JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: BiologyBiology

पसलियां कितनी होती है ? ribs in human body in hindi मनुष्य के शरीर में पसलियों के कितने जोड़े होते हैं पसलियाँ किसे कहते हैं

ribs in human body in hindi पसलियां कितनी होती है ? मनुष्य के शरीर में पसलियों के कितने जोड़े होते हैं पसलियाँ किसे कहते हैं क्या है ?

Curves :मानव के कशेरूक दण्ड में चार वक्र बनते हैं | ग्रीवा , वक्षीय , कटि और त्रिकग्रीवा और कटि वक्र | यह संतुलन बनाने और दोनों टांगों पर आसानी से चलने में मदद करते हैं | वक्षीय और त्रिक वक्र प्राथमिक वक्र (जन्म के समय उपस्थित) कहलाते हैं | जबकि ग्रीवा और कीट वक्र द्वितीयक वक्र (जन्म के बाद प्रकट होते हैं) कहलाते हैं |

कशेरूक सूत्र : मानव का कशेरुक सूत्र है –

C7 , T12 , L5 , S(4)­.C(3-5) = 33 (children) / 26 in adult

कशेरूक प्रारूपिक रूप से अस्थिल वलय है | इसका छिद्र कशेरुक फोरामेन कहलाता है | कशेरूक दण्ड की सामने की सीमा रेखा बहुत मोटी होती है | यह बॉडी अथवा सेंट्रम कही जाती है | यह ऊपर से और नीचे की ओर से चपटी होती है | कशेरूक फोरामैन की बची हुई सीमा रेखा बहुत पतली होती है | यह कशेरुक चाप कही जाती है |जब कशेरूक एक दूसरे से जुडती है तो adjacent notches (छिद्र) बनाती है जिसे अंतकशेरूक छिद्र कहते हैं | यह मेरू तंत्रिकाओं के प्रवेश के लिए होता है | कशेरूक चाप प्रवर्ध बनाता है जिससे पेशियाँ जुड़ी होती है | प्रवर्ध में मध्य कंटिका प्रवर्ध युग्मित आर्टीकुलर प्रवर्ध और अनुप्रस्थ प्रवर्ध सम्मिलित होते हैं | यह आर्टिकुलर प्रवर्ध कशेरूक चाप की ऊपर और नीचे की दोनों साइड से बना होता है | सुपीरियर आर्टीकुलर प्रवर्ध (प्रीजायगेपोफाइसिस) ऊपर की ओर प्रोजेक्ट होता है और आर्टीकुलर facets आगे की ओर होती है | पश्च योजी प्रवर्ध (पोस्ट जाइगेपोफाइसिस) नीचे की तरफ निर्देशित होता है | ये कशेरुकाओं के मध्य सिमित गति प्रदान करते हैं | अनुप्रस्थ प्रवर्ध कशेरूक चाप से पाशर्वों में होता है |

सभी कशेरुकाओं के कशेरूका फोरामैन जब जुड़ते है तो कशेरूक नाल बनाते है | जो मेरूदण्ड को ढके रखती है | समीपवर्ती कशेरुकाओं के केन्द्र के मध्य फाइब्रोकार्टीलेज के लचीले पेड़ अंतरकोशिकीय डिस्क होते हैं जो कशेरुकाओं को mobility प्रदान करते है और घर्षण और shocks की जांच करते हैं |

Vertebral centra

  • प्रोसीलस – अग्र facet में अवतलनुमा और पश्च उत्तल , उदाहरण – मेंढक , लिजार्ड |
  • एम्फीसिलस – दोनों ओर से अवतल उदाहरण – मेंढ़क की VIII कशेरूका |
  • ओपिस्थोसीलस – पश्च facet पर अवतल अग्र उत्तल उदाहरण यूरोडेला |
  • हेटरोसीलस – अग्र facet अवतल नीचे की ओर उत्तल पश्च सतह व्युत्क्रम उदाहरण पक्षी |
  • एसीलस – अवतलता रहित उदाहरण मेंढक की IX कशेरूका |
  • एम्फीप्लेटीयन – दोनों facets चपटी उदाहरण – मैमल्स |

पसलियाँ : पसलियां पीछे से वक्षीय कशेरूका के साथ जुड़ जाती है और आगे से स्टर्नम के साथ जुड़ जाते हैं | कुल 12 जोड़ी पसलिया होती है | ऊपरी सात जोड़ी पसलियाँ आगे से सीधी स्टर्नम से जुड़ती है | ये सत्य पसलियाँ (vertebrosternalपसलियाँ) कहलाती है | 8th , 9thऔर 10thपसलियाँ असत्य पसलियां कहलाती है | ये एक दूसरे से जुडती है और 7thजोड़ी पसली की कोस्टल सतह से जुड़ती है | निचली दो जोड़ी पसली मुक्त होती है | ये फ्लोटिंग पसली अथवा कशेरूक पसली कहलाती है | पसली की प्रथम जोड़ी अनुप्रस्थ रूप से जुडती है और शेष जोड़ी तिर्यक रूप से जुड़ती है | यह श्वसन गति से सहायता करती है | मंगोलॉईड प्रजाति में 10thपसली भी फ्लोटिंग होती है |

मानव वक्ष पीछे की बजाय किनारे से अधिक चौडा होता है | यह शरीर की सीधे रहने की स्थिति के लिए अनुकूलन है | यह साम्यावस्था बनाने में सहायता करता है |

स्टर्नम : यह सीने के बीच , सामने की तरफ संकरी , लम्बी , चपटी और उदग्र अस्थि है | इसके handle को मैनुब्रियम कहते हैं | मध्यखण्ड जिसे बॉडी कहते हैं और दूरस्थ सिरा जिफोइड प्रवर्ध कहा जाता है |

  1. उपांगीय कंकाल (appendicular skeleton) : यह मेखला और पाद अस्थियों से बना होता है |
  2. मेखला – यह पाद अस्थियों को जुड़ने के लिए सतह देता है | यहाँ प्रत्येक साइड दो मेखलाएँ होती है |
  • अंस मेखला – यह दो अस्थियों स्केपुला और क्लेविकल से बनी होती है | स्कैपुला कन्धा ब्लेड भी कहलाती है | यह बड़ी , चपटी , त्रिकोणीय अस्थि है | जो कन्धो के पीछे स्थित होती है | इसके पाशर्व कोण पर हल्की सी अवतलता होती है | ग्लीनॉइड गुहा , ह्यूमरस के सिर के जुड़ने के लिए स्थान देती है | क्लेविकल कॉलर अस्थि कहलाती है | छड़नुमा अस्थि है | यह पूरी तरह उधर्व रूप से गर्दन के आधार से कंधों तक फैली होती है |
  • श्रोणी मेखला pelvic (Hip) Girdle (coxal bone) – पेल्विस दो इनोमिनेट नाम की अस्थियों (श्रोणी मेखला) से बनी होती है | sacrum and coccyx भी पेल्विस में निर्माण में भाग लेती है | प्रत्येक बिना नाम की अस्थि तीन पृथक हड्डियों इलियम , इश्चियम और प्यूबिस से बनी होती है |बाहरी सतह पर एक खाँच होती है जिसे एसिटाबुलम कहते हैं | यहाँ फीमर का सिर जुड़ता है | प्यूबिस सामने का हिस्सा बनाती है | इलियम ऊपरी भाग और इश्चियम पिछला हिस्सा बनाती है | इश्चियम की ट्यूबरोसिटी इसके निम्नतम बिंदु पर होती है | आबट्यूरेटर फोरामैन बड़ा छिद्र है | जो एसिटाबुलम के नीचे स्थित होता है और यह प्यूबिस और इस्चियम द्वारा सीमांकित होती है | यह झिल्ली द्वारा भरा होता है और इसके ऊपरी भाग पर ओबट्यूरेटर वाहिनी और तंत्रिका जांघ के साथ पेल्विस से गुजरती है |
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

1 month ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

1 month ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

3 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

3 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now