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प्रतिचयन किसे कहते हैं | प्रतिचयन इकाई की परिभाषा अर्थ मतलब अभिप्राय उदाहरण Sampling in hindi
Sampling in hindi meaning definition types examples प्रतिचयन किसे कहते हैं | प्रतिचयन इकाई की परिभाषा अर्थ मतलब अभिप्राय उदाहरण ?
बोध प्रश्न 6
I) प्रतिचयन इकाई किसे कहते हैं?
II) विभिन्न प्रकार के समष्टि आकलनों के नाम लिखिए।
III) आपेक्षिक समष्टि आकलन किसे कहते हैं?
IV) समष्टि सूचकांक क्या होते हैं?
उत्तरमाला –
6)
I) प्रतिचयन इकाई कोई भी वह आधारीय इकाई होती है जिस पर पीड़कों को गिना जा सकता है, जैसे भूक्षेत्र अथवा पौधे का कोई भी भाग जैसे पत्ती, पुष्पगुच्छ, तना अथवा स्वयं समूचा पौधा
II) समष्टि आकलनों के विभिन्न प्ररूप हैं निरपेक्ष आकलन, आपेक्षिक आकलन तथा समष्टि सूचकांक।
III) आपेक्षिक आकलन किसी क्षेत्र की वास्तविक पीड़क समष्टि का कुछ प्रभाग होता है।
IV) समष्टि सूचकांक में पीड़क उत्पादों का जिक्र किया जाता है जैसे कीटमल, घोंसले अथवा उनके द्वारा हुई क्षति ।
प्रतिचयन विधियाँ (Methods fo Sampling)
उस विधि को जिसके द्वारा खेत के भीतर प्रतिचयन इकाइयों को छांटा जाता है प्रतिचयन विधि (Sampling method) अथवा प्रतिचयन तकनीक (Sampling technique) कहते हैं । खेत में पीड़क तथा प्राकृतिक शत्रु की समष्टि के प्रतिचयन हेतु यादृच्छिक प्रतिचयन का व्यापक उपयोग किया गया है। यादृच्छिक प्रतिचयन में, लिए गए प्रतिचयन प्रत्येक इकाई के शामिल होने का बराबर संयोग होता है। प्रतिचयन इकाइयों के चयन में किसी भी प्रकार की अभिनति (bisa) नहीं होनी चाहिए। कभी-कभार साथ वाले पौधे पर अधिक संख्या में पीड़कों को देखकर वास्तविक प्रतिचयन इकाई को त्याग देने का लालच आ सकता है। ऐसा कभी नहीं किया जाना चाहिए। इकाइयों का यादृच्छिक चयन यादृच्छिक संख्या सारणी के उपयोग से सुनिश्चित होता है। प्रतिचयन इकाई का स्थान दो यादृच्छिक संख्याओं जो दो निर्देशांकों (coordinates) के सहारे दूरियां दशतिं हों, का चयन किया जाता है। निर्देशांकों का प्रतिच्छेदन बिंदु प्रतिचयन इकाई का संकेत देता है। इस विधि में कमी यह है कि हो सकता है कि संयोगवश सभी प्रतिचयन इकाइयां खेत के एक ही क्षेत्र चयनित हो जाएं। यादृच्छिक संख्या सारणी के स्थान पर यादृच्छिक चयन प्रतिचयन इकाइयों का स्थान पहले से ही सोच लिया जाए। उदाहरणतः सरसों, मक्का अथवा चावल के मामले में, जिनमें पौधे एक दूसरे से काफी दूर-दूर होते हैं, कोई चाहे तो फसल की किसी खास पंक्ति में किसी खास पौधे का निरीक्षण किया जा सकता है। पौधों को छांटने के दो तरीके हो सकते हैं, पहला यह कि फसल पर पीड़कों के पहुंचने से पूर्व ही पौधो को छांट कर उन पर टैग लगा दिया जाए और उसके बाद तमाम प्रेक्षण केवल इन्हीं टैग लगे पौधों पर किए जाएं या फिर प्रत्येक प्रतिचयन पर ही पौधों को छांटा जाए। गेहूं जैसी फसलों के मामले में जिनमें पौधे एक दूसरे के बहुत समीप होते हैं, खेत में एक निश्चित संख्या में कदमों तक चलकर भूमि शाखाएं छांटी जाएं। ये विधियां यादृच्छिक संख्या सारणी के उपयोग की अपेक्षा कम यादृच्छिक होती हैं परंतु सरलतर एवं अधिक व्यावहारिक होती हैं। यादृच्छिक प्रतिचयन चार पृथक प्रकार के होते हैं।
1) सरल यादृच्छिक प्रतिचयन
2) स्तरित यादृच्छिक प्रतिचयन
3) क्रमबद्ध यादृच्छिक प्रतिचयन
4) अनुक्रमी प्रतिचयन
सरल यादृच्छिक प्रतिचयन (Simple random sampling)
सरल यादृच्छिक प्रतिचयन को पीड़क समष्टि के आकलन के लिए तब अपनाया जा सकता है जब पीड़क आवास जैसे कि फसल लगा खेत, ढलान, उर्वरता तथा धूप की उपलब्धता आदि समांग हों। इस विधि में समूचे फसल खेत को एकल इकाई के रूप में लिया जाता है। उसके बाद प्रतिचयन इकाइयों को समूचे खेत में यादृच्छिकतरू छांटा जा सकता है। उसके बाद औसत घनत्व निकालने के लिए समस्त प्रतिचयन इकाइयों में पायी गयी सम्पूर्ण समष्टि को प्रतिचयन इकाइयों की संख्या से विभाजित किया जाता है।
स्तरित यादृच्छिक प्रतिचयन (Stratified random sampling)
सामान्यतरू देखा गया है कि खेत सब एक जैसे नहीं होते, खेत के अलग-अलग भागों में ढलान तथा उर्वरता में अंतर हो सकता है तथा कुछ क्षेत्र सायेदार हो सकते हैं। अतरू समूचे खेत को एकल इकाई के रूप में नहीं लिया जा सकता। इन भिन्नताओं के आधार पर फसल की दशा में अंतर हो सकते हैं और इन्हीं अंतरों के आधार पर पीड़क का वितरण भी प्रभावित होगा। उदाहरणतः खेत के जिन हिस्सों में ढलान होने के कारण ज्यादा पानी और उर्वरक पहुंचेगे उनमें फसल ज्यादा स्वस्थ होगी और उस पर पीड़क समष्टि ज्यादा आकर्षित होगी। ऐसी स्थिति में खेत को पहले समांग स्तरों में विभाजित किया जाता है। उसके बाद सम्पूर्ण क्षेत्रफल के सापेक्ष प्रत्येक स्तर में उसके क्षेत्र के अनुपात में प्रतिचयन इकाइयां यादृच्छिक रूप में छांटी जाती हैं। उदाहरणतः मान लीजिए 1000m2 के एक खेत में 200, 400, 300 तथा 100m2 के चार स्तर हैं और इनमें से 100 प्रतिचयन इकाइयां लेनी हैं। अलग-अलग स्तरों के क्षेत्रफल के आधार पर पहले, दूसरे, तीसरे तथा चौथे स्तर से 20, 40, 30 तथा 10 प्रतिचयन इकाइयां लेनी होंगी। इस प्रकार का प्रतिचयन दक्षतापूर्ण होता है, और इससे परिशुद्धता बढ़ती है तथा प्रतिचयन इकाइयों के बीच कम विभिन्नता आती है।
क्रमबद्ध प्रतिचयन (Systematic sampling)
क्रमबद्ध यादृच्छिक प्रतिचयन में पहली प्रतिचयन इकाई का यादृच्छिक चयन किया जाता है। उसके बाद की प्रतिचयन इकाइयों को एक निश्चित अंतराल के बाद छांटा जाता है। उदाहरणतः यदि एक पंक्ति में सौ पौधे हैं तब यादृच्छिक चयन द्वारा छांटा गया पहला पौधा चौथे स्थान का (4 वां) है। तब हमें क्रमबद्ध चयन हेतु 5-5 के अंतर पर 9वां, 14वां, 19वां, 24वां आदि पौधे लेने होंगे, या फिर 10-10 प्रतिचयन इकाइयों के अंतराल पर 14वां, 24वां, 34वां, 44वां पौधा प्रतिचयन इकाई के रूप में लेना होगा। यदि चयन किया गया पौधा रोगग्रस्त हुआ अथवा क्षतिग्रस्त हुआ तब समस्या आ सकती है।
अनुक्रमिक प्रतिचयन (Sequential sampling)
यादृच्छिक प्रतिचयन में प्रतिचयन का आकार यानी पीड़क समष्टि के आकलन के लिए प्रतिचयन इकाइयों की संख्या निश्चित होती है। परंतु, अनुक्रमी प्रतिचयन में प्रतिचयन आकार स्थिर नहीं होता। अगला प्रतिचयन लेना इस बात पर निर्भर होता है कि पिछले प्रतिचयन में क्या निर्णय लिया गया था। खेत में नियंत्रण संबंधी निर्णय लेने हेतु इस प्रकार का प्रतिचयन बहुत उपयोगी होता है। इस योजना के बनाने में पीड़क के वितरण एवं उनके आर्थिक क्षति स्तर को ध्यान में रखना होता है। अतरू यदि पीड़क समष्टि आर्थिक क्षति स्तर के निकट पहुंची होती है तब योजना नियंत्रण उपायों को अपनाने का सुझाव देती है अन्यथा नहीं। लिए जाने वाले प्रतिचयनों की संख्या ग्रस्तता के आकार के अनुसार भिन्न हो सकती है और एक बार पता चल जाए कि पीड़क समष्टि एक खास घनत्व पर स्थिर हो गयी है तब प्रतिचयन समाप्त हो जाता है।
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