JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Biology

पाइला में पाए जाने वाले संवेदी अंग का नाम लिखिए , संवेदांग क्या है , Sense organs of pila in hindi

Sense organs of pila in hindi पाइला में पाए जाने वाले संवेदी अंग का नाम लिखिए , संवेदांग क्या है ?

संवेदांग (Sense organs)

पाइला में निम्न मुख्य संवेदांग पाये जाते हैं

  1. सन्तुलन पुटिका ( Statocyst)
  2. जलेक्षिका (Osphradium)
  3. स्पर्शक (Tentacles )
  4. नेत्र (Eyes)
  5. सन्तुलन पुटिका ( Statocyst) : पाइला में एक जोड़ी संतुलन पुटिकाएँ (statocyst) पायी जाती है। ये नाशपाती के आकार (pear shaped) की, क्रीम रंग की खोखली संरचनाएं होती हैं। ये पाद में पादिक गुच्छकों के समीप एक गर्त में उपस्थित होती है। प्रत्येक संतुलन पुटिका अपनी-अपनी तरफ के पादिक गुच्छक (pedal ganglion) से एक संयोजी ऊतक की पट्टी द्वारा जुड़ी रहती है। सन्तुलन पुटिका एक गोल सम्पुट (capsule) नुमा संरचना होती है जो बाहर से संयोजी ऊतक के एक मोटे, दृढ़, चिम्मड़ (leathery ) आवरण द्वारा ढकी होती है।

इस सम्पुट के भीतर एक्टोडर्मल संवेदी कोशिकाओं का इकहरा स्तर पाया जाता है। इन संवेदी कोशिकाओं से तंत्रिका प्रमस्तिष्क गुच्छक (crebral ganglion) को जाती है । सम्पुट की गुहा में तरल पदार्थ भरा रहता है तथा इसमें अनिश्चित संख्या में सन्तुलन कण या स्टेटोकोनिया (statoconia) पाये जाते हैं। ये कण सूक्ष्म या अण्डाकार होते हैं। ये पुटिकाएँ पाइला में सन्तुलन बनाये रखने का कार्य करती है।

सामान्य अवस्था में संतुलन कण पुटिका के मध्य में स्थित रहते हैं। परन्तु संतुलन बिगड़ने पर ये एक तरफ एकत्र होकर संवेदी कोशिकाओं से टकरा कर उन्हें उत्तेजित करते हैं। इस उद्दीपन की तंत्रिका आवेग द्वारा प्रमस्तिष्क गुच्छक को पहुंचा दी जाती है।

  1. जलेक्षिका (Osphradium) : पाइला में जल के रासायनिक परीक्षण के लिए जलेक्षिका (osphradium) नामक संवेदी अंग पाया जाता है। पाइला में केवल एक जलेक्षिका पायी जाती है। यह शरीर के बांयी ओर पायी जाती है। यह बांयी नूकल पालि के प्रवेश द्वार के निकट प्रावार गुहा की छत से लटकी हुई अवस्था में स्थित होती है। यह एक लम्बी चावल के दाने समान अण्डाकार संरचना होती है जो लगभग 7 मिमी लम्बी होती है। इसका एक सिरा नुकीला तथा दूसरा सिरा मूथरे रूप से गोलीय होता है। इसका मध्य भाग सबसे चौड़ा होता है। इसमें मध्य अक्ष के दोनों तरफ तिकोने मांसल पर्णक (leaflets) पाये जाते हैं। पर्णकों की संख्या 22 से 28 होती है। पर्णकों का विन्यास द्विकंकती (bipectinate) विन्यास कहलाता है। मध्य भाग के पर्णक बड़े व किनारे के छोटे होते हैं। प्रत्येक पर्णक का चौड़ा आधारी भाग प्रावार भित्ति से एवं छोटा भीतरी भाग मध्य अक्ष (central axis) से जुड़ा रहता है तथा लम्बा तल स्वतंत्र रहता है। प्रत्येक जलेक्षिका में बायें पार्श्व गुच्छक एक तंत्रिका आती है।

लेक्षिका की आंतरिक संरचना

जलेक्षिका की आंतरिक औतिकी संरचना का अध्ययन इसके अनुप्रस्थ काट द्वारा किया जा सकता है। अनुप्रस्थ काट से स्पष्ट दिखाई देता है कि इसकी बाहरी सतह एक स्तरीय उपकला कोशिकाओं की बनी होती है। इसके भीतर की तरफ एक पतली आधारी कला (basement membrane) पायी जाती है। मध्य भाग में तंत्रिका तंतु, संयोजी ऊतक एवं रक्त अवकाश पाये जाते हैं। उपकला कोशिकाओं के केन्द्रक उनके आधारी भाग में स्थित होते हैं तथा ये कोशिकायें तीन प्रकार की हो सकती हैं

  • संवेदी कोशिकाएँ (sensory cells)
  • पक्ष्माभी कोशिकाएँ (ciliated cells)

(ii) ग्रंथिल कोशिकाएँ (glandular cells)

संवेदी कोशिकाएँ सम्पर्ण सतह पर पायी जाती हैं। पक्ष्माभी कोशिकाएँ किनारे की तरफ ग्रंथिल कोशिकाएँ संवेदी कोशिकाओं के बीच-बीच में छितरायी हुई पायी जाती हैं।

जैसा कि पूर्व में बताया जा चुका है, जलेक्षिका बांयी नकल पालि से भीतर प्रवेश करने का जल की रासायनिक जाँच करती है। सम्भवतः यह घाँण संवेदी अंग (olfactory organ) का भी कार्य करती है। ऑस्फेडियम (osphradium) नाम यूनानी शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ हो है सूंघना। यह भोज्य पदार्थ के चयन में भी सहायक होता है।

  1. स्पर्शक (Tentacles) : पाइला के सिर पर दो जोडी स्पर्शक पाये जाते हैं। इनमें से प्रयास जोड़ी स्पर्शक तो लेबियल स्पर्शक (labial tentacles) कहलाते हैं तथा दूसरी जोड़ी स्पर्शक वास्तविक स्पर्शक (true tentacles) कहलाते हैं। ये अत्यन्त संकुचनशील, तन्तुमय, शुण्डाकार तथा चाबुक समान होते है। ये स्पर्श ग्राही (tactile) होते हैं। लेबियल स्पर्शक स्पर्शग्राही के अलावा स्वादग्राही भी हो सकते हैं।
  2. नेत्र (Eyes) : पाइला के सिर पर एक जोड़ी नेत्र पाये जाते हैं। नेत्र छोटे, पेशीय, मुग्दाकार (club shaped) नेत्र वृन्त (eye stalk) या नेत्रकधर (ommatophore) के शीर्ष पर पाये जाते हैं। नेत्र गोलाकार प्यालेनुमा काले रंग की होते हैं। नेत्र वृन्त द्वितीय जोड़ी स्पर्शकां के पीछे स्थित होते

नेत्र की संरचना के अध्ययन के लिए आवश्यक है कि हम उसके लम्बवत काट का अध्ययन करें। काट में देखने पर पता चलता है कि नेत्र नाशपाती के आकार की प्यालेनुमा संरचना होती है जिसे दृक आशय (optic vesicle) कहते हैं। यह बाहर से चारों ओर से संयोजी ऊतक से दृढ आवरण से ढका रहता है। नेत्र की प्यालेनुमा गुहा काचाभ लैंस से (hyaline lens) से घिरी रहती है। प्याले की भीतरी सतह एक स्तरीय अधिचर्मी (epidermal) कोशिकाओं द्वारा आस्तरित होती है। ये कोशिकाएँ पीछे की तरफ रूपान्तरित होकर संवेदी तथा वर्णक युक्त रेटिना या दृष्टि पटल का निर्माण करती है। दृष्टि पटल या रेटिना में दो प्रकार की कोशिकाएँ पायी जाती हैं

  1. चौड़ी दृष्टि कोशिकाएँ (visual cells) जिनके बाहरी सिरों पर बालों के ब्रश जैसे प्रवर्ध पाये जाते हैं।
  2. आधारी (supporting) या संकुलन कोशिकाएँ (packing cells): ये संकरी कोशिकाएँ होती हैं तथा दृष्टि कोशिकाओं के बीच-बीच में पायी जाती हैं। दृष्टि पटल (retina) नेत्र के अग्र भाग तक सतत (continuous) रहता है तथा लैंस के सामने यह पारदर्शी होकर आन्तरिक कार्निया का निर्माण करता है। इस पारदर्शी स्तर का निर्माण करने वाली कोशिकाएँ घनाकार, वर्णक विहीन तथा छोटे-छोटे केन्द्रकों वाली होती है। बाहरी एपिथिलियमी स्तर, जो वृन्त व शरीरिक सतह को ढकती है, नेत्र के अग्रभाग में पारदर्शी होकर बाहर कॉर्निया का निर्माण करती है। इस स्तर की कोशिकाएँ चपटी आयताकार, असंवेदी, वर्णक विहीन व अग्रंथिल होती हैं।

हालांकि पाइला में एक जोड़ी नेत्र पाये जाते हैं परन्तु पाइला का दृष्टि ज्ञान बहुत कमजोर होता है। यह केवल प्रकाश की तीव्रता का पता लगा सकता है। चूंकि पाइला एक निशाचर प्राणी है अतः इसके नेत्र केवल मंद रोशनी के लिए ही अनुकूलित होते हैं। कुछ घोंघों (snails) में नेत्र नष्ट हो स्थापित हो सकते हैं।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

15 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

15 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now