजन, प्यारा, स्नेही ।

प्रासाद-राजमहल, महल, सदन, भवन, हवेली ।

प्रेम-स्नेह, प्रीति, प्यार, अनुराग, ममता ।

फूल-पुष्प, प्रसून, सुमन, कुसुम, गल ।

ब्रह्मा–स्वयंभू, स्रष्टा, प्रजापति, अज, विधाता, विधि, चतुरानन ।

ब्राह्मण-द्विज, विप्र, भूदेव, ज्येष्ठ वर्ण ।

भास्कर-रवि, सूर्य, दिवाकर, दिनकर, दिनेश, भानु ।

मछली-मत्स्य, मीन, सफरी, झख ।

मधुकर-भौरा, अमर, भृग, षट्पद, मधुप, अलि ।

महादेव-शंभु, शिव, शंकर, पशुपति, चन्द्रशेखर, त्रिलोचन, नीलकंठ, गिरीश ।

महेन्द्र-इन्द्र, सुरेश, देवराज, देवेन्द्र ।

मोक्ष-मुक्ति, निर्वाण, परमपद, कैवल्य मोर-मयूर, केहा, शिखी, सर्पभक्षी, शिवसुतवाहन ।

(य-ह)

यम-कीनाश, श्राद्धदेव, धर्मराज, यमराज, सूर्यपुत्र, यमुनाभ्राता ।

यश-कीर्ति, ख्याति, प्रसिद्धि, नाम ।

रजनी-रात, निशि, रात्रि, विभावरी ।

राजा-भूप, नृपति, नरपति, नरेश, नृप ।

राजीव-कमल, पंकज, नीरज, जलज, सरसिज, सरोज ।

रात-देखें ‘रजनी’ ।

रात्रि-देखें ‘रजनी’ ।

रुद्र-महादेव, शंकर, शंभु, कैलासपति, त्रिलोचन, महेश, शिव ।

लक्ष्मी-कमला , रमा, इन्दिरा, श्री।

वर्षा-वृष्टि, वारिस, बरसात, पावस, मेह ।

वसंत-मधुऋतु, मधुमास, ऋतुराज, कामसखा ।

वायु-देखें ‘पवन’।

विधु-देखें ‘इंदु’ ।

विमाता–सौतेली माँ, दुमाता, उपमाता ।

विषकृजहर, गरल, हलाहल, कालकूट ।

विष्णु-गोविन्द, केशव, श्रीपति, जनार्दन, चक्रपाणि, मुकुन्द, नारायण ।

वीरकृयोद्धा, सूरमा, शूर, बहादुर, पराक्रमी ।

वृक्ष-तरु, पेड़, पादप, विटप, द्रुम ।

शंकर-देखें ‘रुद्र’ ।

शत्रु-रिपु, दुश्मन, अरि शराब-सुरा, मद्य, मदिरा, हाला ।

शिखी-देखें ‘मोर’ ।

शिव-देखें ‘रुद्र’।

श्रम-परिश्रम, उद्योग, उद्यम, मेहनत ।

संत-संन्यासी, साधु, फकीर, सज्जन ।

संसार-जरा, जगत, विश्व, घरा, पृथ्वी ।

सखा-मित्र, दोस्त, साथी, इष्ट ।

सदन-घर, निकेतन, गृह, भवन ।

समुद्र-जलधि, सागर, सिन्धु, पयोधि, रत्नाकर, अर्णव, वारिधि ।

सरस्वती-शारदा, वीणापाणि, भारती, ब्राह्मी, वागीशा, महाश्वेता ।

सरोवर-तालाब, सर, तड़ाग, झील ।

सिंह-मृगराज, मृगपति, मृगेन्द्र, व्याघ्र, केसरी, नाहर, शेर ।

सुधा-देखें ‘अमृत’ ।

सुरेन्द्र-देखें ‘इन्द्र’ ।

सूर्य-देखें ‘भास्कर’।

सेवक-अनुचर, दास, भृत्य, नौकर ।

सोना-कनक, सुवर्ण, कंचन, हेम ।

स्त्री-महिला, नारी, औरत, रमणी, कामिनी, वनिता, अंगना ।

स्मर-कामदेव, शिवरिपु, रतिप्रिय, रतिपति, कामचर, मदन ।

स्वर्ग-देवलोक, नाक, घौ, दिव।

हरि-विष्णु, केशव, धनंजय, मुकुन्द, गोविन्द ।

हस्ती-हाथी, गज, गजराज, कुंजर, मतंग ।

हिरन-कुरंग, मृग, सारंग, सुरभी ।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

17 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

17 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now