मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड की परिभाषा क्या है , SHE का चित्र , स्टैण्डर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड (standard hydrogen electrode in hindi)

(standard hydrogen electrode in hindi) मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड की परिभाषा क्या है , SHE का चित्र , स्टैण्डर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड : जैसा कि हम जानते है कि किसी एक सिंगल इलेक्ट्रोड का विभव का मान ज्ञात नही किया जा सकता है , लेकिन इलेक्ट्रोडो के विभव का अंतर आसानी से ज्ञात किया जा सकता है लेकिन इससे हमें दोनों इलेक्ट्रोड के विभव का अंतर या विभवान्तर प्राप्त होता है जिसे सेल का विद्युत वाहक बल या सेल विभव कहा जाता है।
यदि हमें किसी एक सिंगल इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात करना हो तो कैसे करेंगे ?
किसी भी एक सिंगल इलेक्ट्रोड के विभव का मान ज्ञात करने के लिए हमें एक सन्दर्भ इलेक्ट्रोड की आवश्यकता होती है जिसका विभव हम या तो मान सके या ज्ञात हो , यदि ऐसा सन्दर्भ इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाए तो किसी अज्ञात इलेक्ट्रोड के विभव के मान की गणना की जा सकती है।
सन्दर्भ इलेक्ट्रोड : एक ऐसा इलेक्ट्रोड जिसके विभव का मान हमें ज्ञात हो या हम हमारी स्वेच्छा से कुछ भी मान सके , जबकि ताप को नियत रखा जाए तो ऐसे इलेक्ट्रोड को सन्दर्भ इलेक्ट्रोड कहते है।
सन्दर्भ इलेक्ट्रोड के उदाहरण : मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड तथा कैलौमेल इलेक्ट्रोड आदि।
इन दोनों में से मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड (SHE) का उपयोग बहुतयात से किया जाता है।

मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड (standard hydrogen electrode) (SHE)

यह एक प्रकार का सन्दर्भ इलेक्ट्रोड है जिसका विभव का मान निश्चित ताप पर ज्ञात होता है तथा इस इलेक्ट्रोड की सहायता से सेल के किसी भी सिंगल इलेक्ट्रोड के विभव के मान की गणना की जा सकती है।
संरचना चित्र : इसमें एक कांच की जैकेट होती है जिसमें ऊपर की तरफ एक बारीक इनलेट के रूप में छिद्र होता है तथा इस कांच की जैकेट का निचला सिरा खुला रहता है या आउटलेट के लिए बड़ा भाग होता है।
इस कांच के जैकेट में एक काँच की पतली नली होती है जो दोनों तरफ से बंद होती है , इस कांच की पतली नली में प्लेटिनम तार सिल रहता है या बंद रहता है। इस कांच की पतली नली के एक सिरे पर प्लेटिनम की पत्ती लगी रहती है जो सील रहती है , इस प्लेटिनम की पत्ती पर सूक्ष्म विभाजित प्लेटिनम का लेप लगा हुआ रहता है।
इस कांच की नली के निचले हिस्से पर मर्करी लगी होती जो विद्युत सुचालक संपर्क के लिए लगायी जाती है।
इस कांच के जैकेट को कांच की नली के साथ HCl के 1M सांद्रता वाले विलयन में डुबोया जाता है।
ताप को 298 केल्विन रखकर तथा दाब को 1 bar रखकर , इस पात्र में हाइड्रोजन गैस को प्रवाहित किया जाता है। प्लेटिनम प्लेट द्वारा हाइड्रोजन गैस को अवशोषित कर लिया जाता है इसलिए यह  हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड की तरह कार्य करता है।
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण या अपचयन की क्रिया प्लेटिनम पर्णिका पर होता है इसलिए मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड , एनोड तथा कैथोड , दोनों की तरह कार्य कर सकता है।
जब मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड एनोड की तरह कार्य करता है तब प्लेटिनम द्वारा इलेक्ट्रॉन त्यागे जाते है तथा ये इलेक्ट्रॉन प्लेटिनम के तार द्वारा दूसरे इलेक्ट्रोड पर स्थानांतरित हो जाते है इसलिए धनात्मक विभव उत्पन्न हो जाता है , इस स्थिति में ऑक्सीकरण होता है और अर्द्ध सेल पर निम्न अभिक्रिया संपन्न होती है –
जब मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड कैथोड की तरह कार्य करता है तब इस पर अपचयन होता है और इस स्थिति में अर्द्ध सेल पर निम्न अभिक्रिया सम्पन्न होती है –
298 केल्विन ताप पर मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के विभव का मान बहुत ही कम होता है जिसे लगभग शून्य माना जाता है।
जब किसी अज्ञात इलेक्ट्रोड के विभव का मान ज्ञात करना होता है तो उस इलेक्ट्रोड के साथ इसे जोड़ दिया जाता है और दोनों के मध्य विभवान्तर ज्ञात कर लिया जाता है या विभव का मान ज्ञात कर लिया जाता है , चूँकि मनाक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड का विभव शून्य होता है इसलिए प्राप्त विभव का मान उस अज्ञात इलेक्ट्रोड का होता है।
मानक दशाओं में मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड की तुलना में किसी अज्ञात इलेक्ट्रोड के विभव का मान , अज्ञात इलेक्ट्रोड का मानक इलेक्ट्रोड विभव कहलाता है।