स्वरमापी क्या है , संरचना चित्र , व्याख्या , कार्यविधि (sonometer in hindi)

(sonometer in hindi) स्वरमापी क्या है , संरचना चित्र , व्याख्या , कार्यविधि : स्वर माप एक खोखले लकड़ी के बॉक्स से बना होता है , इस खोखले लकड़ी के बॉक्स के ऊपर एक तार तना हुआ रहता है , यह तार एक तरफ बंधा हुआ रहता है और तार का दूसरा सिरा एक चिकनी (घर्षण रहित) घिरनी से होता हुआ लटका रहता है , इस लटके हुए सिरे पर भार लटकाते है ताकि तार में तनाव उत्पन्न हो सके।
भार का मान कम या अधिक कर सकते है , यह निर्भर करता है हमें तार में कितना तनाव उत्पन्न करवाना है।
स्वरमापी या नाद पट का संरचना चित्र निम्न है –

चित्रानुसार तार जिन दो नुकीले सिरों पर टिका रहता है वे बिल्कुल भी कम्पन्न नहीं करते है , जब तार को कम्पन्न कराते है तो ये दोनों नुकीले बिन्दु नोड्स की भाँती व्यवहार करते है , तार में उत्पन्न कम्पन्न की आवृत्ति का मान या तो नुकीले सिरों की स्थिति परिवर्तन करके किया जा सकता है या लटके हुए वजन का मान परिवर्तन करके आवृत्ति का मान परिवर्तित किया सकता है।

 स्वरमापी के उपयोग और कार्यविधि (uses of sonometer and working)

इसका उपयोग किसी भी स्वरित्र (tuning fork) की अज्ञात आवृत्ति का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
आवृत्ति का मान ज्ञात करने के लिए डोरी में तनाव को नियत रखा जाता है और दोनों नुकीले सिरों के मध्य तार की लम्बाई को भी नियत रखा जाता है और तनाव का मान कम या अधिक करने के लिए लम्बाई को परिवर्तित किया जा सकता है (आवश्यकतानुसार) |
अब एक स्वरित्र को तार पर लगाकर कम्पन्न करवाया जाता है और तार की लम्बाई को तब तक कम या ज्यादा  करते है जब तक की स्वरित्र और तार में उत्पन्न आवृत्ति का मान समान न हो जाए।
जब तार में उत्पन्न आवृत्ति का मान स्वरित्र में उत्पन्न आवृत्ति के बराबर हो जाती है तो इस आवृत्ति का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात  कर लिया जाता है।
यहाँ n = आवृत्ति
l = दोनों नुकीले सिरों के मध्य तार की लम्बाई है।
T = डोरी (तार) में उत्पन्न तनाव
m = लटकाया गया भार