JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Categories: BiologyBiology

एकल कोशिका संवर्धन (Single Cell Culture in hindi) नर्स ऊतक तकनीक , सूक्ष्म प्रकोष्ठ , बर्गमन प्लेटिंग

(Single Cell Culture in hindi) एकल कोशिका संवर्धन क्या होता है ? नर्स ऊतक तकनीक , सूक्ष्म प्रकोष्ठ , बर्गमन प्लेटिंग ?

एकल कोशिका संवर्धन (Single Cell Culture)
एकल कोशिका प्राप्त करने हेतु निम्न तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है-
(प) नर्स ऊतक तकनीक
(पप) सूक्ष्म प्रकोष्ठ तकनीक
(पपप) सूक्ष्म बूंद विधि
;पअ) बर्गमन प्लेटिंग तकनीक
(प) नर्स ऊतक तकनीक
इस विधि में संवर्धन माध्यम में वृद्धि करते हुए कैलस संवर्धन पर एक फिल्टर पेपर रखते हैं। जब वह माध्यम में उपस्थित पोषक तत्वों से संतृप्त हो जाता है तब उस पर एकल कोशिका रख देते हैं जो कुछ समय पश्चात विभाजित होकर काफी कोशिकाओं युक्त कॉलोनी बना देती है। कुछ समय पश्चात कॉलोनी की इन कोशिकाओं को अलग करके इनका संवर्धन कर लेते हैं। यह फिल्टर रेफ्ट तकनीक भी कहलाती है।
(पप) सूक्ष्म प्रकोष्ठ तकनीक
गुहा युक्त (बंअपजल) स्लाइड तथा कवरस्लिप की सहायता से सूक्ष्म प्रकोष्ठ तैयार किये जाते हैं। एकल कोशिका को एक बूंद पोष पदार्थ सहित इस गुहा युक्त स्लाइड पर रख कर कवरस्लिप से ढक देते हैं। कुछ समय पश्चात् स्थूल कॉलोनी बन जाती है जिसका संवर्धन किया जा सकता है।
(पपप) सूक्ष्म बूंद विधि
इस विधि में विशिष्ट प्रकार के पात्रों का इस्तेमाल किया जाता है। क्यूप्रैक पात्र (Cupark dish) में निलम्बन माध्यम की 0.25-0.5 ul बूंद डालते हैं तथा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि पात्र में एकल कोशिका ही उपस्थित हो। इस विधि द्वारा एकल कोशिका जब कई कोशिकायें बना लेती हैं तब विलग करके नये संवर्धन माध्यम पर रख दिया जाता है।
(पअ) बर्गमन प्लेटिंग तकनीक
इस विधि में पेट्रीप्लेट पर एक प्रतिशत अगार में 35°ब् पर पिघले पोष पदार्थ को मिलाकर पेट्रीप्लेट की सतह पर प् उउ मोटी सतह के रूप में भली-भांति फैला देते हैं। इस सतह पर एकल कोशिका डाल करके वृद्धि करने हेतु नये पोष पदार्थ पर स्थानान्तररित कर देते हैं।
(2) संवर्धन माध्यम का निर्जमीकरणरू
सामान्यतः डै माध्यम का उपयोग किया जाता है। पादप की आवश्यताअनुरूप व्हाइट या B5 माध्यम को भी प्रयुक्त करते हैं। 150-250 उस के कोनिकल फ्लास्क या बड़ी परखनली में 40/60 उस तरल माध्यम लेकर उसके मुख पर एब्जोरबेन्ट रूई लगाने के पश्चात् उसे एल्यूमिनियम फॉइल से ढक देते हैं। इन फ्लास्क या परखनली को ऑटोक्लेव में रखकर निर्जमित कर लिया जाता है। यह माध्यम भण्डारित करके रख लिया जाता है व आवश्यकता होने पर कर्तोतकों को संरोपित (inoculate) करने के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है।
(3) कैलस अथवा निर्जमित कर्तोतकों से प्राप्त एकल या कोशिका पुंजों का संरोपण व संवर्धन
कैलस अथवा कर्तोतकों से प्राप्त कोशिकाओं को उपर्युक्त विधि से तैयार अनेक पोष पदार्थ युक्त कोनिकल फ्लास्कों या परखनली में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। इन्हें कक्षीय हलित्र (orbital shaker) पर रख कर इसे 80-120 तचउ पर शुरू (start) कर देते हैं। हलित्र के निरन्तर हिलते रहने से माध्यम व इसमें रखी कोशिकायें हिलती रहती हैं जिससे उनका वातन होता रहता है व वह पुंज में एकीकृत नहीं हो पाती है। गोल अण्डाकर, दीर्घित, कुण्डलित आदि आकारों की तथा पतली भित्ति युक्त होती हैं।
निलम्बन संवर्धन में कोशिका समूह से भ्रूणाभ निर्मत हो जाते हैं जिनमें मूल तथ प्ररोह आरंभिकायें (initials) उपस्थित होते हैं। भ्रूणाभ आगे परिवर्धित होकर बहुकोशिकीय गोलाकार व हृदयाकार आकाल ग्रहण करने के पश्चात् पादपक निर्मित कर लेते हैं। निलम्बन संवर्षों के विभिन्न प्रकार
यह निम्न प्रकार के होते है-
ं(प) बैच संवर्धन रू
ऐसे संवर्धन जिनमें पोष माध्यम व कोशिकायें शुरू से आखिर तक संवर्धन पात्र (100 ml, 200 ml से 2 सपजतम) में रहते हैं उन्हें बैच संवर्धन कहते हैं। इन्हें हलित्र पर रखा जाता है तथा इनका समय-समय पर उपसंवर्धन (sub culture) किया जाता है। यह कोशिका क्लोनन, संरोप आदि के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। इस संवर्धन में कोशिकायें सिग्मोइड वृद्धि चक्र प्रदर्शित करती हैं।
(पप) सतत संवर्धन
इस प्रकार के संवर्धनों में कोशिकाओं की स्थिर संख्या बनी रहती है क्योंकि इनमें मुक्त पोष पदार्थ निकाल कर नवीन मिलाते रहते हैं यह निम्न प्रकार के होते हैं।
(ं) विवृत संवर्धन रू इसमें मुक्त पोष पदार्थ कोशिका सहित निकाल कर नया पोष माध्यम इस हिसाब से मिलाते हैं कि
संवर्धन एक निश्चित दर पर लम्बे समय तक बना रहे। इस प्रकार के संवर्धन रसायन व अविलता स्थायी (chemost
ate, tubridostate) होते हैं।
रसायन स्थाई संवर्धन के पोष माध्यम में एक पोषक (nutrient) इस प्रकार की सान्द्रता में रहता है जिससे पोष पदार्थ
का अवक्षय शीघ्र होने से वह पोषक वृद्धि सीमाकारी हो जाता है अतः उसे मिलाने पर वृद्धि में बढ़ोतरी हो जाती है।
इनका उपयोग कोशिका वृद्धि एवं उपापचय पर पोषकों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
अविलता स्थायी संवर्धन में कोशिका की वृद्धि उस सीमा तक करने देते हैं जब तक अपेक्षित अविलता प्राप्त नहीं हो जाती है। यह आने के बाद संवर्धन के मुक्त आयतन के पर नया पोष पदार्थ इस्तेमाल करते हैं।
(इ) संवृत संवर्धन रू कोशिकाओं के पात्र में बने रहते ही जब मुक्त पोष पदार्थ को निकाल कर उसके स्थान पर नया पोष
पदार्थ मिलाया जाता है तब वह संवृत संवर्धन कहलाता है। इस प्रकार के संवर्धन में कोशिका संख्या व जीव भार दोनों
में ही वृद्धि प्रदर्शित करते हैं।
निश्चलित कोशिका संवर्धन
इसमें कोशिका पुंजों को ऐगेरोस, कैल्सियम एल्जीनेट आदि जैल में आबद्ध करके गोली समान संरचना बना लेते हैं जिसे कॉलम में भर देते हैं तथा इसे कॉलम में अविरल रूप से पोष पदार्थ प्रवाहित करते रहते हैं। निश्चल (immobilçation) के दौरान कार्यिकी (physiology) में अनेक परिवर्तन होते हैं व जो जैव रसायन प्राप्त होते हैं वह लाभदायक होते हैं।
कोशिका जीवनक्षमता
कोशिकाओं की जीवनक्षमता को परखने के लिए समय-समय पर कुछ किये जाते हैं जिससे जीवित व मृत कोशिकों की पहचान हो सके।
तालिका 6: कोशिका जीवन क्षमता परीक्षण
क्र.सं. निलम्बन संवर्धन कोशिका रसायन प्रभाव
1. कोशिका पुंज 0.01% FDA कफ्लुओरेसिन डाइऐसीटेट) से उपचारित करना मृत कोशिकायें लाल व जीवित कोशिकायें हरे रंग में प्रकाशदीप्त
2. कोशिका पुंज 2,3,4 TTC (2, 3, 4 ट्राइफेनिल
टेट्राजोलियम
क्लोराइड) के 1-2%
घोल में रखने पर जीवित कोशिकायें लाल रंग प्रदर्शित करती हैं।
3. कोशिका पुंज 0.025% इवान्स ब्लू
से अभिरंजित करना मृत कोशिका नीले रंग की

निलम्बन संवर्धन में तुल्यकालिता
निलम्बन संवर्धन में सभी कोशिकाओं की विभाजन दर एक नहीं होती है कुछ द्रुत गति से व कुछ धीमी गति से विभाजित होती रहती हैं। अगर सभी कोशिकाओं की एक विभाजन गति रखनी है तो यह आवश्यक है कि सभी की तुल्यकालिता समान हो। सभी कोशिकाओं की विभाजन दर दो प्रकार से रखा जा सकती है।

निलम्बन संवर्धन में तुल्यकालिता

1. संवर्धन माध्यम में 5-अमीनो यूरेसिल हाइड्रॉक्सीयूरिया या फ्लोरोडिऑक्सीयूरेसिल
मिला देते हैं।
2. कर्तोतक की सभी कोशिकाओं में S प्रावस्था पर DNA संश्लेषण अवरूद्ध हो जाता है।
3. सभी कोशिकायें G1 प्रावस्था में पहुंच जाती हैंपर आगे विभाजित नहीं होने से वृद्धि नहीं होती है।
4. G1 अवस्था में पोष माध्यम में निरोधी पदार्थ को विकर द्वारा निष्क्रिय करने पर तुल्यकालिक संवर्धन प्राप्त किया जा सकता है।

1. निलम्बन संवर्धन माध्यम की प्रारम्भिक अवस्था में साइटोकाइनिन मिश्रित नहीं किया जाता।
2. सभी कोशिकायें विभाजित होकर G1 प्रावस्था तक पहुंच जाती है।
3. कोशिकाओं के विभाजन क्रम में तुल्यकालिता प्राप्त करने के उपरान्त साइटोकाइनिन मिला दिया जाता है।

कोशिका निलम्बन संवर्धन के उपयोग
1. इसके द्वारा एकल या कोशिका पुंज से निर्मित होने वाले भ्रूणाभ की प्रक्रिया का अध्ययन किया जा सकता है।
2. तरल पोष माध्यम में उपस्थित कोशिकाओं की कार्यिकी जैव रासायनिकी तथा उपापचयी घटनाओं को समझना व उनका अध्ययन करना आसान होता है।
3. निश्चलित कोशिका संवर्धन द्वारा द्वितीयक उपाचयज का उत्पादन किया जा सकता है।
4. इस विधि द्वारा सामान्य क्लोन व कोशिकाओं को उपचारित करने के पश्चात् उत्परिवर्तित क्लोन बना कर उनसे पादप प्राप्त किये जा सकते हैं।
5. इस संवर्धन द्वारा कोशिका विभाजन की कार्यप्रणाली व इस पर विभिन्न कारकों का क्या प्रभाव होता है इसका अध्ययन किया जाता है।
6. इस संवर्धन से कोशिका के पोषण कोशिका विभेदन व लवक विभेदन के बारे में ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है तथा इसके द्वारा प्रतिरोधी वंशक्रम के बारे में अध्ययन किया जा सकता है।
प्रश्न (Questions)
;a) बहुविकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1. IARI कहां स्थित है
(ं) दिल्ली (इ) लखनऊ
(ब) आसाम ;क) हैदाराबाद
Where is IARi~ situated
(a) Delhi ;b) Lacknow
(c) Assam ;d) Hyderabad
2. रॉयल फर्न का संवर्धन सर्वप्रथम किसने किया
(ं) जार्ज मोरेल (इ) इ.सी. कॉकिंग
(ब) टी. मुराशिगे (क) पी. महेश्वरी ॅ
Who cultured Royal fern for the first time
a) George Morel ;b) E.C.Cocking
c) T.Murashige ;d) P.Maheshwari
3. पादप संवर्धन में प्रयुक्त होते हैं
(ं) ऑटोक्लेव . (इ) लैमिनर वायु प्रवाह
(ब) अपकेन्द्रण यंत्र (क) सभी
Following are used during plant culture : –
a) Autoclave ;b) Laminar air flow
c) Centrifuge ;d) All

उत्तर (।देूमते)
1.(a), 2. (a), 3.(d)
(ठ) रिक्त स्थान भरिए (Fill In the Blanks)
1. पादप जेनेटिक रिसैस ……….. के कार्य से सम्बन्धित हैं।
Plant Genetic Resource is associated with—————
2. ……… पूर्णशक्त कोशिका में कोशिका विभाजन तेज करता है।
In totipotent cells ———– increase the rate of cell division-
3. ……….. ऐल्काहॉल द्वारा कर्तोतकों को निजर्मित करते हैं।
———– alcohol is used to sterilçe explants-
उत्तर (Answers)
1. जर्मप्लाज्म प्रशीतन (Cryopresservation of germplasm),
1. साइटोकाइनिन (Cyatokinin), 2. 70%
(ब्) सत्य ध्असत्य (True or False)
1. HEPA लैमिनर वायु प्रवाह में काम आता है।
HEPA is used in laminar air flow-
2. कम गति के सेन्ट्रीफ्यूज की गति सीमा 500 तचउ होती है।
Centrifuge of less rotation has speed limitations upto 500 rpm-
3. हैलोजन निर्जीकरण में इस्तेमाल होते हैं।
Halogens ae used in sterilçation-
उत्तर (Answers)
1. सत्य (True), 2. सत्य (True), 3. सत्य (True)
(क्) अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
1. निर्जीकरण हेतु भौतिक एजेण्ट का नाम लिखिये।
Name physical agents for sterilçation.
2. बायोटेक्नोलॉजी की परिभाषा लिखिये।
Write the definition of Biotechnology-
3. क्ठज् किन क्षेत्रों में कार्य करती है।
DBt~ works in which fields-
(म्) टिप्पणी लिखिये (Write Short Notes)
1. पादप ऊतक संवर्धन तकनीक पर टिप्पणी लिखिये।
Write a short note on technique of plant tissue culture.
2. पादप संवर्धन में प्रयुक्त उपकरणों पर टिप्पणी लिखिये।
Write short note on tools used in plant culture.
3. निर्जीकरण की अवधारणा पर टिप्पणी लिखिये।
Write a short note on concept of sterilçation.
(थ्) निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
1. कैलस संवर्धन पर एक लेख लिखिये।
Write an essay on callus culture.

Sbistudy

Recent Posts

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

21 hours ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

3 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

5 days ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

5 days ago

elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है

दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…

5 days ago

FOURIER SERIES OF SAWTOOTH WAVE in hindi आरादंती तरंग की फूरिये श्रेणी क्या है चित्र सहित

आरादंती तरंग की फूरिये श्रेणी क्या है चित्र सहित FOURIER SERIES OF SAWTOOTH WAVE in…

1 week ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now