पर्यायवाची शब्द की परिभाषा क्या है | लिस्ट , डेफिनेशन लिखिए ट्रिक वर्ग पहेली synonyms definition in hindi

synonyms definition in hindi example पर्यायवाची शब्द की परिभाषा क्या है | लिस्ट , डेफिनेशन लिखिए ट्रिक वर्ग पहेली ?

पर्यायवाची शब्द
वे शब्द, जो अर्थ के स्तर पर समान होते हैं, अर्थात् जिनके अर्थ एक समान होते हैं, पर्यायवाची (ैलदवदलउे) कहलाते हैं द्य यथाकृनेत्र, चक्षु, लोचन, दृग, नयन, आदि शब्दों का एक ही अर्थ आँख (नेत्र) है। अतः ये सभी पर्यायवाची शब्द हैं।
 पर्यायवाची शब्द मोटे तौर पर ही समानार्थी होते हैं । वस्तुतः उनमें सूक्ष्म अन्तर (अर्थगत अन्तर) होता है, यथा-राजीव, इन्दीवर, पुण्डरीक तीनों कमल हैं, परन्तु राजीव लाल रंग का, इन्दीवर नीले रंग का और पुण्डरीक श्वेत रंग वाला कमल होता है। अतः इनमें रंग का अन्तर है वैसे हैं तीनों कमल ही। इसी प्रकार जल में जो पवित्रता, शुद्धता है वह पानी में नहीं है। इसी कारण पूजा में जल चाहिए, किन्तु खेत की सिंचाई पानी से होती है। स्पष्ट है कि जल, पानी में सूक्ष्म अर्थगत अन्तर है।
प्रमुख पर्यायवाची शब्दों की सूची प्रस्तुत है-
अभिलाषा इच्छा, कामना, मनोरथ, चाह, लालसा।
आनन्द मोद, प्रसन्नता, हर्ष, आह्लाद, प्रमोद।
अग्नि अनल, पावक, वह्नि, हुताशन, कृशानु, वैश्वानर।
असुर दनुज, राक्षस, निशाचर, दैत्य, दानव, रजनीचर।
अर्जुन धनञ्जय, पार्थ, भारत, कौन्तेय, गाण्डीवधारी, सव्यसाची,
गुडाकेश।
अरण्य वन, जंगल, कान्तार, कानन, विपिन।
अक्षि आँख, नेत्र, लोचन, नयन, चक्षु, विलोचन।
अश्व घोड़ा, घोटक, सैंधव, हय, बाजि, तुरंग।
अनाज शस्य, धान्य, गल्ला, खाद्यान्न, अन्न ।
अमृत पीयूष, सुधा, सोम, सुरभोग, अमिय ।
अतिथि पाहुन, अभ्यागत, आगन्तुक, मेहमान ।
अलंकार आभूषण, आभरण, भूषण, जेवर, गहना ।
अहंकार मद, गर्व, दर्प, दम्भ, घमण्ड, गुमान, अभिमान ।
आम आम्र, रसाल, पिकबल्लभ, अतिसौरभ, अमृतफल, पिकबन्धु ।
आकाश नभ, गगन, अम्बर, व्योम, अनन्त, शून्य, आसमान, तारापथ।
आँख नेत्र, चक्षु, लोचन, दृग, नयन ।
आश्चर्य अचरज, अचंभा, कौतूहल, कुतूहल ।
आकर्षक सुन्दर, मनोहर, भव्य, मोहक, मनोहारी ।
इन्द्र सुरेश, सुरपति, सुरेन्द्र, शचीपति, देवेन्द्र, देवराज, वासव,
पुरन्दर।
इच्छा कामना, आकांक्षा, मनोरथ, स्पृहा, वांछा, अभिलाषा ।
इच्छुक उत्सुक, आतुर, लालायित, अभिलाषी, उत्कंठित ।
ईर्ष्या मत्सर, द्वेष, डाह, कुढ़न, जलन ।
इन्द्रधनुष सुरचाप, सुरधनु, इन्द्रचाप, सप्तवर्ण ।
ईश्वर ईश, प्रभु, परमात्मा, जगन्नाथ, जगदीश, ब्रह्मा, विभु ।
उन्नति प्रगति, उत्कर्ष, उत्थान, उन्नयन, अभ्युदय, विकास । उपवन बाग, बगीचा, उद्यान, आराम, वाटिका।
उत्तम श्रेष्ठ, उत्कृष्ट, अच्छा, प्रवर, प्रकृष्ट।
उत्साह उमंग, स्फूर्ति, हौसला, उछाह ।
उपाय युक्ति, जुगति, ढंग, तरीका, तरकीब ।
उद्दण्ड दुष्ट, दुर्विनीत, क्रूर, असभ्य, दुराचारी।
ऊँट उष्ट्र, क्रमेलक, लम्बोष्ठ, महाग्रीव ।
ऐश्वर्य वैभव, विभूति, समृद्धि, सम्पन्नता।
एकत्र संचित, समवेत, समेकित, पुंजीभूत, संकलित, इकट्ठा ।
कबूतर कपोत, पारावत, रक्तलोचन, हारीत, परेवा ।
कमल राजीव, जलज, पंकज, नीरज, इन्दीवर, पुण्डरीक, सरोज, नलिन, तामरस, कञ्ज, शतदल, अरविन्द, अम्बुज, सरसिज।
कामदेव मनोज, रतिनाथ, रतिपति, काम, मन्मथ, मार, अनंग, मदन, कन्दर्प, मीनकेतु ।
केला कदली, भानुफल, रंभा, मोचा, कुंजरासना।
कोयल पिक, कोकिल, श्यामा, वसंतदूती, कोकिला, पाली।
कृष्ण श्याम, मोहन, गोविंद, राधावल्लभ, गोपीनाथ, यशोदानन्दन, माधव, कंसारि, वंशीधर, मुरलीधर, मधुसूदन, गिरिधर, गोपाल, वासुदेव, मुकुन्द, दामोदर ।
कौआ काग, काक, करटक, करट, पिशुन, वायस ।
कपट छल, छद्म, प्रवंचना, धोखा, दगा, फरेब ।
किनारा तट, तीर, कूल, पुलिन, छोर।
कृतज्ञ अहसानमंद, कृतार्थ, उपकृत, आभारी, अनुग्रहीत ।
कोष खजाना, आकर, भण्डार, निधि ।
क्रूर निर्दय, निर्मम, निष्ठुर, नृशंस, बर्बर।
खल नीच, दुष्ट, पामर, दुर्जन, कुटिल, धूर्त ।
खिड़की वातायन, गवाक्ष, झरोखा, बारी, दरीचा।
गणेश विनायक, एकदन्त, गौरीसुत, लम्बोदर, गजपति, गजानन, विघ्नहर्ता, गजवदन, मोदकप्रिय, पार्वतीनन्दन, भवानी-नन्दन ।
गधा गर्दभ, गदहा, वैशाखनन्दन, खर, धूसर ।
गंगा भागीरथी, मन्दाकिनी, विष्णुपदी, देवापगा, देवनदी, सुरसरिता, सुरसरि, जाह्नवी ।
गृह घर, सदन, निलय, आवास, भवन, आलय, धाम, मन्दिर, आगार, आयतन।
गर्व अहं, अहंकार, दर्प, दंभ, अभिमान, घमण्ड। गाय धेनु, गौ, सुरभी, गैया, पयस्विनी, गो।
गरीब दीन, अकिंचन, निर्धन, दरिद्र, कंगाल ।
चन्द्रमा राकेश, राकापति, मयंक, सोम, शशि, इन्दु, मृगांक, हिमकर, कलानिधि, सुधाकर, सुधांशु, निशाकर, हिमांशु, शशांक ।
चोर दस्यु, तस्कर, रजनीचर, खनिक, साहसिक।
चांदनी चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, उजियारी, उजेरी, चंदनियाँ
चंदन मलय, गंधराज, श्रीखण्ड, गंधसार।
चतुर पटु, दक्ष, कुशल, विज्ञ, नागर, निपुण।
चरण पैर, याद, पद, पग, पाँव ।
चांदी रजत, रूपा, रौप्या, कलधौत, जातरूप ।
जगत् संसार, जग, दुनिया, विश्व, भव, जगती।
जीभ जिह्वा, रसना, रसिका, रसला, रसज्ञा, जवान ।
जमुना यमुना, कालिन्दी, रविजा, तरणितनूजा, अर्कजा, रविसुता, यमी, कृष्णा।
जल पानी, नीर, तोय, अम्बु, वारि, सलिल, जीवन, उदक, पय, अमृत।
जड़ निश्चेष्ट, निर्जीव, गतिहीन, निष्क्रिय, स्थावर ।
तालाब सर, सरोवर, तड़ाग, जलाशय, पुष्कर, हृद।
दास सेवक, भृत्य, किंकर, नौकर, परिचारक, अनुचर।
द्रोपदी दुग्ध, पय, क्षीर, अमृत, स्तन्य, गोरस ।
दुर्गा कृष्णा, पांचाली, याज्ञसेनी, सैरंध्री, दुपदसुता।
शांभवी, सिंहवाहिनी, शक्ति, कल्याणी, सुभद्रा, महागौरी, चण्डिका, महिषासुर मर्दिनी ।
धनुष धनु, चाप, शरासन, कमान, पिनाक, कोदण्ड ।
नदी सरिता, तटिनी, आपगा, निम्नगा, तरंगिणी।
नारी स्त्री, औरत, महिला, अबला, वनिता, कामिनी, रमणी।
निशा रात्रि, रात, यामिनी, विभावरी, निशि, शर्वरी, क्षणदा, रैन।
पत्नी भार्या, गृहिणी, दारा, वामा, जाया, परिणीता, बल्लभा, कुलांगना, अर्धांगिनी।
पृथ्वी भू, भूमि, उर्वि, इला, धरती, धरित्री, मेदिनी, अचला, वसुधा, वसुंधरा।
पति बल्लभ, भर्ता, स्वामी, नाथ, सैंया, साजन, प्राणनाथ।
पण्डित मनीषी, विद्वान्, प्राज्ञ, सुधी, विचक्षण।
पुत्री सुता, बेटी, तनया, आत्मजा, तनुजा, नंदिनी, दुहिता।
पुत्र सुत, बेटा, तनय, आत्मज, नन्दन, अपत्य, पूत।
पत्थर पाषाण, शिला, प्रस्तर, उपल, अश्म।
पार्वती उमा, गौरी, शिवप्रिया, शैलजा, स्कंदमाता, अपर्णा, अन्नपूर्णा ।
पक्षी खग, विहग, द्विज, पखेरू, नभचर, शकुंत, चिड़िया।
पुष्प कुसुम, सुमन, फूल, प्रसून, पुहुप।
प्रकाश ज्योति, प्रभा, कान्ति, द्युति, उजाला ।
ब्रह्मा विधि, विधाता, स्वयम्भू, चतुरानन, चतुर्मुख, कमलासन, पितामह।
ब्राह्मण द्विज, भूसुर, भूदेव, विप्र, पण्डित ।
बादल मेघ, जलधर, जलद, वारिद, अम्बुद, पयोधर, वारिधर, तोयद।
बन्दर कपि, वानर, मर्कट, हरि, शाखामृग ।
बाण नाराच, शर, विशिख, तीर, शिलीमुख ।
बलराम हलधर, श्यामवीर, रेवतीरमण, हलायुध, बलदाऊ, बलभद्र।
बिजली चपला, चंचला, सौदामिनी, तड़ित, दामिनी, विद्युत, क्षणप्रभा ।
बसंत माधव, मधुमास, ऋतुराज, कुसुमाकर, पिकमित्र।
भ्रमर भौंरा, अलि, षटपद, भँवरा, भृग, मधुप, मधुकर।
भय डर, त्रास, आतंक, भीति ।
महेश शिव, शंकर, महेश, चन्द्रशेखर, भूतनाथ, चन्द्रमौलि, रुद्र, भोले, त्रिनेत्र, त्रिलोचन, कामारि, आशुतोष, पशुपति, शम्भु।
मयूर मोर, नीलकण्ठ, शिखी, शिवसुतवाहन, कलापी, केकी।
मदिरा शराब, वारुणी, कादम्ब, मधु, हाला, मद्य, दारू।
मुर्गा कुक्कुट, ताम्रचूड़, अरुणशिखा, उपाकर, ताम्रशिखा।
मछली मत्स्य, मीन, झष, शफरी, मकर।
मृत्यु निधन, स्वर्गवास, गोलोकवास, देहान्त, मरण, देहावसान, मौत।
मार्ग पथ, रास्ता, पाट, मग, पन्थ ।
मूंगा प्रवाल, विद्रुप, रक्तमणि, रक्तांग, रक्ताभ ।
यमराज यम, कृतांत, रविसुत, धर्मराज, काल, अंतक, जीवितेश, सूर्यपुत्र।
राजा नृप, महीप, महीपति, भूपति, भूप, नरेश, नरेन्द्र, नृपति ।
राम दशरथ नन्दन, कौशल्या नन्दन, राघव, रघुपति, रावणारि, सीतापति, रामचन्द्र, जानकीवल्लभ, जानकीनाथ, सीताकान्त, रघुराज, रघुनन्दन ।
राधा श्यामा, कृष्णप्रिया, राधिका, वृषभानुजा, वृषभानुदुलारी, राधे, ब्रजरानी।
रोगी रुग्ण, अस्वस्थ, व्याधिग्रस्त, रोगिल, बीमार।
रावण दशानन, लंकापति, दशकंध, लंकेश, दशकंधर।
रात्रि निशा, विभावरी, यामिनी, रजनी, शर्वरी, क्षणदा, रैन।
लक्ष्मी रमा, विष्णुप्रिया, चंचला, कमला, पद्मा, कमलासना, इन्दिरा, हरिप्रिया।
लक्ष्मण रामानुज, सुमित्रानंदन, लखन, शेषावतार, सौमित्र, शेष ।
विष्णु अच्युत, चक्रपाणि, शेषशायी, चतुर्भुज, मधुरिपु, हरि, उपेन्द्र, नारायण, मुकुन्द, जनार्दन।
वृक्ष तरु, विटप, पेड़, पादप, द्रुम, रूख ।
विष हलाहल, कालकूट, गरल, जहर।
वन जंगल, अरण्य, अटवी, विपिन, कांतार, कानन ।
विवाह परिणय, ब्याह, पाणिग्रहण ।
शिकारी आखेटक, अहेरी, ब्याध, लुब्धक, बहेलिया।
शिव भोले, रुद्र, हर, चन्द्रशेखर, त्रिनेत्र, चन्द्रमौलि, शंकर, महेश।
शुभ्र शुक्ल, सफेद, श्वेत, धवल, अवदात ।
शिष्ट सभ्य, सुसंस्कृत, सुशील विनीत ।
सुगन्ध सुरभि, सौरभ, सुवास, खुशबू ।
सागर समुद्र, रत्नाकर, नदीश, वारिधि, उदधि, जलनिधि, पारावार, सिन्धु ।
सर्प नाग, भुजंग, पन्नग, उरग, व्याल, विषधर, अहि, फणी, फणधर।
सरस्वती शारदा, वाणी, वाग्देवी, वागीश, गिरा, महाश्वेता, हंसवाहिनी, भारती।
सूर्य रवि, अर्क, भानु, दिनेश, दिनमणि, दिवाकर, प्रभाकर, सविता, आदित्य, पूषा।
सिंह शेर, व्याघ्र, शार्दूल, केहरी, केशरी, मृगेन्द्र, मृगपति, पंचमुख, मृगराज।
सोना स्वर्ण, कांचन, कंचन, कनक, हेम, सुवर्ण, जातरूप, हाहटक।
सुन्दर रुचिर, चारु, मनोज्ञ, रम्य, रमणीक, ललित, मनभावन, मंजुल, कलित।
स्तन उरोज, पयोधर, कुच, वक्षोज ।
सेवक दास, नौकर, परिचारक, भृत्य, किंकर, अनुचर।
समूह गण, समुदाय, वृन्द, संघ, कुंज, दल।
हिमाल नगराज, गिरिवर, गिरीश, गिरेन्द्र, पर्वतराज,य हिमाद्रि, हिमगिरि, हिमवान।
हाथी हस्ती, कुञ्जर, सिंधुर, नाग, करि, द्विरद, गयंद, गज,
मतंग।
हिरन हरिण, कुरंग, सारंग, मृग, सुरभी।
हनुमान पवनसुत, मारुति, पवन पुत्र, वजांग, बजरंगी, महावीर,
आञ्जनेय, पवन तनय, रामदूत, अञ्जनि पुत्र, पवनसुत
हंस मराल, चक्रांग, कलहंस, मानसीक।
हितैषी शुभेच्छु, मंगलाकांक्षी, शुभचिन्तक, हितचिन्तक,
हितकारी।
विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न
1. ‘असुर‘ का समानार्थी है
(अ) पापी (ब) भूत
(स) राक्षस (द) उद्दण्ड
उत्तर-(स) राक्षस
2. ‘कमल‘ का पर्यायवाची नहीं है
(अ) नीरधि (ब) पंकज
(स) सरोज (द) पुण्डरीक
उत्तर-(अ) नीरधि
ज्ञान- नीरधि = सागर होता है, कमल नहीं। शेष तीनों कमल के
पर्यायवाची हैं।
3. ‘अहि‘ का पर्यायवाची नहीं है
(अ) उरग (ब) सरीसृप
(स) पवनाश (द) सिंधुर
उत्तर-(द) सिंधुर
4. सरस्वती का पर्यायवाची नहीं है
(अ) वीणापाणि (ब) महाश्वेता
(स) पद्मा (द) भारती
उत्तर-(स) पद्मा
ज्ञान-शेष तीनों का अर्थ सरस्वती है।
5. ‘सूरज‘ किसका पर्यायवाची है ? राजस्थान टी.ई.टी.
(अ) अंशुमाली (ब) आदित्य
(स) भास्कर (द) इन सभी का
उत्तर-(द) इन सभी का
6. ‘शिव‘ का पर्यायवाची है
(अ) शिवालय (ब) रुद्र
(स) रुद्राक्ष (द) हरि
उत्तर-(ब) रुद्र
7. किस शब्द के पर्यायवाची गलत हैं ? उ.प्र. टी.ई.टी.
(अ) कमल-जलज, पंकज, सरोज
(ब) पुष्प-कुसुम, फूल, सुमन
(स) सरस्वती-गिरा, भारती, वाणी
(द) सूर्य-दिवा, दिन, वासर
उत्तर-(द) सूर्य-दिवा, दिन, वासर
ज्ञान-सूर्य के पर्यायवाची गलत हैं क्योंकि ये सूर्य के पर्यायवाची न होकर ये द्य सभी दिन के पर्यायवाची हैं शेष तीनों के पर्यायचावी सही हैं। सूर्य का पर्यायवाची रवि, भानु, दिनेश, दिवाकर, प्रभाकर, सविता आदि हैं।
8. ‘पत्थर‘ का पर्यायवाची है हरियाणा टी.ई.टी.
(अ) हिमालय (ब) पाषाण
(स) गिरि (द) शैल
उत्तर-(ब) पाषाण
9. कौन-से शब्द का अर्थ बाकी तीन से अलग है?
(अ) उत्सव (ब) पर्व
(स) उत्साह (द) समारोह
उत्तर-(स) उत्साह
ज्ञान-उत्सव, पर्व, समारोह, समानार्थी हैं परन्तु उत्साह = हौसला
10. इनमें से ‘अमृत‘ का पर्यायवाची नहीं है
(अ) सुधा (ब) अमी
(स) पीयूष (द) अम्बुज
उत्तर-(द) अम्बुज
ज्ञान-अम्बुज = कमल शेष तीनों का अर्थ अमृत है।
11. जो शब्द पत्नी का पर्याय न हो उसे इंगित कीजिए-
हरियाणा टी.ई.टी.
(अ) कलत्र (ब) दौहित्र
(स) भार्या (द) जाया
उत्तर-(ब) दौहित्र
ज्ञान-दौहित्र = धेवता (पुत्री का पुत्र)
12. ‘अतिथि‘ का पर्यायवाची है
(अ) आम्र (ब) आगन्तुक
(स) अनल (द) रंभा
उत्तर-(ब) आगन्तुक
13. कौन-सा शब्द ‘अग्नि‘ का पर्यायवाची है ?
हरियाणा टी.ई.टी.
(अ) अनल (ब) अनिल
(स) राजीव (द) प्रस्तर
उत्तर-(अ) अनल
14. कौन-सा शब्द बाकी तीन से अलग है ?
उ.प्र. टी.ई.टी.
(अ) गयंद (ब) करि
(स) भानुफल (द) गज
उत्तर-(स) भानुफल
ज्ञान-भानुफल = केलाय जबकि बाकी तीनों हाथी के पर्यायवाची हैं।
15. इनमें से कौन-सा शब्द ‘हनुमान‘ का वाचक है ?
(अ) बजरंगी (ब) पवनसुत
(स) मारुति (द) ये सभी
उत्तर-(द) ये सभी