(saccharum munja in hindi) मूंज (Munj) :
वानस्पतिक नाम : Frianthus munja
अन्य नाम : Saccharum munja
सामान्य नाम : मून्ज (सरकंड)
रेशे प्राप्त करने वाला भाग : पर्ण
कुल : Graminae or Poaceae
पादप का स्वभाव
- मुंज का पादप एक बीजपत्रीत बहुवर्षीय घास है जो मुख्यतः रेगिस्तान में उगती है।
- इस घास को भूमि के कटाव को रोकने हेतु उगाया जाता है।
- इस घास की पत्तिया मुख्यतः 05 से 08 फिट लम्बी होती है।
- इस घास की मूल तथा आधारी भाग , मजबूत व आकार में बड़ा होता है।
- वर्षा ऋतु में सामान्यतया इसकी पत्तियाँ हरी होती है लेकिन शीत ऋतु में इसकी पत्तियां सुख कर गिर जाती है अर्थात यह घास पर्ण विहीन हो जाती है।
- इस घास का तना सामान्यतया लम्बा , चिकना , अशाखित , चोक के समान , पर्णसंधि युक्त होता है।
- उपरोक्त घास का तना सामान्यत: एक विशेष प्रकार की कुर्सी जिसे मुडडे के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त इसे एक विशिष्ट संरचना , चिक के निर्माण में भी उपयोग किया जाता है।
- इस घास की पत्तियों में एक शिरिय समान्तर शिरा विन्यास पाया जाता है।
- इस घास की पत्तियां सामान्यत: लम्बी चौड़ी तथा तीक्ष्ण किनारे युक्त होती है।
- पत्तियाँ आछादित रहती है व तने की पर्ण संधि को अधिक लम्बाई तक घेरती है।
- मध्य शीत ऋतू तक उपरोक्त घास की पत्तियों को काटकर बंडल के रूप में एकत्रित कर लिया जाता है तथा इसके साथ स्तम्भ को काटकर अलग से एकत्रित किया जाता है जिसे विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जाता है। काटी गयी पत्तियों के बण्डल को धुप में सुखाया जाता है तथा सूखने के पश्चात् लकड़ी के हथोडो से पीटकर एक खुरदरा रेशा तैयार किया जाता है जिसे मुंज के नाम से जाना जाता है।
- पत्तियों से प्राप्त रेशा खुरदरा होने के साथ साथ मोटी प्रकृति का होता है जिसे पतली रस्सिया बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इन रस्सियों को चारपाई बनने हेतु तथा चटाइयो के निर्माण के लिए भी उपयोग किया जाता है।
- प्राप्त रस्सी अन्य कुछ विशिष्ट कार्यो के लिए भी उपयोग की जाती है।
नोट : उपरोक्त घास एक बीजपत्रीत कुल Graminae या Poaceae का सदस्य है।