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गोल कृमि का वैज्ञानिक नाम क्या होता है ? Roundworms scientific name in hindi गोलकृमि सूत्रकृमि
Roundworms scientific name in hindi गोल कृमि का वैज्ञानिक नाम क्या होता है ? गोलकृमि सूत्रकृमि ? कहां पाया जाता है लक्षण किसे कहते है ?
उत्तर : गोल कृमि का वैज्ञानिक नाम “निमेटोडा” या “निमेटोड्स ” होता है |
पादप परजीवी गोलकृमि (Plant Parasitic Nematodes)
निमेटोड्स को गोल कृमि के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है। ये सभी प्रकार के जलीय परिवेश और जीवों (जन्तुओं) तथा पौधों में, मिट्टी
में परजीवी के रूप में और अन्य किसी रूप में पाए जाते हैं। गोल कृमि फाइलम एस्कहेल्मेिन्थेज में आते हैं।
पादप परजीवी गोल कृमि या फाइटोपैरासिटिक निमेटोड्स ऐसे महत्त्वपूर्ण जीवों के समूह हैं जो मिट्टी में पौधे की जड़ों के आसपास रहते
हैं। ये अधिकांशतः सूक्ष्म, लम्बे और बेलनाकार ईल कृमि होते हैं जो 20-25 सेमी. की ऊपरी मिट्टी की परत तक सीमित होते हैं (चित्र 4.1 क)। पादप परजीवी गोल कृमि उगाए गए पौधों को गंभीर क्षति पहुंचाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारी नुकसान होता है। यह नुकसान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जब फाइटो परजीवी गोल कृमि पादप विषाणुओं (वायरस) को संचरित करते हैं या अपने द्वारा ही हानि किए गए भागों से होकर अन्य रोगाणुओं को पौधे में जाने देता है। सभी पादप परजीवी निमेटोड्स का आकार पैना, नुकीला होता है और आगे की ओर निकला हुआ बक्कल स्टायलेट (स्टोमेटोस्टायल) या स्पियर के आकार का होता है (चित्र 4.1 ख) यह पादप कोशिकाओं में छेद बनाने का कार्य करता है। ये परजीवी गोल कृमि छेद की गई कोशिकाओ में से कोशिका द्रव चूस लेते हैं। ये गोल कृमि भोजन लेते समय अपनी लार (सेलाइवा) भी पादप कोशिका में डाल देते हैं। यह लार पौधों के लिए विषैली होती है और संक्रमित पौधे में अनेक क्षण पैदा होते हैं।
कुछ पादप परजीवी गोल कृमि प्रजातियों जैसे मेलोईडोगाइन और हेटेरोडेरा में केवल मादा ही परजीवी होते हैं, जबकि नर द्वितीय चरण किशोर (juvenile) से एक मुक्तजीवी व्यस्क में विकसित होता है, जो मिट्टी में रहता है।
पादप परजीवी गोल कृमि रिसने वाले पानी या मिट्टी के द्वारा एक खेत से दूसरे खेत में । पहुंचते हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जाती है। बाढ़ के पानी से भी काफी फैलाव होता है। संदूषित बीज सामग्री भी इन गोल कृमियों के फैलने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
क्षति के लक्षण
निमेटोड का आक्रमण होने पर पौधों में पोषक तत्त्वों की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं, भले ही मिट्टी में पोषक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों।
ऽ क्षति के कुछ लक्षण हैं अनेक फसलों पर रूट नॉट निमेटोड द्वारा पौधों के विकास का रुक जाना (बौना रह जाना), पौधों का मुरझा जाना, उदाहरण के लिए भिण्डी (चित्र 4.2)।
ऽ उथली जड़ें, क्लोरोसिस (पत्तियों का पीला पड़ना), मिट्टी में पर्याप्त नमी होने के बावजूद सिस्ट निमेटोड द्वारा गर्म मौसम के दौरान कुम्हलानाय अवरुद्ध वृद्धि और इसके साथ सिकुड़न वाली और मुड़ी-तुड़ी पत्तियां, दबे और अनियमित आकार के गुच्छे (मंत ीमंके)।
ऽ संक्रमित गेहूं के दानों की अनियमित आकृति (contour) जो अंत में बीज गाल (seed gall) (गाल पैदा करने वाला निमेटोड द्वारा) में बदल जाता है (चित्र 4.3)।
ऽ पत्तियों के 2.5 से.मी. के अगले सिरों का पीला पड़ना, भूरा होना और अंत में सफेद हो जाना, जो सूख कर लटक जाते हैं। विकसित होती पत्तियों के सिरे मुड़े और सिकुड़न वाले हो जाते हैं । दाने भूसे की तरह हो जाते हैं और धान के मामले में ये विकृत हो जाते हैं (white tip nematode)।
प्रबंधन
खेत में एक बार निमेटोड की नींव पड़ जाने के बाद निमेटोड्स का नियंत्रण, विशेषकर निमेटोसाइड्स से (निमेटोड्स को मारने में प्रयुक्त
रसायन) करना कठिन माना जाता है। यद्यपि, जल्दी बुवाई, संक्रमित खेतों से गैर-संक्रमित खेतों की ओर सिंचाई को मोड़ना, पाश (ट्रैप)
फसल के रूप में गैंदा उगाना, प्लास्टिक मल्च से ढंकना, स्वस्थ पौधों का चयन ऑर्गेनिक संशोधन, प्रतिरोधीध्सहनशील सामग्रीय कानूनी
नियंत्रणय बीजों का गर्म पानी से उपचार (15 मिनट के लिए 52-55 सें.) गर्म हवा से उपचार (शकरकंद जैसी सामग्री वाले एक कक्ष में
55 सें. पर 4 घण्टे के लिए हवा छोड़ना) सिस्ट घटाने के लिए कंदों पर ब्रश से सफाई करनाय जैविक और रासायनिक विधियों (मिटटी
का अनुप्रयोग, बीज उपचार, फोलियर अनुप्रयोग) को प्रभावी पाया गया है। एक सामान्य, व्यावहारिक और आसान मार्ग के रूप में कार्बो
फ्यूरॉन 3 G (2 प्रतिशत भारध्भार) अथवा साबुत नीम बीज पाउडर (5 प्रतिशत भारध्भार) की सिफारिश सब्जियों, अनाजों, और अन्य के
लिए की गई है।
आम तौर पर पौधे उगाने वाले लोग उन्मूलन (खत्म) करने के उपायों पर अधिक भरोसा करते हैं जैसे कि सस्यावर्तन (फसल को
अदल-बदल कर लगाना) और मिट्टी में धूम्र (fumigation) का उपयोग और निमेटोड-प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग करना।
बोध प्रश्न 1
प) रूट नॉट और सिस्ट निमेटोड द्वारा हुए नुकसानों के बीच अंतर बताएं।
पप) एक ऐसी फसल का नाम बताएं जिसे निमेटोड्स को घटाने के लिए पाश (ट्रेप) फसल के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
पपप) निमेटोड प्रबंधन के लिए सामान्य रूप से सिफारिश की गई पांच प्रथाओं को लिखें।
उत्तरमाला –
1) प) रूट नॉट निमेटोडों से फसलों का विकास रुक जाता है और वे मुरझा जाती हैं, जबकि सिस्ट निमेटोड से जड़ प्रणाली उथली हो
जाती है, इनमें क्लोरोसिस हो जाता है और ये मुरझा जाती है।
पप) गैंदा (टेगेटेस प्रजाति)
पपप) उपभाग 4.2.2 देखें। 2)
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