ताप का मात्रक क्या है ? ताप का si मात्रक बताइए si unit of temperature is in hindi celsius or kelvin

si unit of temperature is in hindi celsius or kelvin ताप का मात्रक क्या है ? ताप का si मात्रक बताइए ?

 ताप का मात्रक क्या है?
-ताप का मात्रक केल्विन है
 प्रयोगशाला में प्राप्त अधिकतम तापमान कितना होता है? -108K
 न्यूनतम सम्भव तापमान कितना होता है?
-न्यूनतम सम्भव तापमान 10-8K होता है।
 सूर्य के केन्द्रीय भाग का ताप कितना होता है? -10K
 ठण्डे देशों में जहाँ न्यूनतम तापमान -40°C तक चला जाता है, पारायुक्त तापमापी का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है?
-क्योंकि पारा – 39°ब् पर ही जमने लगता है
 ठण्डे प्रदेशों में कौन से तापमापी का प्रयोग किया जाता है?
-ऐल्कोहॉल युक्त तापमापी का
 ऐल्कोहॉल युक्त तापमापी कितने तापमान पर जमता है? – -115°C
सेल्सियस पैमाने पर बर्फ के पिघलने का ताप कितना होता है? -0°C
 डॉक्टरी थर्मामीटर में किस पैमाने का प्रयोग किया जाता है?
-फारेनहाइट
कुछ पदार्थों के ऊष्मा चालकता गुणांक
भौतिक पदार्थ ऊष्मा चालकता गुणांक (केल्विन में)
(वॉट/मीटर केल्विन)
धातु
ऽ काॅपर 385
ऽ ब्रास 109
ऽ स्टील 48
ऽ एल्युमीनियम 202
ऽ सिल्वर 410
अधातु
ऽ क्वाटर््ज 41.6
ऽ मार्बल 2.08-2.94
ऽ काँच 0.78
गैस
ऽ वायु 0.024
ऽ हाइड्रोजन 0.175
ऽ हीलियम 0.141
ऽ कार्बन डाईआॅक्साइड 0.0146
 ऊष्मा का परिमाण मापने वाले उपकरण को क्या कहते हैं?
-कैलोरीमीटर
 1 कैलोरी ऊर्जा कितने जूल के बराबर होती है? -418 जूल
 ऊष्मा की मात्रा बढ़ने से आयतन पर क्या फर्क पड़ता है?
-आयतन बढ़ जाता है
 जब किसी पदार्थ को गर्म किया जाता है तो उसका ताप बढ़ने पर उसके आकार में वृद्धि हो जाती है। इसको क्या कहते हैं?
-ऊष्मीय प्रसार
 पदार्थ में हुआ प्रसार किस पर निर्भर करता है? -प्रसार गुणांक पर
 ठण्डे देशों में तालाबों के जम जाने पर भी मछलियाँ जीवित रहती है, क्यों?
-क्योंकि जल के जमने की क्रिया ऊपर से नीचे की ओर होती है। इस कारण तालाब का ऊपरी भाग जम जाता है और नीचे वाला भाग 4°ब् पर जल की अवस्था में ही रहता है जिससे मछलियाँ उसमें जीवित रहती हैं
 जल 0°C से 4°C तक गर्म करने पर आयतन में घटता है तथा 4°C के बाद बढ़ना आरम्भ करता है, इसे क्या कहते हैं?
-जल का असामान्य प्रसार
 ऊष्मा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना क्या कहलाता है?
-ऊष्मा का संचरण
 धातु के प्याले में चाय पोना कठिन है, जबकि चीनी मिट्टी के प्याले में चाय पीना आसान है, ऐसा क्यों है?
-चीनी मिट्टी ऊष्मा की कुचालक होने के कारण इसका प्याला ऊपर से गर्म नहीं होता
 एस्किमो लोग बर्फ की दोहरी दीवारों के मकानों में क्यों रहते हैं?
-क्योंकि बर्फ की दोहरी दीवारों के मध्य हवा की परत होती है जो ऊष्मा की कुचालक होती है, जिससे अन्दर की ऊष्मा बाहर नहीं जा पाती है। फलस्वरूप कमरे का ताप बाहर की अपेक्षा अधिक बना रहता है।
 ऊष्मा संचरण की वह प्रक्रिया जिसमें कण स्वयं स्थानान्तरित होते हैं, क्या कहलाती है? -संवहन
 ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें ऊष्मा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ऊष्मा बिना किसी माध्यम के गमन करती है, क्या कहलाती है?
-विकिरण
 चाय की केतली को सतह चमकदार क्यों बनाई जाती है?
-क्योंकि चमकदार तथा श्वेत तल से ऊष्मा का उत्सर्जन बहुत कम होता है
 किसो पिण्ड द्वारा अवशोषित ऊष्मा विकिरण तथा उत्सर्जित ऊष्मा विकिरण के अनुपात को क्या कहते हैं? -पिण्ड की अवशोषण क्षमता
 जो वस्तु अपने पृष्ठ पर आपतित सम्पूर्ण विकिरण को पूर्णतः अवशोषित
कर लेती है, उसे क्या कहते हैं? -कृष्ण पिण्ड (Black body)
 सर्दियों में काले व गहरे रंग के कपड़े क्यों पहने जाते हैं?
-क्योंकि काली वस्तु ऊष्मा की अच्छी अवशोषक होती है, इसलिए गहरे कपड़ों में सर्दी कम लगती है
 किसके नियमानुसार लाल रंग की वस्तु गर्म होने पर हरा प्रकाश उत्सर्जित करेगी? -किरचॉफ के नियमानुसार
 रेगिस्तान में दिन बहुत गर्म एवं रात बहुत ठण्डी क्यों होती हैं?
-क्योंकि रेत दिन में ऊष्मा का अवशोषण करके गर्म हो जाती है तथा रात में ऊष्मा उत्सर्जन करके ठण्डी हो जाती है
ग्रीन हाउस प्रभाव
ऽ कुछ पदार्थ एक विशेष प्रकार के ऊष्मा विकिरण का अवशोषण कर लेते हैं परन्तु अन्य प्रकार का नहीं। इसे वरणात्मक अवशोषण (Selective absorption) कहते हैं। काँच एक ऐसा ही पदार्थ है। यदि विकिरण किसी नीचे ताप के स्रोत से आ रहा हो तो काँच उसका अवशोषण कर लेता है परन्तु यदि विकिरण किसी उच्च ताप वाले स्रोत (जैसे-सूर्य, विद्युत् लैम्प) से आ रहा हो, तो काँच उसका अवशोषण नहीं करता तथा लघु तरंगदैर्घ्य होने के कारण विकिरण को आर-पार निकल जाने देता है।
ऽ काँच के इस गुण के कारण पौधों के रखने के कमरों (Green house) की छतें तथा दीवारें काँच की बनायी जाती हैं। सूर्य से आने वाला विकिरण उनके पार निकल जाता है और पौधों को ऊष्मा मिल जाती है। साथ ही अन्दर के पौधे, फर्श इत्यादि भी ऊष्मा विकिरण निकालते हैं। परन्तु यह विकिरण नीचे ताप के स्रोतों से आने के कारण काँच से होकर बाहर नहीं जा सकता। इसमें से अधिकतर काँच द्वारा अवशोषित हो जाता है तथा ग्रीन हाउस में वापस विकरित हो जाता है और कमरा गर्म बना रहता है।