सतत कृषि पद्धति क्या है ? sustainable agriculture in hindi meaning defintion आई पी एम मंच किसे कहते है

sustainable agriculture in hindi meaning defintion सतत कृषि पद्धति क्या है ? आई पी एम मंच किसे कहते है ?

सतत् कृषि (Sustainable agriculture) और आई पी एम
सतत् कृषि, कृषि की वह प्रणाली है जो अल्पकाल में भी और दीर्घकाल भी पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से व्यवहार्य है, खेत की किन्हीं विशिष्ट रीतियों का समर्थन करने की बजाय सतत् कृषि ऐसा खाद्य उत्पादन तंत्र विकसित करने के लक्ष्य का निरूपण करती है जो :
ऽ भरपूर, उच्च गुणता वाले खाद्य तथा अन्य कृषि उत्पाद पैदा करे,
ऽ प्राकृतिक संसाधनों (जैसे मृदा, जल, वन्य प्राणी, जीवाश्मी ईंधन या जर्मप्लाज्म बेस) का हास अथवा क्षति न करे,
ऽ पर्यावरण के स्वास्थ्य को आगे बढ़ाये,
ऽ खेतों के व्यापक आधार तथा विविधता को और ग्रामीण समुदायों के स्वास्थ्य को समर्थन दें,
ऽ सूर्य द्वारा और प्राकृतिक जैव प्रक्रियाओं द्वारा प्राप्त ऊर्जा पर उर्वरता तथा पीड़क प्रबंधन के लिए निर्भर करे, और
ऽ अनंत काल तक चलता रह सके।

आई पी एम का और सतत् कृषि का एक ही लक्ष्य है- ऐसी कृषि प्रणालियों का विकास जो पारिस्थितिक तथा आर्थिक दृष्टि से ठोस हों। आई पी एम को किसी सतत् कृषि प्रणाली का मूल घटक माना जा सकता है।

आई पी एम और सतत् कृषि की एक सांझी मान्यता यह है कि कृषिपारिस्थितिक तंत्र स्वस्थ्य मृदाओं और नियंत्रित विविधता पर निर्भर करता है। आधुनिक कृषि के विशाल मोनोकल्चरों के एक तंत्र में विकसित हो जाने का एक कारण नियंत्रित किये जाने वाले घटकों की संख्या को कम करना है। लेकिन कम जातियों वाला तंत्र, बहुत कम टांगों वाली मेज की तरह ही, अस्थिर होता है।

 आई पी एम मंच (Forum)- विकासशील देशों में सतत् कृषि को प्रोत्साहित करने वाला समुदाय
आई पी एम मंच (Forum) रुचि रखने वाले व्यक्तियों तथा संगठनों का एक संबंधन है जिनका उद्देश्य विकासशील देशों में आई पी एम के व्यापक कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करना है, ताकि पीड़कों तथा रोगों के कारण होने वाली हानि को कम किया जा सके और साथ ही पर्यावरण के स्वास्थ्य तथा मानव कल्याण को सुरक्षित रखा जा सके।

आई पी एम मंच के विशिष्ट उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं –
पद्ध उन मूल संगठनों तथा हित समुदायों को एक साथ लाना, जो आई पी एम के कार्यान्वयन को प्रभावित करते हैं ताकि उनके बीच संचार एवं सहयोग में सुधार किया जा सके और इस प्रकार कार्यान्वयन की बाधाओं को पार करने के लिए अपेक्षित प्रादेशिक, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संरचनाओं को समर्थन दिया जा सके,
पपद्ध सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक मंच उपलब्ध कराना और आई पी एम-संबंधी सूचना का बेहतर संचार प्राप्त करने के लिए प्रचार सामग्री तैयार करना,
पपपद्ध उन संरचनाओं के निर्माण में मदद करना, जो कृषि संसाधन प्रयोग के भूमंडलीकरण समाकलन को बढ़ावा दें,
पअद्ध आई पी एम के कार्यान्वयन के लिए विकासशील देशों और एजेंसियों की क्षमता में वृद्धि करना,
अद्ध सीमित संसाधनों के कुशल प्रयोग को प्रोत्साहित करना, और
अपद्ध आई पी एम की अवधारणा में जागरूकता और रुचि। ।
आई पी एम मंच का उद्देश्य है कि फार्म स्तर पर सतत् कृषि विकास के एक घटक के रूप में उपयुक्त समाकलित पीड़क प्रबंधन (प्च्ड) दृष्टिकोणों तथा तकनीकों को प्रोत्साहित और कार्यान्वित करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की क्षमता को बढ़ाकर विकासशील देशों में गरीब किसानों की मदद की जाए। ऐसा करने के लिए यह एक मंच उपलब्ध कराता है जिसमें विभिन्न आई पी एम हित अंतः क्रिया कर सकते हैं और चुने हुए लक्षित देशों में समर्थन उपक्रम विकसित करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों की मदद कर सकते हैं, जोरू
ऽ सतत् कृषि विकास के लिए आई पी एम में गैर-सरकारी संगठनों की जागरूकता तथा हित को बढ़ाएंगे,
ऽ आई पी एम को प्रोत्साहित तथा कार्यान्वित करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों की क्षमता बढ़ाएंगे,
ऽ लक्षित देशों में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों के बीच और गैर-सरकारी संगठनों तथा अन्य आई पी एम संस्थाओं के बीच सहयोग, पारस्परिक समर्थन और आई पी एम पर सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे तथा बनाये रखेंगे,
ऽ विदेशी आई पी एम संसाधनों तथा समर्थन तक (उदाहरणतः प्रशिक्षण, सूचना, अनुसंधान व तकनीक समर्थन) गैर-सरकारी संगठनों की पहुंच में सुधार करेंगे और ये संसाधन उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं की कार्यसूचियों में गैर-सरकारी संगठनों के योगदान को सुदृढ़ करेंगे,
ऽ एक सतत् संस्थागत ढांचा स्थापित करेंगे जिसके माध्यम से गैर-सरकारी संगठन अपनी आई पी एम क्षमता में सुधार जारी रख सकें, जागरूकता बढ़ा सकें, नेटवर्क बना सकें, बाह्य संसाधनों तक पहुंच सकें और आई पी एम मंच समर्थन पूरा हो जाने के बाद नीति आदि को प्रभावित कर सकें।

आई पी एम मंच श्आई पी एम इन्फर्मेशन पार्टनरशिपश् का सदस्य है जो अंतर्राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक अलाभ संगठनों की एक उभरती हुई भागीदारी है। सतत् विकास में आई पी एम के प्रयोग में उनकी विशिष्ट रुचि है और उनका उद्देश्य है इंटरनेट पर सूचना के प्रकाशन के प्रति एक सांझा समाकलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाए।

बोध प्रश्न 6
i) आई पी एम फोरम के विशिष्ट उद्देश्य क्या हैं?

सारांश
ऽ आई पी एम भावी पीड़क प्रबंधन का तरीका है। अतरू, पादप संरक्षण विस्तार कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और किसानों के प्रशिक्षण द्वारा भी मानव संसाधनों के सृजन की गति पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है।
ऽ प्रतिरोधी कृषिज उपजातियों, प्राकृतिक शत्रुओं और वरणात्मक पीड़कों के समाकलन द्वारा कीट पीड़कों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
ऽ कृषि व्यापार की रक्षा के लिए विदेशी पीड़कों के प्रति संगरोध सुरक्षा हेतु तंत्र दृष्टिकोण पर जोर दिया जाए।
ऽ पीड़क प्रबंधन कार्यक्रम किसानध्जनता की भागीदारी पर आधारित होने चाहिएं।
ऽ पीड़क समस्याओं के शीघ्र एवं कुशल समाधानों के लिए पादप स्वास्थ्य क्लिनिक स्थापित करने और उन्हें लोकप्रिय बनाने की जरूरत है।
ऽ पीड़क मॉडलिंग तथा सुदूर संवेदन और सूचना प्रौद्योगिकी में प्रगति से पीड़क प्रबंधन के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन आएगा।
ऽ आई पी एम में महिलाओं, स्वैच्छिक संगठनों तथा गैर-सरकारी संगठनों को शामिल करने से समाज में वस्तुतरू क्रान्ति आ जाएगी।
ऽ नियंत्रण विधियों के प्रयोग, खरपतवार आई पी एम और आई पी एम प्रमाणन पर जोर दिया जाएगा।
ऽ आई पी एम और सतत् कृषि का एक सांझा लक्ष्य है- पारिस्थितिक तथा आर्थिक दृष्टि से ठोस कृषि प्रणाली का विकास।

 अंत में कुछ प्रश्न
प) आई पी एम में साकल्यवादी दृष्टिकोण का क्या अर्थ है?
पप) पादप स्वास्थ्य निदानिकाओं की आधारभूत संकल्पना क्या है?
पपप) आई पी एम की भावी कार्यनीतियों की चर्चा करें।
पअ) आई पी एम और सतत् कृषि में क्या समानताएं हैं?